शहीद के सम्मान को पहुंच रही ठेस
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हद है . मेजर आशुतोष पार्क बना असामािजक तत्वों का अड्डा
शहीद के सम्मान को पहुंच रही ठेस आतंकियों से लोहा लेते हुए जब मेजर आशुतोष शहीद हो गये थे, तब स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की पहल पर उनकी स्मृति में मेजर आशुतोष पार्क बनाया गया. शुरुआती वर्षों में यह पार्क प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की नजरें इनायत होने की वजह से ठीक-ठाक रहा. पर, अब यह […]
आतंकियों से लोहा लेते हुए जब मेजर आशुतोष शहीद हो गये थे, तब स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की पहल पर उनकी स्मृति में मेजर आशुतोष पार्क बनाया गया. शुरुआती वर्षों में यह पार्क प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की नजरें इनायत होने की वजह से ठीक-ठाक रहा. पर, अब यह पार्क असामाजिक तत्वों व शराब पीने वालों का अड्डा बन गया है
कटिहार : कटिहार शहर में शहीद नौजवान की स्मृति में बना पार्क में कुव्यवस्था की भेंट चढ़ रहा है. आतंकियों से लोहा लेते हुए जब कटिहार के मेजर आशुतोष शहीद हो गये थे, तब स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की पहल पर उनकी स्मृति में मेजर आशुतोष पार्क बनाया गया. शुरुआती वर्षों में यह पार्क प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की नजरें इनायत होने की वजह से ठीक-ठाक रहा. पर, अब यह पार्क असामाजिक तत्वों व शराब पीने वालों का अड्डा बन गया है.
शहर के हरदयाल चौक के समीप बना मेजर आशुतोष पार्क इन दिनों प्रशासनिक व जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का दंश झेल रहा है. यद्यपि मेजर आशुतोष के नाम से संचालित आशु फाउंडेशन द्वारा जन-सहयोग से हर साल लाखों खर्च कर मेजर आशुतोष चैलेंजर ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है. इसमें बिहार व दूसरे राज्यों सहित नेपाल की टीमें भी हिस्सा लेती हैं. अभी हाल ही में इस टूर्नामेंट का सफल आयोजन हुआ. मेजर आशुतोष के सम्मान में एक तरफ हर साल क्रिकेट टूर्नामेंट होता है, तो दूसरी तरफ उनकी स्मृति में बना पार्क बदहाली का आंसू बहा रहा है.
धरोहर बन सकता है मेजर आशुतोष पार्क : शहर के मध्य में स्थित मेजर आशुतोष पार्क प्रशासनिक व जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का दंश झेल रहा है. अगर जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधि पार्क पर ध्यान दें, तो यह न केवल शहीद मेजर आशुतोष की याद को ताजा करते हुए युवाओं को राष्ट्रभक्ति के लिए प्रेरणा देता रहेगा,
बल्कि यह पार्क कटिहार के लिए धरोहर भी बन सकता है.
खंडहर में तब्दील हुआ पार्क : फिलहाल पार्क की स्थिति देखने से ही बदहाली की सूरत अपने-आप झलकने लगती है. चहारदीवारी ध्वस्त हो गयी है. मुख्य द्वार के आसपास वाहनों का स्टैंड बन चुका है. भीतर में शराबियों व असामाजिक तत्वों का बसेरा रहता है. चारों तरफ गंदगी का अंबार व शराब की बोतलें मिलेंगी. आने-जाने वाले लोग व जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी भी पूरी तरह उदासीन हैं.
सफाई के दौरान मिलीं थीं शराब की बोतलें : सर्वोदय समाज के सक्रिय सदस्य रंजीत विश्वास ने कहा कि शहीद मेजर आशुतोष पार्क पर किसी का ध्यान नहीं है. 27 फरवरी को सर्वोदय समाज द्वारा जब पार्क में सफाई अभियान चलाया गया, तो बड़ी मात्रा में शराब की बोतलें व अन्य आपत्तिजनक सामान मिले. अधिवक्ता मनोज साह ने कहा कि मेजर आशुतोष की स्मृति में बना यह पार्क कटिहार की धरोहर बन सकता है.
श्रमिक नेता दयानंद सिंह ने कहा कि प्रशासनिक व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता की वजह से पार्क की यह दुर्दशा है. समाजसेवी संजय सिंह पुतुल ने कहा कि मेजर आशुतोष की स्मृति में बनाये गये पार्क की यह दुर्दशा जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक उदासीनता को दिखाता है. ललन मंडल ने कहा कि पार्क के सौंदर्यीकरण के लिए जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को ध्यान देना चाहिए.
कहते हैं फाउंडेशन के प्रतिनिधि :
आशु फाउंडेशन से जुड़े अनिल कुमार मिश्रा ने बताया कि स्थानीय विधायक ने मेजर आशुतोष पार्क को बेहतर बनाने को लेकर आश्वस्त किया है. अगर शीघ्र ही इस दिशा में पहल नहीं हुई, तो वह सत्याग्रह करेंगे.
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