मनमानी. तटबंध निर्माण के दौरान सड़क पर पानी का नहीं हो रहा छिड़काव

नियम की उड़ायी जा रहीं धज्जियां बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल की ओर से सालमारी-आजमनगर दायां तटबंध का डोवेल निर्माण हो रहा है. कार्य एजेंसी द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ायी जा रही है. मिट्टी की भरायी होने के दौरान धूल उड़ने से लोग परेशान हैं. जबकि नियम यह है कि धूल नहीं उड़े इसके लिए पानी का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2016 5:43 AM

नियम की उड़ायी जा रहीं धज्जियां

बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल की ओर से सालमारी-आजमनगर दायां तटबंध का डोवेल निर्माण हो रहा है. कार्य एजेंसी द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ायी जा रही है. मिट्टी की भरायी होने के दौरान धूल उड़ने से लोग परेशान हैं. जबकि नियम यह है कि धूल नहीं उड़े इसके लिए पानी का छिड़काव किया जाना है. लेकिन पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा है.
आजमनगर : बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल सालमारी की ओर से सालमारी-आजमनगर दायां तटबंध का डोवेल निर्माण कार्य के दौरान सड़क पर उड़ रहे धूल से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों की शिकायत पर प्रभात खबर ने मामले को नजदीक से देखा और जानने का प्रयास किया कि इसके लिए कौन जिम्मेवार है.
जायजा लेने के क्रम में पाया गया कि विभाग के द्वारा धूल नहीं उड़े इसके लिए पानी छिड़काव किये जाने का आदेश दिया गया है. लेकिन संवेदक की मनमानी की वजह से स्थानीय लोग व राहगीर धूल फांकने को विवश हो रहे हैं. सालमारी से आजमनगर का सफर करने से अब लोग कतराने लगे हैं. इतना धूल उड़ता है कि लोगों का कपड़ा व शरीर पूरी तरह से धूल से भर जाता है.
धूल उड़ने से वाहन चालकों को कुछ दूर तक दिखता ही नहीं कि सामने से वाहन तो नहीं आ रहा. उक्त परिस्थिति में संभावित घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है. यही नहीं कार्य शुरू है, लेकिन संवेदक द्वारा कार्य स्थल पर सूचना पट तक नहीं लगाया गया है. सबसे बड़ी लापरवाही यह है यह कि मिट्टी को न तो कॉॅपेक्ट ही किया जा रहा है न ही उस पर रोलर चलाया जा रहा है.
ग्रामीण व राहगीरों बढ़ा आक्रोश
बांध पर सफर के दौरान आम अवाक को क्या परेशानी होती होगी ये महसूस किया जा रहा है. उक्त समस्या पर जिला सहित बारसोई अनुमंडल प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया जायेगा.
पूरण साह, बीडीओ, आजमनगर
कहते हैं आम लोग
मो आजम ने कहा कि सालमारी-आजमनगर बांध पर उड़ रहे धूल से लोगों का चलना व वाहन चलाना दोनों ही कठिन है. जिला प्रशासन को अवाम के परेशानियों की कोई फिक्र नहीं है. रंजन कुमार सिंह ने कहा कि पंचायत चुनाव सिर पर लोगों का प्रखंड मुख्यालय जाना परेशानियों से भरा पड़ा है. मो वाहिद आलम कहते हैं कि रोज बांध होकर ही आना-जाना होता है. धूल उड़ने से परेशानी हो रही है. पानी छिड़काव नहीं किया जा रहा है.
मो सैयद ने बताया कि वो बांध के रास्ते रोजाना आना-जाना साइकिल से करते है. धूल उड़ने से सामने कुछ नहीं दिखता है. मो मंसूर आलम बताते हैं कि बांध पर चलना खतरे से खाली नहीं है. प्रशासन इस दिशा में खामोशी क्यों नही तोड़ रही. मिथिलेश कुमार सालमारी से आजमनगर जा रहे मोटरसाइकिल चालक ने बताया कि कार्य में व्यापक पैमाने पर गुणवत्ता मुक्त कार्य खुलेआम किया जा रहा है. जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए.
मो नैयर बताते हैं कि एसी में बैठ कर हस्ताक्षर हो सकते भाषण हो सकते लेकिन परेशानियों को नहीं समझा जा सकता है. मुकेश कुमार आजमनगर प्रखंड में एक सरकारी कर्मचारी है. वो भी बांध के रास्ते ही जाते. वो भी मानते हैं धूल उड़ने से परेशानी होती है. अजीत कुमार ये भी सरकारी कर्मचारी है. इनको भी इस धूल से दो-चार होना पड़ रहा है. सुरेश चौधरी कहते हैं कि संबंधित विभाग अगर जनता की परेशानी की ओर ध्यान नहीं दिया तो मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित करेंगे. सुरेश चौधरी कहते हैं कि संबंधित विभाग अगर जनता की परेशानी की ओर ध्यान नहीं दिया तो मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित करेंगे.

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