गांवों में पंचायत चुनाव को लेकर बढ़ी सरगरमी

कटिहार : जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में सरगर्मी तेज होने लगी है. हालांकि आरक्षण रोस्टर की घोषणा एक-दो दिन में होने की उम्मीद है, लेकिन प्रखंड मुख्यालय से भेजे गये प्रस्ताव को आधार मान कर संभावित उम्मीदवार अभी से अपनी जीत को लेकर वोटों के जोड़-घटाव में जुट गये हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2016 7:56 AM
कटिहार : जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में सरगर्मी तेज होने लगी है. हालांकि आरक्षण रोस्टर की घोषणा एक-दो दिन में होने की उम्मीद है, लेकिन प्रखंड मुख्यालय से भेजे गये प्रस्ताव को आधार मान कर संभावित उम्मीदवार अभी से अपनी जीत को लेकर वोटों के जोड़-घटाव में जुट गये हैं.
चुनावी सुगबुगाहट व सरगर्मी के बीच यह चर्चा भी जोरों पर है कि आसन्न त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बिना उतरे ही अधिकांश मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य सहित वार्ड सदस्य व पंच अपदस्थ हो जायेंगे. दरअसल, पंचायती राज अधिनियम के तहत लगातार दो चुनाव के बाद आरक्षण रोस्टर में बदलाव का प्रावधान है. आरक्षण रोस्टर के आधार पर पहली बार 2006 में पंचायत चुनाव हुआ. जबकि दूसरी बार वर्ष 2010 में उसी आरक्षण व्यवस्था पर चुनाव हुआ. अधिनियम के प्रावधानों के आधार पर अब पंचायत चुनाव 2016 में नये आरक्षण रोस्टर लागू है.
राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर आरक्षण रोस्टर तैयार करने का काम अंतिम चरण में है. विभागीय सूत्रों के अनुसार जिलाधिकारी ने राज्य निर्वाचन आयोग में आरक्षण रोस्टर को अनुमोदन कराने के लिए भेजा है. हालांकि गत 18 जनवरी 16 को आयोग से अनुमोदन होना था. लेकिन बारीकी से जांच किये जाने की वजह से एक-दो दिन और लग सकता है. इस बीच चुनाव को लेकर प्रशासनिक तैयारी भी शुरू कर दी गयी है.
एक-दो दिन में होगी घोषणा
भले ही नये आरक्षण प्रणाली के तहत सीटों के आरक्षण की औपचारिक घोषणा एक-दो दिनों में होगी.
लेकिन अभी से गांव के चौक-चौराहों व चौपालों पर जीत-हार को लेकर चर्चाएं शुरू हो गयी है. खासकर संभावित उम्मीदवारों को प्रखंड मुख्यालय से भेजे गये प्रस्तावों की जानकारी मिलने के बाद से ही तैयारी में जुट गये हैं. ऐसे संभावित उम्मीदवार तो घर-घर जाकर अपनी दावेदारी को मजबूत भी बताने लगे. संभावित उम्मीदवार अपनी जातीय गणित के आधार पर अपनी जीत सुनिश्चित बताने से नहीं चुकते हैं.
तैयारी में जुटा प्रशासन
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण व भयमुक्त संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है. वार्ड स्तर पर मतदाताओं सूची तैयार करने व मतदान केंद्र निर्धारित करने का काम भी अंतिम चरण में है. जबकि जिला पदाधिकारी ललन जी ने चुनाव को लेकर विभिन्न कोषांगों का भी गठन कर दिया है.
कहते हैं डीपीओ
जिला पंचायती राज पदाधिकारी फैयाज अख्तर ने इस संदर्भ में बताया कि चुनाव आयोग के अनुमोदन के बाद एक-दो दिन में आरक्षण रोस्टर प्रकाशित किया जा सकता है. फिलहाल आयोग के स्तर पर आरक्षण रोस्टर की जांच चल रही है.
इस बार बदला-बदला नजर आयेगा चुनावी परिदृश्य
इस बार का चुनावी परिदृश्य पिछले चुनाव की तुलना में बदला-बदला नजर आयेगा. दरअसल, पंचायती राज व्यवस्था में आरक्षण प्रणाली लागू होने के दस वर्ष बाद पहली बार उसमें बदलाव हो रहा है. पहली बार आरक्षण व्यवस्था के तहत वर्ष 2006 में चुनाव हुआ था.
जबकि दूसरी बार वर्ष 2010 में उसी आरक्षण के आधार पर चुनाव हुआ. पंचायती राज अधिनियम के अनुसार लगातार दो चुनाव के बाद आरक्षण रोस्टर में बदलाव का प्रावधान है. इसलिए पंचायत चुनाव 2016 में नये आरक्षण रोस्टर के आधार पर होगा. इस आरक्षण रोस्टर लागू होने के बाद चुनाव की स्थिति बदला-बदला नजर आयेगा.

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