अलविदा 2015: आपदा-विपदाओं के दर्द से कराहता रहा कुरसेला प्रतिनिधि, कुरसेलाआपदाओं-विपदाओं ने 2015 में कुरसेला परिक्षेत्र को कई तरह से दर्द दिये. गंगा नदी के कटाव से लोग परेशान होते रहे. पत्थल टोला खेरिया से लेकर गुमटी टोला तक उपजाऊ भूमि को गंगा खुद में समाती रही. किसान फटेहाल बदहाल बनते रहे. प्राकृतिक आपदाओं का कहर प्रभावित क्षेत्रों के जनमानस के दर्द को बढ़ाता रहा. इसके बावजूद 2015 में भी कटाव निरोधक कार्य प्रारंभ नहीं हो सका. क्षेत्र के एक बड़े भू-भाग की आबादी घर-जमीन कटने के भय से वर्ष भर बेचैन बनी रही. मौसम और प्रकृति के अनुकूल नहीं रहने से क्षेत्र के किसानों के लिए 2015 निराशाजनक साबित हुआ. मक्का, केला, गेहूं, तेलहन, दलहन फसलों की पैदावार किसानों की आशा के अनुरूप नहीं हो पायी. मक्का के मूल्यों में गिरावट ने रही-सही कसर पूरी कर दी. इसी तरह केला फसल पर प्राकृतिक प्रकोप से बेहतर पैदावार की संभावना क्षीण पड़ गयी. गलवा के अलावे कई प्रकोप ने केला कृषकों के उम्मीदों पर पानी फेर दिया. किसान वर्ष भर हताश-निराश बने रहे. फायदे के जगह नुकसान उठाते रहे. राजनीतिक रूप से भी यह साल खट्टे-मीठे अनुभव दे गया. विधानसभा चुनाव में सड़क, बिजली के मांग पर प्रखंड क्षेत्र के शेरमारी चांय टोला के लोगों ने मतदान बहिष्कार की घोषणा की, हालांकि आश्वासनों के बाद इस गांव की आबादी मतदान को राजी हुई. लोकतंत्र के महापर्व में मतदाताओं ने जागरूक होकर मतदान किया. सैकड़ों युवाओं पहली बार मताधिकार का प्रयोग किया. चुनाव आयोग के सख्त बंदोबस्त से विधानसभा चुनाव क्षेत्र में शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ. 2015 जाते-जाते पंचायत चुनाव की दस्तक दे गया. इस वर्ष राष्ट्रीय उच्च पथ-31 व राज्य उच्च पथ कई दुखद हादसों का गवाह बना. दुर्घटनाओं के वजह से क्षेत्रवासी मर्माहत रहे. कुरसेला को इस साल भी विकास का नया स्वरूप नहीं मिल सका. नयी उम्मीदों को ले 2016 के स्वागत के साथ क्षेत्र के आम अवाम 2015 को अलविदा कहने को तैयार हैं.
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अलविदा 2015: आपदा-विपदाओं के दर्द से कराहता रहा कुरसेला
अलविदा 2015: आपदा-विपदाओं के दर्द से कराहता रहा कुरसेला प्रतिनिधि, कुरसेलाआपदाओं-विपदाओं ने 2015 में कुरसेला परिक्षेत्र को कई तरह से दर्द दिये. गंगा नदी के कटाव से लोग परेशान होते रहे. पत्थल टोला खेरिया से लेकर गुमटी टोला तक उपजाऊ भूमि को गंगा खुद में समाती रही. किसान फटेहाल बदहाल बनते रहे. प्राकृतिक आपदाओं का […]
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