चोरी व लूटे गये वाहन को बंगाल में खपाते हैं अपराधी

चोरी व लूटे गये वाहन को बंगाल में खपाते हैं अपराधी प्रतिनिधि, कटिहार कटिहार जिले से सटे पश्चिम बंगाल में चोरी की गाड़ी काफी तादाद में अपराधी खपाते हैं. इसका एक मुख्य उदाहरण छपरा से चोरी किया गया, बोलेरो भी बंगाल जा रहा था. जिसे छपरा एसपी से मिली जानकारी के अनुसार उस गाड़ी को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2015 8:20 PM

चोरी व लूटे गये वाहन को बंगाल में खपाते हैं अपराधी प्रतिनिधि, कटिहार कटिहार जिले से सटे पश्चिम बंगाल में चोरी की गाड़ी काफी तादाद में अपराधी खपाते हैं. इसका एक मुख्य उदाहरण छपरा से चोरी किया गया, बोलेरो भी बंगाल जा रहा था. जिसे छपरा एसपी से मिली जानकारी के अनुसार उस गाड़ी को कुरसेला में बरामद करने का प्रयास किया गया. गाड़ी की चाबी भी पुलिस अधिकारी ने निकाल लिया लेकिन अपराधी पुलिस को चकमा देकर गाड़ी वहां से ले उड़ा. इसके बाद फलका थाना पुलिस ने लूटे गये बोलेरो को बरामद कर अपराधी को धर दबोचा. इस सदंर्भ में कटिहार एएसपी छोटे लाल प्रसाद ने कहा कि अपराधी इस चोरी की गाड़ी को बंगाल के मालदा ले जा रहे थे. इसका अभिप्राय है कि कटिहार सहित आसपास के जिलों के चोरी के वाहनों को अपराधी बड़े आसानी से बंगाल में खपाते हैं. राज्य बदल जाने के कारण बिहार पुलिस को चोरी हुई वाहन की बरामदगी करने में कठिनाई होती है तथा अपराधियों को दबोचने में परेशानी होती है. बीते माह पूर्व लूटे गये वाहन व वांछित अपराधी को पकड़ने गयी पुलिस को बंगाल के स्थानीय लोगों ने अपराधी कहकर पिटाई भी किया. दरअसल अपराधियों के परिजन बिहार पुलिस को देख कर विरोध करती है. जिस कारण बिहार पुलिस वहां असहाय बन जाती है. किस प्रकार खपाते हैं चोरी के वाहनपश्चिम बंगाल के सरकारी कार्यालय से मिलीभगत कर अपराधी बड़े ही आसानी से गाड़ी को चेचिस नंबर बदल कर उसका रजिस्ट्रेशन चेंज कर उसे बंगाल नंबर में तब्दील कर उसे पुन: बिक्री कर देते हैं. जिस कारण उस चोरी की गाड़ी को उसको एक अच्छी खासी रकम मिल जाती है. जिला मुख्यालय से महज 60 से 65 किलोमीटर के अंदर बंगाल सीमाकटिहार जिले की बात की जाये तो जिला मुख्यालय में महज 60 से 65 किलोमीटर की दूरी पर पश्चिम बंगाल, चालीस किलोमीटर की दूरी पर झारखंड, एक सौ दस किलोमीटर के अंदर अंतराष्ट्रीय बाॅर्डर नेपाल तथा बंगलादेश का बॉर्डर भी इस अंतराल में ही पड़ता है. सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलिस की कड़ी चौकसी नहीं होने की वजह से अपराधी बेखौफ तरीके से चोरी की गाड़ी को बंगाल लेकर जाते हैं. इस दौरान चोरी के वाहनों की जांच नहीं होने के कारण आसानी से वाहन लेकर दूसरे राज्य बंगाल चले जाते हैं. पूर्व में चोरी किये कई बड़े वाहन नेपाल व बंगाल से बरामदपूर्व में जिले से चोरी किये कई मोटरसाइकिल व बड़े वाहन नेपाल व बंगाल से बरामद किये गये है. बीते वर्ष 2009 में सहायक थाना क्षेत्र के शरीफ गंज से एक बोलरो चोरी हुई थी. बोलेरो नेपाल में बरामद भी हुई लेकिन उस गाड़ी में नेपाल नंबर लग गया था. जिस कारण कटिहार से गयी पुलिस को बैरंग वापस लौटना पड़ा. जबकि पुलिस व वाहन मालिक का कहना भी था कि यह गाड़ी उसकी है. बावजूद पुलिस उक्त गाड़ी को नहीं ला पायी थी. इस प्रकार कटिहार जिले से इन दिनों बीते तीन माह में तीस से अधिक मोटरसाइकिल की चोरी हो गयी है. संभवत: चोरी किये गये मोटरसाइकिल पश्चिम बंगाल में बेच दिया जाता है. जिस कारण लूटे व छीने गये मोटरसाइकिल की बरामदगी मुश्किल हो जाता है.

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