दो वर्षों में ही टूट गयी सड़क
दो वर्षों में ही टूट गयी सड़क, करोडों की लागत से बनायी गयी थी सड़क फोटो नं. 33,34 कैप्सन – सड़क किनारे लगा सूचना पट, जर्जर सड़कें प्रतिनिधि, कटिहारओवर लोडेड ट्रकों के परिचालन से बिहार-बंगाल मुख्य पथ की सड़कों के अवशेष ही शेष रह गये हैं. बात कर रहे हैं आजमनगर से गायघट्टा पंचायत के […]
दो वर्षों में ही टूट गयी सड़क, करोडों की लागत से बनायी गयी थी सड़क फोटो नं. 33,34 कैप्सन – सड़क किनारे लगा सूचना पट, जर्जर सड़कें प्रतिनिधि, कटिहारओवर लोडेड ट्रकों के परिचालन से बिहार-बंगाल मुख्य पथ की सड़कों के अवशेष ही शेष रह गये हैं. बात कर रहे हैं आजमनगर से गायघट्टा पंचायत के रास्ते बंगाल राज्य को जोड़ने वाली प्रधानमंत्री सड़क की. इसका निर्माण वर्ष 2013-14 में कार्य प्रमंडल मनिहारी द्वारा एक करोड़ 92 लाख 90 हजार पांच सौ छत्तीस रुपये से कराया गया था. इस कार्य के संवेदक उमाकांत सिंह, कार्य प्रारंभ की तिथि 10 अक्तूबर वर्ष 2013 एवं समाप्ति की तिथि 31 जनवरी 2014 ऐसा सड़क किनारे लगे सूचना पट में भी अंकित है. निर्माण कार्य को देख लोगों ने कहा कि उक्त सड़कें पांच वर्ष के मेंटेनेंस के अधीनस्थ होगा. बावजूद सड़कों का मरम्मती कार्य कई महीनों से संवेदक द्वारा नहीं किये जाने के कारण वाहन चालकों सहित साइकिल चालकों तक को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आजमनगर से गायघट्टा तक सड़कें पूरी तरह टूट चुकी है. जिसका सिर्फ अवशेष ही शेष रह गया है. गड्ढे में सड़क या सड़क में गड्ढा कहना बहुत मुश्किल है. उक्त सड़क मरम्मती को लेकर बीते वर्ष विधानसभा चुनाव के समय रोड जाम सहित प्रदर्शन भी ग्रामीणों द्वारा किया गया था. परंतु सड़कें आज भी अंतिम सांसें गिन रहा है. ये सड़क बिहार-बंगाल की रीढ़ मानी जाती है. इतना ही नहीं इस पथ से आजमनगर प्रखंड के मलिकपुर, जलकी, गायघट्टा, शीतलमणि, महेशपुर, बघौड़ा, आलमपुर, निमौल इन आठों पंचायतों का वर्ष 2011 जनगणना के अनुसार एक लाख उनतीस हजार सात सौ की आबादी के अलावे हजारों लोगों का आना-जाना सहित सांसद द्वारा चयनित आदर्श पंचायत निमौल भी जाने एक ये भी सुगम मार्ग है. जो वर्तमान समय में गड्ढे में तब्दील रहने के कारण आवागमन अवरुद्ध हो रहा है. आदर्श गांव के लोग आदर्श पंचायत के नाम पर स्वयं को प्रशासनिक सक्रियता के कारण स्वयं को छला महसूस कर रहे हैं. उधर आजमनगर मुखिया संघ अध्यक्ष अक्षय कुमार सिंह ने कहा कि उनके द्वारा निर्माण के समय ही प्रशासन का ध्यान अनियमितता की ओर आकृष्ट कराया था. अगर उस वक्त ध्यान दिया गया होता तो आज सड़कें जर्जर न होती. संदर्भ में कार्य प्रमंडल मनिहारी के कार्यपालक अभियंता दिनेश चंद्र ने कहा कि संदर्भ में विस्तृत जानकारी के कनीय अभियंता जलांधर कुमार से संपर्क करें, उनसे संपर्क साधने पर बताना हुआ कि उक्त पथ जायजा लेने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है कि सड़क की स्थिति इतनी बदहाल क्यों है.