सरकारी क्वार्टर की सड़कें चिकनी, हमारी खराब क्यों

कटिहार : शहर की कई प्रमुख व मुहल्ले की सड़कों की स्थिति बदहाल है. कई स्थानों पर तो सड़क नाम की कोई चीज ही नहीं दिखती है. इसके बावजूद उन मुहल्ले के लोग नगर निगम के भारी-भरकम टैक्स को चुकाने को मजबूर हो रहे हैं. हालत यह है कि जर्जर सड़कों पर पैदल चलने में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2016 8:51 AM
कटिहार : शहर की कई प्रमुख व मुहल्ले की सड़कों की स्थिति बदहाल है. कई स्थानों पर तो सड़क नाम की कोई चीज ही नहीं दिखती है. इसके बावजूद उन मुहल्ले के लोग नगर निगम के भारी-भरकम टैक्स को चुकाने को मजबूर हो रहे हैं. हालत यह है कि जर्जर सड़कों पर पैदल चलने में भी खतरा बना रहता है. जबकि वाहनों कई स्थानों पर तो वाहन का पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है. जबकि दूसरी ओर जिला स्तरीय पदाधिकारियों का जहां सरकारी क्वाटर हैं वहां की सड़कें चकाचक व चिकनी है. उनकी सड़क ऐसी है कि अंधेरे में भी लोग आ-जा सकते हैं. सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है.
आमलोगों की सड़कें खराब व अधिकारियों की सड़क बेहतर? इस मामले को लेकर प्रभात खबर ने शहर की कुछ प्रमुख व मुहल्ले की सड़कों का जायजा लिया है और जानने का प्रयास किया है कि आखिर अधिकारियों की सड़क चकाचक तो आमलोगों को ऐसी सड़क क्यों नहीं नसीब हो रही है.
क्या सरकार आमलोगों के लिए अलग सड़क बनाती है और अधिकारियों के लिए अलग? पड़ताल के दौरान पाया गया कि अधिकारी अपने पद का भरपूर फायदा उठा रहे हैं. मिरचाईबाड़ी में अवस्थित उनके सरकारी क्वाटर के आसपास की सड़क देखने से साफ पता चला कि ऐसी सड़कें तो पूरे जिले में कही नहीं बनती है. जबकि मुहल्ले में बनने वाली सड़क का हाल यह होता है कि एक तरफ से सड़क बनती है दूसरी ओर से टूटना शुरू हो जाता है. आखिर ऐसा क्यों होता है इस पर सबों को विचार करने की जरूरत है.
आलाधिकारियों की सड़कों का हाल
जिला के आला अधिकारियों का निवास क्षेत्र की सड़कें सभी चकाचक व चिकनी है. जहां वाहन सरपट दौड़ती है. पैदल चलने वालों के लिए भी मजेदार है. अधिकारीगण मॉर्निंग वाक भी आसाम से करते देखे जाते हैं. यदि उक्त सड़क किसी कारण टूट-फूट जाता है तो तुरंत उसकी मरम्मती की जाती है. लेकिन शेष जगह की सड़कें यदि खराब होती है तो मरम्मती के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है. इस प्रकार का सौतेला व्यवहार आम लोग अवश्य प्रभावित होते हैं. जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ता है.
डुमरी खाल टीवी टॉवर क्षेत्र की सड़क का हाल
नगर निगम के वार्ड नंबर एक स्थित टीवी टावर के पास बसा डुमरी खाल मुहल्ला आदिवासी हरिजन बाहुल्य क्षेत्र है. उक्त मुहल्ला में अधिकांश सड़क कच्ची है. जबकि एक सड़क मात्र ईंट सोलिंग की है. वह भी जर्जर होकर चलने लायक नहीं है. बरसात के दिनों में तो इस सड़क पर चलना भी मुश्किलों हो जाता है. जबकि उस मुहल्ला से सटे जुड़ा हुआ कृष्णा नगर डुमरी खाल एवं कृष्णा नगर महानंदा कॉलोनी का भी वही हाल है
अफसर कॉलोनी बुद्धूचक का हाल
यह मुहल्ला नगर के वार्ड संख्या 07 एवं 06 है. जहां नगर निगम के उप महापौर पुष्पा देवी का निवास स्थान भी है. लेकिन उक्त मुहल्ले में एकमात्र मुख्य सड़क पीसीसी है. बाद सभी सड़कें कच्ची एवं ईंट सोलिंग है. जहां वाहनों का आना-जाना मुश्किल भरा है तो पैदल चलना कष्टदायक है. इस से कुछ ही दूरी पर जिला स्तरीय पदाधिकारियों का क्वाटर है. उनकी जितनी भी सड़कें हैं वह चकचका रही है. आखिर ऐसा क्यों है.

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