करंट से एक ही परिवार के तीन की मौत

कटिहारहसनगंज : थाना क्षेत्र के राजवाड़ा गांव के एक ही परविार के तीन लोगों की मौत करंट की चपेट में आने से हो गयी. खेत में काम करने के दौरान ग्याहर हजार वोल्ट का तार खेत में गिरने से पिता, पुत्र व भांजा करंट की चपेट में आ गये. घटना में लक्ष्मण राम की मौके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2015 10:36 PM

कटिहारहसनगंज : थाना क्षेत्र के राजवाड़ा गांव के एक ही परविार के तीन लोगों की मौत करंट की चपेट में आने से हो गयी. खेत में काम करने के दौरान ग्याहर हजार वोल्ट का तार खेत में गिरने से पिता, पुत्र व भांजा करंट की चपेट में आ गये.

घटना में लक्ष्मण राम की मौके पर ही मौत हो गयी. जबकि लक्ष्मण के पुत्र रंजीत राम व भांजा पुलेस राम की मौत इलाज के दौरान कटिहार मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हो गयी.

घटना के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. एक की मौके पर,

दो की इलाज के दौरान गयी जानराजवाड़ा निवासी लक्ष्मण राम रोज की तरह मंगलवार को भी अपने खेत में काम करने गये थे. उनके साथ उनका पुत्र रंजीत राम (22) एवं भांजा पुलेस राम (20) भी साथ में काम करने खेत पर गये हुए थे. काम करने के दौरान ही खेत होकर गुजरा 11 हजार उच्च क्षमता का तार टूट कर गिर पड़ा. जिसकी चपेट में तीनों आ गये.

करंट की चपेट में आने से लक्ष्मण राम की मौके पर ही मौत हो गयी. जबकि उनका पुत्र रंजीत राम व भांजा पुलेस राम गंभीर रूप से जख्मी हो गया. स्थानीय लोगों की मदद से दोनों घायलों को इलाज के लिए कटिहार मेडिकल अस्पताल में भरती कराया गया. जहां जिंदगी व मौत से जूझते हुए दोनों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

इस घटना के बाद परिजनों की स्थिति काफी खराब हो गयी. घटना स्थल की ओर दौड़ पड़े लोगराजवाड़ा के लोगों को जैसे ही सूचना मिली कि उच्च क्षमता का तार टूटकर गिरने से लक्ष्मण राम सहित उनके पुत्र व भांजा गंभीर हो गये हैं. सभी घटना स्थल की ओर दौड़ पड़े. मौके पर पहुंचने पर पाया कि लक्ष्मण राम की मौत हो चुकी है.

जबकि पुत्र व भांजा की स्थिति काफी खराब हो चुकी है. आन-फानन में लोगों ने दोनों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया, लेकिन दोनों की जिंदगी को बचाया नहीं जा सका.लोग मान रहे विद्युत विभाग की लापरवाही घटना के लिए गांव के लोग पूरी तरह से विद्युत विभाग के पदाधिकारी व कर्मचारी को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं.

लोगों का कहना है कि विभाग की ओर से जर्जर तारों को बदलने की दिशा में कभी कोई ध्यान नहीं दिया जाता है. जब से तार लगा है, उस समय से तार जर्जर हो गया है या ठीक है इसकी जांच तक नहीं की गयी है. जबकि बीच-बीच में जांच होनी चाहिए. ताकि यह पता चल सकें कि तार यदि जर्जर हो गया है तो उसे बदला जा सके.

लेकिन विभाग के पदाधिकारी को इससे कोई लेना देना ही नहीं है. ग्रामीणों व परिजनों का आरोप है कि इस घटना के लिए पूरी तरह से विद्युत विभाग जवाबदेह है. ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की भी मांग की है.

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