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आयुर्वेदिक अस्पताल में सुविधाओं का अभाव

आयुर्वेदिक अस्पताल में सुविधाओं का अभाव काहे का अस्पताल जब इलाज ही नहीं होता फोटो नं. 38 कैप्सन-अस्पताल परिसर में रखा जा रहा मवेशियों को. प्रतिनिधि, कटिहार लाखों की लागत से 12 वर्ष पूर्व बना राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल का दो मंजिली इमारत देखरेख के अभाव में जर्जर होने लगा है. भवन की छत पर घास […]

आयुर्वेदिक अस्पताल में सुविधाओं का अभाव काहे का अस्पताल जब इलाज ही नहीं होता फोटो नं. 38 कैप्सन-अस्पताल परिसर में रखा जा रहा मवेशियों को. प्रतिनिधि, कटिहार लाखों की लागत से 12 वर्ष पूर्व बना राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल का दो मंजिली इमारत देखरेख के अभाव में जर्जर होने लगा है. भवन की छत पर घास उग आये हैं. देखने से लगता मानो साफ-सफाई कभी होती ही नहीं हो. यही वजह है कि बड़े-बड़े जंगल झाड़ अस्पताल की छत पर जहां उग आये हैं वही परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. अस्पताल परिसर में ही मवेशियों को रखा जाता है, जिससे और ज्यादा गंदगी फैल रही है. यही नहीं अस्पताल में मरीजों की सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. इस अस्पताल में 12 वर्षों में विभिन्न मदों पर लाखों रुपये खर्च जरूर किये गये. प्राप्त जानकारी के अनुसार उपस्कर पर दो लाख 31 हजार, जागरूकता शिविर के नाम पर 20 हजार एवं आकस्मिकता पर 20 हजार, जेनेरेटर खरीदारी पर 25 हजार, जिसमें ईंधन व्यय की राशि 25 हजार तथा किराये पर वाहन रखने की राशि एक वर्ष के लिए 15 हजार के अलावा तीन सुरक्षा प्रहरी रखा जाना था. प्रत्येक सुरक्षा गार्ड को दो हजार रुपये प्रतिमाह देय था. सूत्रों का बड़ा खुलासाबारह वर्ष पूर्व 2003 में बने आयुर्वेदिक अस्पताल को कल्याण विभाग के पत्रांक 3086 जिसके निदेशक एक कुंगा द्वारा 22 अगस्त 2008 के आलोक में जिला कल्याण विभाग के पत्रांक 79/29 मार्च 2008 को जिलाधिकारी के खाते में कुल 8 लाख 73 हजार आवंटित किया गया था. इसमें 10 वर्षों से बंद पड़े अस्पताल के नाम पर चार सामग्रियों की खरीदारी व व्यय पर खर्च किये गये दवा की उपलब्धता को देख खर्च की गयी राशि का अंदाजा लगाया जा सकता है. आठ लाख 73 हजार में छह लाख उठाव कर खर्च किये गये. कहते हैं ग्रामीणरमण कुमार सिंह भाजपा नेता, बबलू हांसदा, डोमन मंडल, मनोज मुर्मू, तल्लू सोरेन, पंकज मुर्मू, अब्दुल जब्बार, हैप्पी, दुर्गा हेंब्रम, बाबू लाल आदि ग्रामीणों ने जिला पदाधिकारी से अस्पताल को पूर्णरूपेण सुदृढ़ करने व अस्पताल में की गयी खर्च आदि की जांच कराने की मांग की है. कहते हैं चिकित्सकआयुर्वेदिक अस्पताल शीतलपुर आजमनगर के चिकित्सक उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि उपस्कर, दवा, आकस्मिकता इन चारों पर राशि का उठाव हुआ है. भारी अव्यवस्था के बीच लोगों को अस्पताल से सुविधा देे रहे हैं. अव्यवस्था को दूर करने का प्रयास बारसोई अनुमंडल प्रशासन सहित जिला प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकता है.

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