मुसहरी टोला जाने को नहीं है सड़क

मुसहरी टोला जाने को नहीं है सड़कसमस्या की अनदेखी फोटो नं. 61 से 67 कैप्सन-आमलोगों की प्रतिक्रिया प्रतिनिधि, बरारीशिशिया पंचायत का मुसहरी टोला जाने को सड़क नहीं है. महादलितों को किसी ने रास्ता निर्माण के लिए पहल नहीं किया है. 40 परिवारों का यह गांव सुविधाओं से है महरूम. प्रखंड का शिशिया पंचायत का मुसहरी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 8, 2015 7:48 PM

मुसहरी टोला जाने को नहीं है सड़कसमस्या की अनदेखी फोटो नं. 61 से 67 कैप्सन-आमलोगों की प्रतिक्रिया प्रतिनिधि, बरारीशिशिया पंचायत का मुसहरी टोला जाने को सड़क नहीं है. महादलितों को किसी ने रास्ता निर्माण के लिए पहल नहीं किया है. 40 परिवारों का यह गांव सुविधाओं से है महरूम. प्रखंड का शिशिया पंचायत का मुसहरी टोला में चालीस घर बसा हुआ है. गांव तक जाने के लिए पगडंडी ही मात्र सहारा है. वह भी केला खेत की पगडंडी से लोगों का रोजाना आवागमन होता है. ज्यादा तर घर फूस का है. इंदिरा आवास का भी लाभ कमोवेश ही मिला है. इस गांव में आवागमन की व्यवस्था नहीं रहने से पदाधिकारी भी इस गांव को कम ही जानते हैं. महादलित गांव में एक नया प्राथमिक विद्यालय है, जो भवन विहीन है. शिक्षा के नाम पर कोई खास रुचि नहीं दिखती है. गांव के लोग दिन भर मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण में लगे रहते हैं. लेकिन जो भी जनप्रतिनिधि आये, उन्होंने विकास नहीं किया. सड़क हो जाने से गांव का संपर्क सीधी तौर पर बाजार से हो जायेगा और गांव का विकास होगा. बेचन ऋषि कहते हैं कि 1990 में जब प्रेमनाथ जयसवाल जब विधायक बने थे तो हमलोगों को पर्चा देकर बसाया था. बल्हो ऋषि बताते हैं कि गांव तक सड़क नहीं बनना हमलोगों के लिए अभिशाप है. पल्लू ऋषि ने क्रोधवश बताया कि गांव में चलने का रास्ता नहीं है, पानी नहीं है, कैसे होगा गांव का कल्याण. जुली देवी बताती है कि हमारा बच्चा भी अच्छी पढ़ाई कर आगे बढ़ना चाहता है. जो विकास करेगा, उसे चुनेंगे. उमेश ऋषि ने जनप्रतिनिधि पर आरोप लगाया कि गांव का विकास नहीं किया. सग्गो देवी मायूस होकर बताती है कि गांव में सड़क, बिजली, पानी कुछ नहीं है. ममता देवी बोलती है कि मुसहरी टोला शिशिया जाने की सड़क नहीं है. विद्यालय नहीं है, गंदा पानी का जमाव है. हमारे बच्चे बीमार पड़ते हैं. बाहर गांव के जाना मुश्किल है.

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