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शहर में कैसे रुकेगा अपराध

शहर में कैसे रुकेगा अपराधपुलिस ड्यूटी के प्रति है लापरवाहलगातार हो रही लूट की घटना के बाद भी गश्ती के नाम पर हो रही खानापूर्तिसुरक्षा में कहीं नहीं दिखी पुलिसफोटो संख्या-2,3,4,5,6 कैप्सन-प्रमुख चौक-चौराहे पर भी नहीं दिखे पुलिस के जवान.प्रतिनिधि, कटिहारशहर में लगातार हो रही लूट की घटना के बाद भी पुलिस की कार्यशैली में […]

शहर में कैसे रुकेगा अपराधपुलिस ड्यूटी के प्रति है लापरवाहलगातार हो रही लूट की घटना के बाद भी गश्ती के नाम पर हो रही खानापूर्तिसुरक्षा में कहीं नहीं दिखी पुलिसफोटो संख्या-2,3,4,5,6 कैप्सन-प्रमुख चौक-चौराहे पर भी नहीं दिखे पुलिस के जवान.प्रतिनिधि, कटिहारशहर में लगातार हो रही लूट की घटना के बाद भी पुलिस की कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं हुआ है. हाल यह है कि शहर में सुरक्षा व्यवस्था तक नहीं बढ़ायी गयी है. पुलिस की इसी लचर स्थिति का फायदा उठा कर बेखौफ अपराधी एक के बाद एक लूट की घटना को अंजाम दे रहे हैं. इससे व्यवसायी वर्ग व आम लोगों में दहशत का माहौल है लेकिन पुलिस है कि अपनी कार्यशैली में बदलाव लाने की दिशा में कोई काम ही नहीं कर रही है. गौरतलब हो कि सोमवार को शहर के दो अलग-अलग स्थानों पर बेखौफ अपराधियों ने 10.70 लाख की लूट के घटना को अंजाम दिया था. पहली घटना सहायक थाना के निकट कपड़ा व्यवसायी के कर्मी से दो लाख की लूट की. इसके बाद दूसरी घटना नगर थाना क्षेत्र से पांच सौ मीटर की दूरी पर 8.70 लाख की लूट की घटना को अंजाम दिया था. इसके पूर्व शनिवार को भारत गैस एजेंसी में 3.50 लाख की लूट अपराधियों ने की थी. लूट की बढ़ती घटना के बाद प्रभात खबर ने मंगलवार को नगर व सहायक थाना क्षेत्र के प्रमुख स्थलों का जायजा लिया और जानने का प्रयास किया कि अपराधिक घटनाओं के बढ़ने के बाद पुलिस कितना सजग है. शहर में सुरक्षा कितनी बढ़ायी गयी है. कहां-कहां पुलिस के पदाधिकारी न सही जवानों को ही तैनात किया गया है. जायजा लेने के क्रम में पाया गया कि शहर में कही भी पुलिस के पदाधिकारी या जवानों को सुरक्षा के लिहाज से तैनात नहीं किया गया था. शहर के व्यवसायियों, दुकानदारों व आमलोगों की सुरक्षा व्यवस्था पहले की तरह भगवान भरोसे हो रहा थी. प्रभात खबर टीम ने जिन-जिन क्षेत्रों का जायजा लिया है यहां संक्षिप्त में प्रस्तुत किया जा रहा है. नगर थाना क्षेत्र का हाल नगर थाना व सहायक थाना क्षेत्र के 27 स्थानों चौक-चौराहे, सार्वजनिक स्थानों का जायजा लिया. जायजा दोपहर 12 बजे से अपराह्न तीन बजे तक यानी तीन घंटे तक घूमती रही. लेकिन कहीं भी पुलिस की गश्ती वाहन या पुलिस के पदाधिकारी या जवान नहीं दिखे. इसे बड़ी विडंबना ही कहा जाये कि जिनके कंधों पर सुरक्षा की पूरी जवाबदेही है वे ही अपनी ड्यूटी के प्रति लापरवाह बने हुए हैं. ऐसे में अपराध पर पुलिस कैसे रोक लगायेगी, यह बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है. हमारी मंशा किसी पुलिस पदाधिकारी को नीचा दिखाने की नहीं है बल्कि यह दिखाने की है कि जब सुरक्षा में इस तरह की ढील होगी तो अपराध रोकने की बात ही बेमानी है. इस ओर पुलिस पदाधिकारी को जिम्मेवारी पूर्वक सोचना होगा और कड़े कदम उठाने होंगे. नगर थाना क्षेत्र में सुरक्षा का हालप्रभात खबर की टीम जब नगर थाना क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था का हाल जानने के लिए विभिन्न चौक-चौराहे, सार्वजनिक स्थलों, भीड़-भाड़ वाले इलाकों का जायजा लिया, तो पुलिस की लापरवाही साफ देखने को मिली. नगर थाना के निकट शहीद चौक, बाटा चौक, न्यू मार्केट, हरदयाल चौक, गर्ल्स स्कूल रोड, दुर्गास्थान चौक, महबूब चौक, पटेल चौक, दौलत राम चौक, पानी टंकी चौक, एमजी रोड, गोलछा कटरा, विनोदपुर रोड, महिला कॉलेज रोड, शिव मंदिर चौक, अड़गड़ा चौक सहित अन्य स्थानों का जायजा लेने पर कहीं भी पुलिस का गश्ती वाहन नहीं दिखा और न ही कहीं सुरक्षा के लिहाज से पुलिस के पदाधिकारी व जवान ही ड्यूटी पर दिखे. इन स्थानों पर लोगों का आना-जाना बेरोकटोक जारी था. ऐसे में कोई भी घटना को अंजाम देना अपराधियों के लिए आसान साबित होता है. सहायक थाना क्षेत्र का हालसहायक थाना क्षेत्र में भी यही स्थिति देखने को मिली. कहीं भी पुलिस की गश्ती वाहन व ड्यूटी में तैनात पदाधिकारी, पुलिस नहीं दिखे, जबकि दोनों ही थाना क्षेत्र में सोमवार को दिनदहाड़े लूट की घटना हुई है. हाजीपुर, हृदयगंज, प्रखंड कार्यालय के सामने मैथिल टोला, कारगिल चौक, अंबेडकर चौक, मिरचाईबाड़ी स्थित एसबीआई ब्रांच के निकट, हनुमान मंदिर चौक, सहायक थाना के निकट चौक, जीआरपी चौक, पीएनटी चौक, गोशाला, बरमसिया चौक, ऑफिसर्स कॉलोनी सहित अन्य स्थानों का टीम ने जायजा लिया. लेकिन पुलिस गश्ती में कहीं नहीं दिखी, जबकि शनिवार व सोमवार को थाना क्षेत्र में दो-दो लूट की घटना दिनदहाड़े ही अपराधियों ने अंजाम दिया है. इसके बाद इस तरह की लापरवाही होगी, तो अपराध पर कैसे लगाम लगेगा यह बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है. पुलिस की गश्ती नहीं होने से बढ़ा अपराध प्रभात खबर लगातार इस बात को उठाता रहा है कि शहर में पुलिस की गश्ती नहीं हो रही है. यदि गश्ती होती या चौक-चौराहे पर पुलिस दिखती तो अपराध का ग्राफ इतना नहीं बढ़ता. यह स्थिति जब शहर की है तो जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की क्या स्थिति होगी सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. करोड़ों रुपये सरकार कर रही खर्च जिले में बड़ी संख्या में पुलिस पदाधिकारी व जवानों को इसलिए पदस्थापित किया गया है कि आमलोगों को सुरक्षा मुहैया करायी जा सके. लोग बेखौफ होकर अपना कारोबार कर सके. दिन हो या रात कहीं आ जा सके. उन्हें डर का एहसास नहीं हो. इसके लिए सरकार पुलिस के पदाधिकारी व जवानों को प्रत्येक माह सैलरी के रूप में करोड़ों रुपये वाहन भी करती है. इसके बावजूद यदि लोगों में दहशत हो तो इसे क्या कहा जाये.

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