नक्सली व आतंकी ने पूर्व कटिहार में ली थी पनाह

कटिहार : कटिहार रेल मंडल की बात की जाये तो कटिहार अंतराष्ट्रीय बाॅर्डर नेेपाल व बंगलादेश से सटी है, जिसके कारण आतंकी के लिए यह सेफ जोन की तरह है. कटिहार रेल मंडल पर आतंकी या नक्सली हमला जैसे घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है. इसके बावजूद कटिहार रेल मंडल में सुरक्षा व्यवस्था […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2015 8:03 PM

कटिहार : कटिहार रेल मंडल की बात की जाये तो कटिहार अंतराष्ट्रीय बाॅर्डर नेेपाल व बंगलादेश से सटी है, जिसके कारण आतंकी के लिए यह सेफ जोन की तरह है. कटिहार रेल मंडल पर आतंकी या नक्सली हमला जैसे घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है. इसके बावजूद कटिहार रेल मंडल में सुरक्षा व्यवस्था सिर्फ नाम की है.

बताते चले कि पंजाब के गुरदासपुर में हुए आतंकी हमले व निकटतम रेलवे स्टेशन से केन बम को लेकर आइबी ने देश के सभी महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन को हाइअलर्ट कर दिया है. जबकि आइबी ने बीते दिन पूर्व यह भी आदेश जारी किया है कि पंजाब गुरदासपुर में दो आंतकी की मौत उपरांत चार आतंकी जिसकी अंतराष्ट्रीय बाॅर्डर के समीप बिहार में होने की आशंका भी जताया जा रहा है. बावजूद रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पुरी लचर है.

ज्ञात हो कि कटिहार व इसके सीमांचल क्षेत्र आतंकी का पनाहगार रह चुका है. कई आतंकी संगठन के आकाओं की गिरफ्तारी उपरांत आतंकी के निशानदेही पर कटिहार जिले तथा इसके आसपास के क्षेत्र से खुफिया विभाग गिरफ्तार कर चुकी है. नेपाल बार्डर से पकड़ाये यासिन भटकल के सहयोगी को वसीरूद्दीन को कदवा से, पश्चिम बंगाल के करणदिग्घी से अलाउद्दीन, मालदा से ऐश्तार शेख, व अबु बकर की गिरफ्तारी की गयी थी.

नक्सली के हमले से बाल बाल बचा था राजधानी बीते वर्ष पूर्व 2009 में कटिहार- बरौनी रेल खंड पर कुरसेला स्टेशन के समीप राजधानी एक्सप्रेस के चालक की सूझ बूझ से एक बड़ी घटना टल गयी थी.

बताया जाता है कि राजधानी ट्रेन के समय रेल खंड को उड़ाने की साजिश नक्सली ने की थी. जिसे जिला प्रशासन ने भी माना था कि यह नक्सली वारदात ही थी. इसके अतिरिक्त फलका में भी नक्सलियों ने कई घटना को अंजाम दिया. बारसोई के तेलता ओपी में सात नक्सली को गिरफ्तारी भी किया गया था. जिसमें कई जोनल कमांडर भी थे.

फिर रेल की सुरक्षा व्यव्स्था इतनी लचर क्यों. आखिर रेल प्रशासन इस व्यवस्था को सुढ़ृढ करने के लिए कोई ठोस पहल क्यों नहीं करती है. कहते हैं डीआरएम इस संबंध में डीआरएम उमाशंकर सिंह यादव से बात करने पर उन्होंने कहा कि पैंसेजर ट्रेन में बम मिलने के बाद सभी ट्रेनों व रेल स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.

बम मिलना रेल पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है. यदि रेल पुलिस सजग नहीं रहती तो बम बरामद नहीं हो पाता. उन्होंने कहा कि समय-समय पर ट्रेन व रेलवे स्टेशनों पर रेल पुलिस की ओर से गहन जांच पड़ताल व छापेमारी अभियान चलाया जाता है.

कहते है एसआरपी–एसआरपी जितेंद्र मिश्रा ने इस संदर्भ में कहा कि जहां तक बम की बात है तो वह बंगाल से आया था और सूचना मिलते ही उस बम को अविलंब बरामद कर लिया है. ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए हमेशा ट्रेन व प्लेटफार्म पर चेकिंग अभियान चलाया जाता है. यहां तक कि ट्रेनों में यात्रियों की बिडियों रिकार्डिंग भी कराया जाता है ताकि संदेहास्मद यात्रियों पर कार्रवाई हो सके. एसआरपी श्री मिश्रा ने कहा कि जीआरपी अपने साधन अनुसार कार्रवाई करती है और आरपीएफ व सिविल पुलिस से भी मदद लेते है.

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