एनडीए की सरकार बनने के बाद स्थानीय ग्रामीणों की मांग ने जोड़ पकड़ा तो विधायक विभाष चंद्र चौधरी ने विधानसभा में प्रश्न उठाया. वर्ष 2009 से 2015 आ गया लेकिन पावर सब-स्टेशन का निर्माण नहीं हो पाया. बापू सामाजिक विकास संस्था गांधी स्मृति भवन के अधिकारी व सदस्यों ने बताया कि विद्युत पावर सब-स्टेशन निर्माण कार्य दिल्ली की इनरगो कंपनी ने लिया है.
इनरगो के टीम इंजीनियर बालमुकुंद सिंह पूरी टीम के साथ 14 जनवरी 2015 को जमीन सर्वे करने आयी थी और तीन माह में कार्य आरंभ करने की बात कही थी. लेकिन चार माह बीत जाने पर भी विद्युत विभाग निष्क्रिय बना हुआ है. अब चुनाव नजदीक आ गये हैं. कहीं ऐसा तो नहीं कि बरारी की जनता को गुमराह कर पावर सब स्टेशन कार्य के नाम पर राजनीति करने की साजिश हो रही है. जनता अब जान चुकी है. किसी भी प्रकार की खोखली वादों या छलावों को नहीं सहेगी.