ढिबरी युग में जी रहे ग्रामीण
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विडंबना. विकास की रोशनी से कोसों दूर है लगुआ पंचायत
ढिबरी युग में जी रहे ग्रामीण आजादी के बाद से बारसोई प्रखंड अंतर्गत लगुआ पंचायत के लोग ढिबरी युग में जीवन जीने को विवश हैं. आवागमन के लिए अधिकांश ग्राम वासियों के नसीब में आज भी यहां कच्ची व टूटी सड़कें हैं. आबादपुर : बारसोई प्रखंड अंतर्गत लगुआ पंचायत में पंचायत भवन के अभाव में […]
आजादी के बाद से बारसोई प्रखंड अंतर्गत लगुआ पंचायत के लोग ढिबरी युग में जीवन जीने को विवश हैं. आवागमन के लिए अधिकांश ग्राम वासियों के नसीब में आज भी यहां कच्ची व टूटी सड़कें हैं.
आबादपुर : बारसोई प्रखंड अंतर्गत लगुआ पंचायत में पंचायत भवन के अभाव में उक्त पंचायत वासियों का पंचायत प्रतिनिधियों से रू ब रू होकर अपनी समस्या रखने का एक मात्र साधन मोबाइल फोन ही है. उक्त पंचायत स्वच्छ व आयरन रहित जल सेवन के मामले में भी काफी पिछड़ा है.
आज भी उक्त पंचायत वासी कुएं के जल का प्रयोग करने को विवश हैं. पंचायत के विकास कार्यों के बारे में मो मुस्लिम उर्फ मुन्ना, काजी जुबेर आलम, काजी नियाज, अवधेश चंद्र पाल का कहना है कि उक्त पंचायत वर्षों से बदहाली व पिछड़ेपन का शिकार है. अब तक के जनप्रतिनिधि विकास के मापदंड पर पूरी तरह से खड़े नहीं उतरे हैं तथा आम जनता की आकांक्षाओं को पूर्ण करने में अक्षम रहे हैं.
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