बस स्टैंड में सुविधा नहीं
बस स्टैंड में सुविधा नहींयात्री परेशान, शेड पर दुकानदारों का कब्जा फोटो संख्या-1,2,3,4,5 कैप्सन-बस स्टैंड की बदहाली बयां करती तस्वीर.प्रतिनिधि, कटिहारबस स्टैंड में यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है. इसके कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हद तो यह है कि यात्रियों के लिए पेयजल तक की भी कोई व्यवस्था नहीं […]
बस स्टैंड में सुविधा नहींयात्री परेशान, शेड पर दुकानदारों का कब्जा फोटो संख्या-1,2,3,4,5 कैप्सन-बस स्टैंड की बदहाली बयां करती तस्वीर.प्रतिनिधि, कटिहारबस स्टैंड में यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है. इसके कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हद तो यह है कि यात्रियों के लिए पेयजल तक की भी कोई व्यवस्था नहीं है. प्यास लगने पर भी यात्रियों को भटकना पड़ता है. प्रभात खबर लगातार जनहित से जुड़े मुद्दे को उठाता रहा है. इसी कड़ी में सोमवार को हमारी टीम ने बस स्टैंड का जायजा लिया और जानने का प्रयास किया कि बस स्टैंड में यात्रियों की किस तरह की सुविधा मुहैया करायी जा रही है. इस क्रम में पाया कि यात्रियों को किसी तरह की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है. खासकर महिला व बच्चों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बस स्टैंड में गंदगी का अंबारबस स्टैंड में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. इससे यात्रियों को वाहनों को इंतजार करने में परेशानी होती है. गौरतलब हो कि कटिहार बस स्टैंड से प्रतिदिन सैकड़ों छोटे-बड़े वाहनों का परिचालन होता है. इससे यहां यात्रियों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन कूड़े-कचरे की सफाई नहीं किये जाने की वजह से यात्री दुर्गंध से परेशान होते हैं. नालियों में गंदगी व कूड़ा भरा हुआ है. ऐसा लगा मानो महीनों से इसकी सफाई नहीं की गयी हो. बस स्टैंड का एक भी ऐसा जगह या कोना ऐसा नहीं दिखा, जो साफ हो. इससे यात्रियों के बीमार होने का खतरा हमेशा बना रहता है. यात्री शेड में सज रही दुकानें बस स्टैंड में बड़े यात्री शेड का निर्माण किया गया है. इसका मकसद था कि यात्री वहां आकर अपने गंतव्य तक पहुंचने के पूर्व कुछ देर के लिए आराम कर सकें, परंतु यहां इसके ठीक विपरीत हो रहा है. बस स्टैंड के शेड में कई दुकानदारों ने अवैध कब्जा जमा रखा है. ठेला पर नाश्ता, चाय, पान व अन्य तरह की दुकानें सजी हुई है. इसके बाद भी जो जगह बचता है, उसमें ठेला, साइकिल आदि लगा दिया जाता है. ऐसे में धूप, बरसात व ठंड से बचने के लिए यात्रियों को खुले में वाहन का इंतजार करना पड़ता है. परिणाम स्वरूप यात्रियों को खुले आसमान के नीचे खड़े रहकर अपने गंतव्य तक जाने का इंतजार घंटों तक करना पड़ता है. इससे सबसे अधिक परेशानी महिलाओं व बच्चों को उठानी पड़ती है. खंडहर में तब्दील हो गया भवनबस स्टैंड में यात्रियों को ठहरने के लिए दो मंजिला भवन का निर्माण कराया गया है. भवन की देख-रेख व समय-समय पर मरम्मत नहीं कराये जाने की वजह से खंडहर में तब्दील हो गयी है. भवन को देखने से लगता है कि कभी भी गिर कर ध्वस्त हो सकता है. लेकिन भवन की मरम्मत की दिशा में कोई काम नहीं किया जा रहा है. भवन की जर्जरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भवन की दीवार पर पीपल के पेड़ उग आये हैं. पीपल का पेड़ धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है. लेकिन इसे हटाने की दिशा में कोई काम नहीं हो रहा है, जबकि नगर निगम का कार्यालय बस स्टैंड के ठीक पीछे अवस्थित है. निगम के पदाधिकारी रोज इस स्थिति को देख रहे हैं लेकिन इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण यात्रियों की जान हमेशा सांसत में पड़ी रहती है. बस स्टैंड में जगह का अभावबस स्टैंड में जगह का भी अभाव है. यहां से जिस तरह वाहनों का परिचालन होता है और जीतने वाहन हैं उस हिसाब से जगह का अभाव बना हुआ है. जिस कारण बस, मिनी बस, यात्री वाहन, ऑटो व अन्य वाहनों के खड़ा करने में परेशानी होती है. एक वाहन निकलता नहीं है कि तीन वाहन बस स्टैंड में घुसने के लिए तैयार रहता है. ऐसे में कई वाहन तो सड़क पर ही खड़े रहते हैं. इसका परिणाम यह होता है कि बस स्टैंड के आसपास की सड़क पर हमेशा जाम की समस्या लगी रहती है. पीने के पानी की व्यवस्था नहीं बस स्टैंड में यात्रियों के लिए पीने की पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में यात्रियों को बोतल बंद पानी पीने को विवश होना पड़ता है. गरीब तबके के यात्रियों को दुकानों पर भोजन, नाश्ता के बाद ही पानी उपलब्ध हो पाता है. निजी स्तर से जो भी चापाकल लगाया गया है वह गंदे नाले के निकट लगा है जिसका पानी पीने से बीमार पड़ने का खतरा बना रहता है. इसके बावजूद यात्री उसी पानी का सेवन कर रहे हैं. लाखों का राजस्व होता है प्राप्त बस स्टैंड से नगर निगम प्रशासन को प्रत्येक वर्ष लाखों का राजस्व प्राप्त होता है. लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ भी यात्रियों को नहीं मिल रहा है. यह स्थिति शहर में अवस्थित बस स्टैंड की है, जहां डीएम सहित नगर निगम के तमाम वरीय पदाधिकारी बैठते हैं. वहां की ऐसी स्थिति है. इस ओर वरीय अधिकारियों को ध्यान देने की जरूरत है.