वीभत्स घटना का जम्मिेवार आखिर कौन,सड़क दुर्घटना में गत वर्ष 200 सौ से भी अधिक की मौत
वीभत्स घटना का जिम्मेवार आखिर कौन,सड़क दुर्घटना में गत वर्ष 200 सौ से भी अधिक की मौत कटिहार, एक माह पूर्व की हृदयविदारक घटना को लोग अभी भूल भी नहीं पाये कि दूसरी घटना ने सबों को झंकझोर कर रख दिया है. एनएच 31 में दो ट्रक की आमने सामने टक्क र में एक साथ […]
वीभत्स घटना का जिम्मेवार आखिर कौन,सड़क दुर्घटना में गत वर्ष 200 सौ से भी अधिक की मौत कटिहार, एक माह पूर्व की हृदयविदारक घटना को लोग अभी भूल भी नहीं पाये कि दूसरी घटना ने सबों को झंकझोर कर रख दिया है. एनएच 31 में दो ट्रक की आमने सामने टक्क र में एक साथ छह लोगों ने दम तोड़ दिया था. शुक्रवार को फिर एक बड़ी घटना घटी, जिसमें दो बच्चे सहित चार लोगों की मौत हो गयी. उसमें बाद कुरसेला व समेली में भी आक्रोशितों ने जमकर हंगामा किया. कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया तो अस्पताल व विद्यालय में भी तोड़ फोड़ की. यहां तक कि पुलिस को भीड़ पर नियंत्रण करने के लिए लाठी चार्ज व गोली फायरिंग भी करनी पड़ी. डीएम संजय कुमार सिंह, एसपी डॉ सिद्धार्थ मोहन सहित जिले के कई पुलिस अधिकारी घटना स्थल पर तैनात किये गये. क्षेत्र मानों पुलिस छावनी में तब्दील कर दी गयी हो तब भी आक्रोशितों को गुस्सा शांत नही हो रहा था. एनएच 31 को आक्रोशितों ने लगभग आठ घंटा तक जाम रखा. काफी मशक्कत के बाद जिला पुलिस प्रशासन को सफलता मिली ओर लोग शांत हुए और एनएच का जाम हटा. वर्ष 2015 में अबतक अगर सड़क दुर्घटना में मौत की बात की जाये तो सड़क हादसे में तकरीबन डेढ सौ लोगों से अधिक की मौत हो चुकी है. किस माह में घटी घटना———————–सड़क दुर्घटना में सबसे हृदय विदारक घटना अगस्त माह की रही जब कटिहार एन एच 31 पर दो ट्रक की आमने सामने में भिड़ंत हो गयी. इस घटना में दोनों गाड़ी के चालक सहित खलासी व एक गाड़ी में महुआ उतारने को सवार मजदूरोंं की भी मौत हो गयी थी. घटना को देख लोगों के मुंह से अनायास ही आह निकल रही थी. चालक के क्षत विक्षत शव को ट्रक काटकर निकाला गया था. इस मामलें में घटना की वजह ट्रक में महुआ होना बताया जा रहा था. अगर वर्ष 2015 के बीते माह की बात की जाये तो जनवरी माह में सड़क हादसा में 12 लोगों की जाने लील गयी फरवरी माह में प्05 , मार्च में 08, अप्रेल में 07, मई में 13, जून में 10 जुलाई में 15, अगस्त में लगभग 18 लोगों सितंबर में 07, अक्टूबर 14 की मौत हो चुकी है. इन घटनाओं में पांच सौ से भी अधिक लोग घायल हो चुके है. इनके अलावे भी कई घटना ऐसे है जिनकी मौत की न तो प्राथमिकी ही दर्ज हो पायी है तथा कई लोगों की मौत इलाज के क्रम में बाहर हो गयी है. जिले में अगर सड़क हादसा में इस वर्ष मौत की बात की जाये तो दो सौ का भी आंकड़ा पार कर चुका है. जिसमें बीते 14 नवंबर को कटिहार सहायक थाना क्षेत्र के समीप डिभाईडर से टकराने में दो युवक की मौत हो गयी थी जिसमें एक युवक बाढ पटना का रहने वाला था जिस मामले में प्राथमिकी भी दर्ज नही हो पायी थी. ऐसे उदाहरण जिले में बहुत सारे देखेन को मिलते है. ओवर टेक भी बनती है घटना की वजह—————————–राष्ट्रीय राजमार्ग हो या फिर कोई अन्य मार्ग लोगों को अपने गंतब्य स्थान पहुंचने की काफी जल्दी रहती है . चालक तो मानो फर्राटे भरकर उड़ना ही पसंद करते हो जिस कारण कई वाहनों को भी ओवर टेक करते है और इस दौरान ही इस प्रकार की घटना घटती है . जिला पुलिस प्रशासन का नही पुख्ता इंतजाम—————————–जिले के सीमा प्रारंभ होने या फिर सीमा समाप्त होने पर एन एच 31, एच एच 77 या फिर अन्य मुख्य मार्ग पर जिला पुलिस प्रशासन की ओर से गति निर्धारित की तो न बोर्ड दिखती है. और न ही निर्देशित करने वाला या इन चालकों पर नजर रखने वाला कोई कर्मी जिस कारण चालक अपने वाहन का रफ्तार दिये रखते है और गाड़ी दुर्घटना ग्रस्त हो जाती है. ओवर लोडिंग पर तो मानो जिला प्रशासन चुप्पी ही साधे रहती है. तो आखिर इन हादसों का जिम्मेवार कौन होगा.