छात्र ने उर्दू की दी थी परीक्षा रिजल्ट आया संस्कृत का

फलका (कटिहार): बिहार बोर्ड की लापरवाही व शिक्षा विभाग की भूल एक बार फिर सामने आयी है. इसको लेकर छात्रों व उनके अभिभावकों में काफी मायूसी है. छात्र ने 2015 में उर्दू से मैट्रिक की परीक्षा दी, लेकिन उसका परीक्षाफल संस्कृत से आया है. यह मामला है फलका प्रखंड के बासमति हरि मंडल उच्च विद्यालय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2015 9:07 AM
फलका (कटिहार): बिहार बोर्ड की लापरवाही व शिक्षा विभाग की भूल एक बार फिर सामने आयी है. इसको लेकर छात्रों व उनके अभिभावकों में काफी मायूसी है. छात्र ने 2015 में उर्दू से मैट्रिक की परीक्षा दी, लेकिन उसका परीक्षाफल संस्कृत से आया है. यह मामला है फलका प्रखंड के बासमति हरि मंडल उच्च विद्यालय पोठिया के छात्र सलाम बाबू पिता मुन्ना मुस्ताक का. उसका रोल कोड 14024 है, जबकि रोल नंबर 1500304 है. छात्र ने एक सौ अंक का उर्दू विषय रखा था. प्रवेश पत्र में भी एक सौ अंक का उर्दू विषय ही दर्शाया गया है व उसने उर्दू से ही परीक्षा भी थी.

जब 20 जून को मैट्रिक का परिणाम निकला, तो परीक्षाफल देख कर छात्र व अभिभावक के पैरों तले जमीन ही खिसक गयी. जिस विषय को वह कभी पढ़ा ही नहीं, न ही उस विषय की परीक्षा दी, तो फिर रिजल्ट उस विषय का कैसे आया. संस्कृत विषय में उसका 44 अंक है. बिहार बोर्ड व शिक्षा विभाग के लिए जांच का विषय है. बिहार बोर्ड की लापरवाही के कारण छात्र के अंक प्रमाण पत्र में 220 अंक मिला है.

कहते हैं अभिभावक : छात्र के पिता मुन्ना मुस्ताक का कहना है कि मेरे बेटे ने उर्दू की परीक्षा दी थी. संस्कृत की उसको कोई जानकारी नहीं है, लेकिन परीक्षाफल संस्कृत का आना शिक्षा बोर्ड की लापरवाही की पोल खोलता है.
कहते हैं शिक्षा समिति के जिलाध्यक्ष : जिला शिक्षा समिति के अध्यक्ष नीरज यादव ने बताया कि मामला बिहार बोर्ड की लापरवाही व शिक्षा विभाग की भूल साफ दर्शाता है. इस मामले की जांच अवश्य होनी चाहिए.
कहते हैं प्रधानाध्यापक
विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रेम कुमार ने बताया कि उक्त छात्र ने संस्कृत के स्थान पर उर्दू की परीक्षा दी थी व फार्म भी 100 अंक का उर्दू विषय ही भरा था. प्रवेश पत्र में भी उर्दू विषय दर्शाया गया था, लेकिन संस्कृत विषय का परीक्षाफल आने से बिहार बोर्ड की लापरवाही साफ दिखाई पड़ रही है.

Next Article

Exit mobile version