हर महीने एड्स के 32 मामले आते हैं सामने
कटिहार : पहली दिसंबर को होने वाली विश्व एड्स दिवस को लेकर वैश्विक स्तर के साथ-साथ भारत, बिहार व कटिहार जिले में भी विविध स्तरों पर तैयारी की जा रही है. मंगलवार को होने वाले इस दिवस के मौके पर कई तरह के आयोजन की तैयारी सरकारी व गैर सरकार संगठनों के तरफ से की […]
कटिहार : पहली दिसंबर को होने वाली विश्व एड्स दिवस को लेकर वैश्विक स्तर के साथ-साथ भारत, बिहार व कटिहार जिले में भी विविध स्तरों पर तैयारी की जा रही है. मंगलवार को होने वाले इस दिवस के मौके पर कई तरह के आयोजन की तैयारी सरकारी व गैर सरकार संगठनों के तरफ से की गयी है.
जानकारी ही बचाव के अवधारणा के साथ वर्षों से विश्व एड्स दिवस हर साल एक दिसंबर को मनायी जाती है. सरकारी व गैर सरकारी स्तर पर किये जा रहे तमाम प्रयासों के बाद भी एचआइवी व एड्स पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं हो सका है. हालांकि एचआइवी व एड्स के फैलाव में थोड़ी कमी जरूर आयी है.
यद्यपि सरकारी स्तर पर राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन व बिहार एड्स कंट्रोल सोसाइटी के द्वारा एचआइवी व एड्स की रोकथाम को लेकर कई तरह के अभियान चलाये जा रहे हैं. हालांकि पिछले एक साल से पर्याप्त आवंटन के अभाव में जागरूकता अभियान दम तोड़ रहा है. जबकि विभागीय स्तर पर राशि की कमी के बावजूद जागरूकता अभियान चलाने का दावा जरूर होती रही है.
बहरहाल, इन तमाम दावों, प्रयासों के बीच कटिहार जिले में एचआइवी व एड्स के मामले बढ़ रहे हैं. विश्व एड्स दिवस पर प्रभात खबर की जिले में एचआवी व एड्स के मामलों को लेकर पड़ताल करती यह रिपोर्ट. -हर महीने 32 नये मामले का होता है उजागरस्वास्थ्य विभाग के रिपोर्ट पर भरोसा करें तो 31 अक्तूबर 2015 तक कटिहार जिले में कुल 2323 एचआइवी व एड्स के मामले चिन्हित किये गये हैं.
इसमें 1283 पुरुष व 1040 महिला एचआइवी पॉजिटिव है. अगर सिर्फ चालू वर्ष यानी जनवरी 2015 से अक्तूबर 2015 तक के आंकड़ों पर नजर डाले तो इस अवधि में 315 नये मामले उजागर हुए हैं. यानी हर महीना औसतन 32 नये मामले सामने आ रहे हैं. उदासीनता की वजह से दम तोड़ता अभियानएचआइवी व एड्स की रोकथाम के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा कई तरह की व्यवस्था दी गयी है.
एचआइवी व एड्स की रोकथाम में सबसे अधिक योगदान विभिन्न स्तरों पर होने वाले जागरूकता अभियान की है. लेकिन पिछले एक साल में आवंटन नहीं होने से जागरूकता अभियान पर ग्रहण लग गया है. इससे ‘जानकारी ही बचाव’ जैसे अवधारणा पर भी सवाल खड़ा होने लगे हैं. हालांकि विभागीय स्तर पर यह दावा जरूर किया जा रहा है कि आवंटन नहीं होने के बावजूद जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.
एचआइवी पीड़ित महिला को होती परेशानीखासकर एचआइवी पीड़ित गर्भवती महिलाओं को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है. दो माह पूर्व तक गर्भवती महिला को स्थानीय सदर अस्पताल प्रशासन ने प्रसव कराने से इंकार कर दिया तथा उस महिला को भागलपुर रेफर कर दिया गया.
भागलपुर के बाद महिला को पटना रेफर कर दिया गया. कटिहार-भागलपुर-पटना का चक्कर लगाने के बाद भी महिला का सरकारी अस्पताल में प्रसव नहीं हो सका. तब किसी तरह राशि की व्यवस्था कर उस महिला का निजी हॉस्पिटल में प्रसव कराया गया. इस तरह कई महिलाओं के साथ भी हुआ.
स्थानीय स्वास्थ्य प्रशासन की माने तो सेफ्टी कीट नहीं होने की वजह से एचआइवी पीड़ित गर्भवती महिला का प्रसव कराने में कठिनाई होती है. हालांकि एचआइवी व एड्स पीड़ित महिला का प्रसव कराने को लेकर गाइड-लाइन में सेफ्टी कीट की अनिवार्यता का कहीं जिक्र नहीं है.
जिले में उपलब्ध सुविधाएं-कटिहार जिले में एचआइवी की रोकथाम व परामर्श के लिए इन सुविधाओं की व्यवस्था की गयी है. 1. आईसीटीसी – 072. पीपीसीटीसी – 023. एफआइसीटीसी – 094. एसटीआइ -015. एआरटी -016. टीआई प्रोजेक्ट – 017. कम्युनिटी केयर सेंटर – 01-कहते हैं डीपीएमएचआइवी व एड्स नियंत्रण के डीपीएम शौनिक प्रकाश ने इस संबंध में बताया कि आवंटन के अभाव में सीएस के सहयोग से एचआइवी व एड्स की रोकथाम को लेकर कार्य किया जा रहा है.
18 एचआइवी पीड़ित गर्भवती महिला का सुरक्षित प्रसव कराया गया. सभी नवजात शिशु एचआइवी निगेटिव हैं. जबकि करीब 1600 को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत लाभ दिया गया है.