बीज के चयन में बरतें सावधानी
बीज के चयन में बरतें सावधानी 31 तक कर सकते हैं गेहूं की बोआइ प्रतिनिधि, कटिहार जिले में किसान धान की तैयारी कर खलिहान से घर लाने में जुटे हैं. धान का खेत खाली कर अधिकांश किसान गेहूं व मक्का लगाने की तैयारी में भी जुट गये हैं. कृषि विशेषज्ञों ने कुछ बीज के प्रजातियों […]
बीज के चयन में बरतें सावधानी 31 तक कर सकते हैं गेहूं की बोआइ प्रतिनिधि, कटिहार जिले में किसान धान की तैयारी कर खलिहान से घर लाने में जुटे हैं. धान का खेत खाली कर अधिकांश किसान गेहूं व मक्का लगाने की तैयारी में भी जुट गये हैं. कृषि विशेषज्ञों ने कुछ बीज के प्रजातियों का हवाला देकर 10 दिसंबर 2015 तक गेहूं बोआई का उपयुक्त समय निर्धारित किया है. हालांकि 10 दिसंबर तक आधे से भी कम किसानों ने जिले में गेहूं की बोआइ कर सके हैं. ऐसे में कृषि विशेषज्ञों ने गेहूं बीज के आठ तरह के प्रजातियों का उल्लेख करते हुए दावा किया है कि 31 दिसंबर 15 तक किसान इस प्रजाति के गेहूं की बोआइ कर सकते हैं. कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो गेहूं की कुछ ऐसी प्रजातियों हैं, जिसकी बोआई के लिए 31 दिसंबर 15 तक उपयुक्त समय है. बदलते मौसम व इस क्षेत्र की मिट्टी-जलवायु को देखते हुए 31 दिसंबर तक किसान गेहूं की बोआइ कर सकते हैं. इन प्रजाति की बीज से करें बोआईकृषि विशेषज्ञ के अनुसार 31 दिसंबर 15 तक जिन प्रजाति का गेहूं बीज की बोआई की जा सकती है. उनमें सबौर श्रेष्ठ (बीआरडब्लूू934), एचडी 2285, एचडी 2929, एचआइ 1563, पीबीडब्लू 373, डीबीडब्लू 14, एच डब्लू 2045 व एचयूडब्लू 234 है. कृषि वैज्ञानिक डॉ रमाकांत सिंह ने प्रभात खबर से बातचीत में बताया कि इन प्रजातियों के बीज का उपयोग कर किसान अंतिम दिसंबर तक गेहूं की बोआई कर सकते हैं. सिंचाई व खाद का करें सही उपयोगदिसंबर तक गेहूं की बोआई के लिए 150 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज का उपयोग करें. साथ ही खाद व उर्वरक में भी आवश्यकतानुसार उपयोग करें. 114 किलोग्राम यूरिया, 87 किलोग्राम डीएपी, 33 किलोग्राम पोटास, 25 किलोग्राम पिंक सल्फेट व 10 किलोग्राम बॉरोन अंतिम जुताई के समय मिला कर बीज की बुआई करना उपयुक्त होगा. साथ ही 114 किलोग्राम यूरिया 21 से 25 दिन के सिंचाई के बाद खेतों में डालें. बोआई के 20-25 दिन बाद पहली सिंचाई होगी. दूसरी सिंचाई 40-45 दिन, तीसरी सिंचाई 65-70 दिन व चौथी सिंचाई 90-100 दिन पर किया जाना चाहिए.खर पतवार पर नियंत्रण जरूरीगेहूं के बेहतर पैदावार के लिए खर-पतवार पर नियंत्रण करना जरूरी है. खर-पतवार के लिए पेंडीमिथिलीन 3.3 किलोग्राम की दर से बोआइ के तीन दिनों के अंदर देने से खर-पतवार पर बहुत हद तक नियंत्रण हो सकता है. साथ ही मेटरस्ल्फ्यूशन व सल्फोसल्फ्यूरान 25-30 दिन के अंदर 66 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से दिया जा सकता है. इससे खर-पतवार पर नियंत्रण पाने में आसानी होगी. कहते हैं कृषि वैज्ञानिक केबीके के कृषि वैज्ञानिक डॉ रमाकांत सिंह ने इस संदर्भ में बताया कि वर्णित प्रजाति के बीजों का बोआइ करने व वैज्ञानिक पद्धति से गेहूं को 31 दिसंबर तक लगाया जा सकता है. इससे अच्छी पैदावार के साथ-साथ गेहूं का दाना भी बेहतर होगा.