वश्विसनीयता मीडिया का आधार

विश्वसनीयता मीडिया का आधार राष्ट्रीय प्रेस दिवस. जिला जन संपर्क कार्यालय परिचर्चा का आयोजन, बोले डीएमफोटो नं. 1 कैप्सन मंच पर बैठे डीएम व अन्य अधिकारी.प्रतिनिधि, कटिहारस्थानीय विकास भवन के सभागार में सोमवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर जिला जन संपर्क कार्यालय के द्वारा परिचर्चा का आयोजन किया गया. ‘विचारों की अभिव्यक्ति के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2015 6:57 PM

विश्वसनीयता मीडिया का आधार राष्ट्रीय प्रेस दिवस. जिला जन संपर्क कार्यालय परिचर्चा का आयोजन, बोले डीएमफोटो नं. 1 कैप्सन मंच पर बैठे डीएम व अन्य अधिकारी.प्रतिनिधि, कटिहारस्थानीय विकास भवन के सभागार में सोमवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर जिला जन संपर्क कार्यालय के द्वारा परिचर्चा का आयोजन किया गया. ‘विचारों की अभिव्यक्ति के रूप में कार्टून एवं व्यंग्य चित्र के प्रभाव व महत्व’ विषय पर आयोजित इस परिचर्चा का उद्घाटन जिला पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने किया. जबकि डीपीआरओ अक्षय रंजन ने विषय प्रवेश कराते हुए मौजूदा समय में कार्टून एवं व्यंग्य चित्र के प्रभाव व महत्व पर प्रकाश डाला. अपने उद्घाटन संबोधन में डीएम श्री सिंह ने बिट्रिश हुकूमत से लेकर आजादी के समय तथा उसके बाद की स्थिति पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि राजा राम मोहन राय से लेकर एक से एक हस्ती इस देश में पैदा हुए. भारतीय लेखकों-पत्रकारों की दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान है. लंबे समय से विचारों की अभिव्यक्ति में कार्टून व व्यंग्य चित्र का प्रभाव रहा है. कई प्रसंगों व उदाहरण का जिक्र करते हुए डीएम ने कहा कि समय के साथ ही पत्रकारिता में व्यापक बदलाव है. खासकर नब्बे के दशक से मीडिया में प्रतिस्पर्धा अधिक आयी. पहले प्रिंट मीडिया का अधिक महत्व था. उसके साथ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया. अब सोशल मीडिया का जमाना आ गया. इस जमाने में हर कोई पत्रकार बन गया. उन्होंने कहा कि सबसे पहले व सबसे तेज के चक्कर में कई बार गलत रिपोर्टिंग हो जाती है. जिससे बचने की जरूरत है. मीडिया का आधार विश्वसनीयता है. इसलिये संयम व संवेदनशीलता के साथ पत्रकारिता की जानी चाहिए. मौके पर अपर समाहर्ता जफर रकीब, वरीय उपसमाहर्ता शंकर रमण, सोमनाथ सिंह, डीपीओ अजीत मंडल, एसडीओ सुभाष नारायण, डीपीआरओ अक्षय रंजन सहित कई अधिकारी मौजूद थे. परिचर्चा में कई पत्रकारों ने विचारों की अभिव्यक्ति में कार्टून एवं व्यंग्य चित्र के प्रभाव व महत्व को रेखांकित किया.

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