छतों पर लगे टावर बरपा सकते हैं कहर

कटिहार: जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के लोग के भीतर से अभी भी भूकंप का खौफ नहीं निकला है. अब लोग सावधानी के साथ दैनिक कार्यो में व्यस्त रहने लगे हैं. या यूं कहे कि तूफान व भूकंप के झटके के बाद लोगों की जिंदगी पटरी पर आने लगी है. यद्यपि जब प्राकृतिक आपदा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2015 10:01 AM
कटिहार: जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के लोग के भीतर से अभी भी भूकंप का खौफ नहीं निकला है. अब लोग सावधानी के साथ दैनिक कार्यो में व्यस्त रहने लगे हैं. या यूं कहे कि तूफान व भूकंप के झटके के बाद लोगों की जिंदगी पटरी पर आने लगी है. यद्यपि जब प्राकृतिक आपदा आती है, तब हर तरह से लोग आकलन करने में जुट जाते हैं.

प्रभात खबर यह आकलन करने में जुटी है कि अगर भूकंप व आंधी-तूफान जैसी प्राकृतिक आपदा आती है, तो कटिहार जिला उससे मुकाबला के लिए कितना तैयार है. खास कर शहरी व रिहायशी इलाके को फोकस कर प्रभात खबर इस बात का पड़ताल कर रही है कि कटिहार शहर का विकास तथा विभिन्न प्रकार के भवन भूकंपरोधी व तूफानरोधी है या नहीं. प्रभात पड़ताल में यह बात साफ उजागर हुई है कि न केवल निजी भवन के निर्माण में भवन निर्माण नियमावली के मानक की अनदेखी हुई है, बल्कि कई सरकारी व निजी भवन की जजर्रता उसकी व्यथा को खुद बयां कर रही है.

मंगलवार को प्रभात खबर ने यह पड़ताल करने की कोशिश की है कि छत पर कितने मोबाइल टावर लगे हैं. अगर भूकंप अथवा तेज आंधी आयी तो सर्वाधिक नुकसान छत पर लगे मोबाइल टावर वाले मकान व उसके आसपास के घरों को हो सकता है. दूसरी ओर कई सरकारी भवन जजर्र है. जजर्र भवन ही सरकारी कामकाज निबटाने जा रहे हैं. प्रभात पड़ताल की दूसरी किस्त यहां प्रस्तुत की जा रही है.

कहते हैं मेयर
मेयर विजय सिंह ने कहा कि नये भवन निर्माण नियमावली के तहत अब शहर में भवन निर्माण के लिए नक्शा पास किया जाता है. नये नियमावली में कई तरह की प्रक्रिया लागू करने की बात कही गयी है. निगम प्रशासन हर हाल में मानक के अनुरूप भवन निर्माण सुनिश्चित कराने के लिए प्रतिबद्ध है.

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