सरकारी आवास जर्जर, नहीं रहते अधिकारी व कर्मी
सरकारी आवास जर्जर, नहीं रहते अधिकारी व कर्मी फोटो नं. 34 कैप्सन-जर्जर भवन.प्रतिनिधि, प्राणपुरप्रखंड मुख्यालय के प्रखंड एवं अंचल आवास पुनर्निर्माण के लिए सूबे की नयी सरकार से पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने उम्मीद लगा रखी है. प्रखंड एवं अंचल के कुल 24 कर्मी का आवास था. 1987 के बाढ़ पानी व भवन जर्जर होने को […]
सरकारी आवास जर्जर, नहीं रहते अधिकारी व कर्मी फोटो नं. 34 कैप्सन-जर्जर भवन.प्रतिनिधि, प्राणपुरप्रखंड मुख्यालय के प्रखंड एवं अंचल आवास पुनर्निर्माण के लिए सूबे की नयी सरकार से पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने उम्मीद लगा रखी है. प्रखंड एवं अंचल के कुल 24 कर्मी का आवास था. 1987 के बाढ़ पानी व भवन जर्जर होने को लेकर स्टाफ व पदाधिकारी धीरे-धीरे खिसक गये. एक तरफ स्टाफ को अपने परिवार के साथ रहने के लिए बच्चे की पढ़ाई और आवास की समस्या खड़ी हो गयी. वहीं दूसरी तरफ ग्रामीणों को अंचल एवं प्रखंड से होने वाले विभागीय कार्य में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. पूर्व में स्टाफ रहने समय गांव, चौक-चौराहों एवं प्रखंड ग्राउंड में चहल-पहल दिखाई पड़ती है. अब प्रखंड, अंचल, थाना, अस्पताल, बैंक, समेकित बाल विकास परियोजना, कृषि एवं बीआरसी व मनरेगा कार्यालय रहने के बाद भी शाम ढलते ही सन्नाटा सा महसूस होता है. वहीं ग्रामीणों ने नये सरकार से मरम्मत कर स्टाफ को पुन: रखने की मांग सरकार से की है.