ठंड के ठिठुरन से जनजीवन बेहाल
कुरसेला . ठंड के ठिठुरन ने जन जीवन को बेहाल बना रखा है. बचाव के जतन ठंड प्रकोप के आगे नाकाफी साबित हो रहा है. साधन विहीन लोगों के लिए ठंड का असर शामत बना हुआ है. सर्द हवा के साथ कनकनी प्रकोप मानव सहित पशु-पक्षियों के लिए आफत हो गया है. सूर्य ताप के […]
कुरसेला . ठंड के ठिठुरन ने जन जीवन को बेहाल बना रखा है. बचाव के जतन ठंड प्रकोप के आगे नाकाफी साबित हो रहा है. साधन विहीन लोगों के लिए ठंड का असर शामत बना हुआ है. सर्द हवा के साथ कनकनी प्रकोप मानव सहित पशु-पक्षियों के लिए आफत हो गया है. सूर्य ताप के लिए जनमानस ललाइत बना हुआ है. फसलों के वृद्धि ठंड के असर से रूक सी गयी है. तकरीबन माह भर के कड़ाके की ठंड ने लोगों को परेशान कर रखा है. सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम पड़ गयी है. हाट-बाजारों का चहल-पहल घट गया है. दुकानदारों का कहना है कि ठंड प्रकोप ने मंदी के हालात बना रखे हैं. लोगों का मानना है कि कई वर्षों के बाद इस तरह का ठंड हुआ है. कड़ाके पड़ते ठंड में गरीब, असहाय के बीच कंबलों का वितरण नहीं हो सका है. सरकारी स्तरों पर सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था नहीं होने से लोग ठिठुरते नजर आ रहे हैं. बस-पड़ाव, रेलवे स्टेशन, अस्पताल आदि सार्वजनिक स्थानों पर ठंड प्रकोप में कष्टदायी परेशानियों में जूझना पड़ रहा है.