लड़खराया पैर, बोले बेटी मेरा अंतिम समय आ गया

कटिहार: भूकंप के झटके लगने से शहर के बरमसिया जगरनाथ मंदिर मुहल्ला निवासी 87 वर्षीय नरेश पोद्दार सहम गये. शुक्रवार को भूकंप के झटके लगने के बाद प्रभात खबर से बातचीत में श्री पोद्दार ने कहा कि वह घर में खाना खा रहे थे. इसी बीच उनका पैर लड़खड़ाने लगा. बेटी से कहा कि बेटी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 26, 2015 8:52 AM
कटिहार: भूकंप के झटके लगने से शहर के बरमसिया जगरनाथ मंदिर मुहल्ला निवासी 87 वर्षीय नरेश पोद्दार सहम गये. शुक्रवार को भूकंप के झटके लगने के बाद प्रभात खबर से बातचीत में श्री पोद्दार ने कहा कि वह घर में खाना खा रहे थे. इसी बीच उनका पैर लड़खड़ाने लगा. बेटी से कहा कि बेटी अब मेरा आखिरी समय आ गया. इसी बीच मुहल्ला के लोग घर से बाहर निकल कर भागने लगे. तभी लोगों ने कहा कि भूकंप आया है. तब उन्हें याद आया कि भूकंप से उनका पैर लड़खड़ा रहा था.

उनकी जान में जान आयी. वर्ष 1934 भूकंप याद आ गया. तब उनकी उम्र 7-8 वर्ष का था. लेकिन उस समय का सब कुछ अभी भी याद है. उस समय जब भूकंप आया तो वह पैतृक घर नवगछिया में थे. भूकंप का जैसे ही आभास हुआ. तुरंत इनारा (कुंआ) के तरफ भागे और परती जमीन पर लेट गये. उस समय की स्थिति को याद करने से रोंगटे खड़ा हो जाता है. उसी भूकंप के बाद नवगछिया इलाके में छोटा-छोटा घर बना और उस पर खपरैल लगाया. उनकी घर छत का था. उस समय के भूकंप से घर को अधिक क्षति पहुंची थी. आज के भूकंप से वह 1934 की याद भी ताजा हो गयी.

प्रभात अपील -ऐसे करें भूकंप से बचाव
भूकंप कभी भी आ सकता है. शुक्रवार को कटिहार जिले में दो बार भूकंप के झटके महसूस किये गये. इससे नुकसान भी हुआ है. प्रभात खबर आपसे अपील करती है कि भूकंप जैसे प्राकृतिक आपदा के समय न केवल संयम व समझदारी की जरूरत है बल्कि सोच-समझ कर बचाव के लिए कदम उठना चाहिए.

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