धूमधाम से मनाया गया नागरिक सुरक्षा का 62वां स्थापना दिवस
नागरिक सुरक्षा का 62वां स्थापना दिवस शुक्रवार की संध्या न्यू मार्केट स्थित एक होटल में मनाया गया.
कटिहार. नागरिक सुरक्षा का 62वां स्थापना दिवस शुक्रवार की संध्या न्यू मार्केट स्थित एक होटल में मनाया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य वार्डन अनिल चमरिया ने की. मुख्य वार्डन अनिल चमरिया ने नागरिक सुरक्षा के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसकी स्थापना पहली बार द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 24 अक्तूबर 1941 में हुई. इसका उद्देश्य नागरिकों के जानमाल एवं संपत्ति की सुरक्षा करना था. साथ ही यह भी सुनिश्चित करना था कि देश की औद्यौगिक एवं आर्थिक गतिविधियों में निरंतरता बनी रहे. 1945 में युद्ध समाप्ति के बाद संगठन को बंद कर दिया गया. 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद इसकी आवश्यकता समझते हुए 14.11.62 को डायरेक्टर जनरल, सिविल डिफेंस पद का सृजन किया गया. 1965 के भारत-पाक युद्ध के अनुभव पर विचार कर मई 1968 में संसद ने नागरिक सुरक्षा अधिनियम पारित किया. 1971 के भारत-पाक युद्ध में नागरिक सुरक्षा की भूमिका सराहनीय रही. चीफ वार्डन अनिल चमरिया ने अपने संबोधन में बताया कि शांतिकाल में भी नागरिक सुरक्षा बाढ़, भूकंप, तूफान, अकाल, अगलगी आदि आपदाओं में राहत तथा बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. उन्होंने विगत दिनों दुर्गा पूजा, छठ, मोहर्रम, चुनाव कार्य आदि में स्वयंसेवकों की भूमिका की प्रशंसा की. सभा में सभी स्वयंसेवकों ने नागरिक सुरक्षा की औपचारिक शपथ ली कि नागरिक शिक्षा के उद्देश्यों के प्रति वे प्रतिबद्ध रहेंगे. कटिहार नागरिक सुरक्षा के कार्य कलापों के बारे में एक पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन भी दिया गया. इस अवसर पर एक क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी. सभा में शैलेंद्र सिन्हा, पवन कुमार ने भी अपने विचार प्रगट किये. आयोजन में राज किशोर यादव, मनोज कुमार दास, प्रवीण केशरी, राजा बाबू, राज अमन, वीना कुजूर, ज्योति कुमारी आदि का योगदान रहा.
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