फोटो नं. 33 कैप्सन-खुले आसमान तले रह रहे परिवार प्रतिनिधि, बलिया बेलौन, बलियाबेलौन क्षेत्र के शिकारपुर में तूफान आने के चार दिन गुजरने के बाद भी लोगों की परेशानी कम नहीं हुई है. लोग अब भी खुले आसमान के नीचे रह कर दो वक्त का भोजन तैयार कर बच्चों को खिला रहा है. तूफान पीडि़त असगरी खातून ने बताया कि सोने का घर सहित किचन शेड उड़ गया है. घर में खाने का अनाज नहीं है. मो सरफुद्दीन ने बताया कि घर उजड़ जाने से सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को रखने, खिलाने की हो रही है. घर कब खड़ा होगा, कैसे बनेगा, समझ में नहीं आ रहा है. शंकर बोसाक ने बताया कि कई सौ परिवार प्रभावित हुआ है. कौन किसको मदद करेगा, सरकारी स्तर पर कुछ सहायता नहीं मिला है. गीता देवी ने बतायी कि घर में पुरुष नहीं है. जब तक वह घर नहीं आ जाते हैं, रहने का ठिकाना कैसे बनेगा, वहीं अंचलाधिकारी द्वारा अब तक सर्वे का काम चल रहा है. सीओ सउद आलम ने बताया कि एक सप्ताह में सहायता देने का प्रयास किया जायेगा. इस मौके पर आम आदमी पार्टी कदवा विधानसभा प्रभारी डॉ एमआर हक द्वारा जरूरत मंदों के बीच सहायता राशि दिये जाने से कुछ परेशानी कम हुई है.
तूफान ने सब कुछ लीला, आसमान तले रहने को विवश
फोटो नं. 33 कैप्सन-खुले आसमान तले रह रहे परिवार प्रतिनिधि, बलिया बेलौन, बलियाबेलौन क्षेत्र के शिकारपुर में तूफान आने के चार दिन गुजरने के बाद भी लोगों की परेशानी कम नहीं हुई है. लोग अब भी खुले आसमान के नीचे रह कर दो वक्त का भोजन तैयार कर बच्चों को खिला रहा है. तूफान पीडि़त […]
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