दो लाख लोग बाढ़ से प्रभावित
कटिहार/ कुरसेला: जिले में बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है. गंगा व कोसी नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी होने के कारण बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में दहशत है. दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. गुरुवार को भी गंगा के बाढ़ का पानी नये क्षेत्र में […]
कटिहार/ कुरसेला: जिले में बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है. गंगा व कोसी नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी होने के कारण बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में दहशत है. दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. गुरुवार को भी गंगा के बाढ़ का पानी नये क्षेत्र में प्रवेश कर गया है.
जिसके कारण लोग अपने परिवार, माल-मवेशी के साथ सुरक्षित स्थानों पर पलायन करने को विवश हो रहे हैं. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार कोसी नदी का जलस्तर लाल निशान से एक मीटर सात सेंटीमीटर ऊपर प्रवाहित हो रहा है. इनके जलस्तर में प्रति घंटा हाफ सेंटीमीटर की वृद्धि हो रही है. नेपाल के बराह क्षेत्र से बुधवार को 118125 व बीरपुर बैरेज से 107425 क्यूसेक शेष पेज 17 पर
दो लाख लोग…
पानी का कोसी नदी में निस्तरण किया गया है. बताया गया है कि नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्र में अधिक वर्षा होने से कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने की संभावना है.
चार प्रखंड पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में : जिले के चार प्रखंड पूरी तरह से बाढ़ के चपेट में आ गये हैं. इनमें कुरसेला, बरारी, मनिहारी एवं अमदबाद प्रखंड गंगा में आये बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इन प्रखंडों में तकरीबन दो लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. बाढ़ पीडि़तों को शुद्ध पेयजल, भोजन तक नसीब नहीं हो रहा है. बाढ़ पीडि़त क्षेत्रों में प्रशासन की ओर से किसी तरह की राहत सुविधा प्रदान नहीं की जा रही है. इससे पीडि़तों की स्थिति दयनीय होती जा रही है.