अलविदा 2024: स्ट्रॉर्म वाटर ड्रेनेज निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से शहरवा सियों का नहीं हो रहा कल्याण-
वषों से निगम क्षेत्र में हो रहे जलजमाव से स्थायी छुटकारा व जलनिकासी को लेकर दो सौ बीस करोड़, पचास लाख 92 हजार की योजना स्ट्रॉर्म वाटर ड्रेनेज का निर्माण कार्य 2022 से किया जा रहा है.
नगर निगम के क्षेत्र में जलजमाव से छुटकारा को लायी गयी यह योजना, निर्माण कार्य अधूरा
32 माह में सात किलोमीटर हो पाया निर्माण कार्य पूराकटिहार.दस दिन बाद नये वर्ष 2025 का आगमन होने जा रहा है. वषों से निगम क्षेत्र में हो रहे जलजमाव से स्थायी छुटकारा व जलनिकासी को लेकर दो सौ बीस करोड़, पचास लाख 92 हजार की योजना स्ट्रॉर्म वाटर ड्रेनेज का निर्माण कार्य 2022 से किया जा रहा है. शहरवासियों को निर्माण कार्य पूरा होने के इंतजार में 2024 अब बीतने को है. लेकिन 25 किलोमीटर ड्रेनेज निर्माण में महज सात किलोमीटर ही पूरा हो पाया है. इससे होने वाले जलजमाव की समस्या से शरहवासी भयभीत हैं. मालूम हाे कि इस योजना को पूर्व उपमुख्यमंत्री सह सदर विधायक तारकिशोर प्रसाद के प्रयास से 2022 में दो सौ बीस करोड़, पचास लाख 92 हजार वाला स्ट्रॉर्म वाटर ड्रेनेज के रूप में शहरवासियों को एक सौगात दिया गया. स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज निर्माण कार्य जून 2025 में पच्चीस किलोमीटर तक पूरा होना है. निर्माण कार्य की गति से शहरवासी को चिंता खाये जा रही है. 2025 जून में भी यह योजना पूरा हो पायेगा या नहीं इस पर संशय बरकरार है. आमजनों व पार्षदों की माने तो शहर क्षेत्र के घरों के नाले का गंदा पानी व बरसात में लगने वाले जलजमाव से निजात के लिए उक्त योजना के तहत स्ट्रॉर्म वाटर ड्रेनेज निर्माण कार्य 2022 मई में शुरू किया गया. इस कार्य को तीन फेज में 2025 जून तक पूरा करना है. 32 माह बीत जाने के बाद भी अब तक प्रथम फेज के कुछ भागों में नाला का निर्माण हो पाया है. प्रथम फेज के तहत रोजितपुर आउटलेट में पूरा बाजार ऐरिया का घर शामिल है. जिसमें केबी झा कॉलेज रोड, डीएस कॉलेज, दुर्गास्थान, गामी टोला समेत पूरा बाजार क्षेत्र के घरों से निकलने वाले नाले का गंदा पानी को उक्त जगह पर गिराया जाना है. अब तक कई जगहों पर कार्य अधूरा रहने की वजह से घरों के नाले का गंदा पानी सड़क पर बहते रहने से लोग परेशान हैं. दूसरे फेज के तहत काेसी प्रजेक्ट का ऐरिया शामिल है. जिसमें तेजा टोला, मैथिल टोला, ऑफिसर कॉलोनी समेत अन्य मोहल्ला शामिल है. तीसरे फेज के तहत कारी काेसी का ऐरिया शामिल है. जहां गौशाला, हवाई अड्डा समेत अन्य माेहल्ला शामिल है. शहर में नाला निर्माण का भी नहीं मिला लाभ
कई पार्षदों की माने तो स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज निर्माण के बिना शहरी क्षेत्र से जलनिकासी की बात करना बेमानी साबित होगी. शहर वार्ड में करोड़ों रूपये से भले ही नाला निर्माण कराया जाये लेकिन निकासी के लिए स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज का निर्माण कार्य पूरा होना जरूरी है,इसके लिए बुडको को कार्य में गति लाने की जरूरत है. इसके निर्माण कार्य में निगम के सभी इंजीनियरों को सहयोग कर कार्य पूरा करने की आवश्यकता है. ताकि शहर का मुख्य समस्या जलजमाव से छुटकारा मिल सके. हर वार्ड में नाला निर्माण कराया जा रहा है. लेकिन जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने से हल्की बारिश में जलजमाव की समस्या से लोग परेशान हाेंगे इससे नकारा नहीं जा सकता है. गढ़्ढा कर महीनाें छोड़ दिये जाने से आवागमन में होती है परेशानी आमजनों की माने तो ड्रेनेज निर्माण कार्य के दौरान जगह-जगह गढ्ढा कर छोड़ दिये जाने के कारण आवागमन में परेशानी होती है. कई जगहों पर जक्शन प्वाइंट नहीं दिये जाने के कारण हल्की बारिश में जलजमाव की समस्या से लोगों को दोचार होना पड़ता है. कई जगहों पर सड़क के बीचों बीच नाला बनाकर छोड़ दिये जाने के कारण आमजन रात तो रात दिन में भी गिरकर घायल हो रहे हैं. खासकर दुर्गा स्थान से आगे जाने वाली सड़क पर सड़क के बीच में नाला का निर्माण कराये जाने के कारण लोग सकते में हैं.निर्माण कार्य में गति लाने का दिया गया निर्देश
बुडको को उक्त योजना को पूरा करने के लिए निगम की ओर से राशि उपलब्ध कराया गया. साथ ही जगह-जगह गढ्ढा को भरने व कार्य में गति लाने का निर्देश दिया गया है. समय रहते हर हाल में इसे पूरा करने आदेश बैठक के दौरान दी गयी है. संतोष कुमार, नगर आयुक्त, कटिहारडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है