पता चला कि उसे रेल कर्मचारी के पुत्र चंद्रकिशोर पोद्दार के साथ तड़के देखा गया था. वह पेशे से शिक्षक है. उसने अपहृता को पढ़ाया भी है.
पता करने पर वह युवक भी घर से फरार मिला. इसके बाद पिता ने चंद्रकिशोर पोद्दार को मुख्य आरोपी ठहराते हुए त्वरित कार्रवाई का अनुरोध किया. साथ ही आशंका जतायी कि आरोपी युवक के मित्रों से सख्ती पूर्वक पूछताछ से ही विस्तृत जानकारी मिल सकती है.
इस क्रम में उसके दोस्तों के मोबाइल पर मैसेज पकड़ में आया है. वहीं पुलिस ने आरोपी के पिता से भी सघन पूछताछ कर रही है. इस बाबत आजमनगर कांड संख्या 35/2015 में भादवी 366 (ए) एवं 406 दर्ज कर कार्रवाई कर रही है. इस क्रम में एक खुलासा यह भी हुआ कि नाबालिग लड़की के पास जो सीम कार्ड है, वह विद्यालय प्रबंधक सह प्राचार्य के नाम पर फर्जी तरीके से निकाला गया है.