बंध्याकरण में लक्ष्य से पीछे है कटिहार
कटिहार में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर चलाये जा रहे परिवार नियोजन कार्यक्रम की स्थिति ठीक नहीं है. लक्ष्य के विरुद्ध अब तक मात्र 37 फीसदी ही बंध्याकरण हो पाया है. कटिहार : बढ़ती आबादी को नियंत्रण करने के लिए सरकार द्वारा चलायी जा रही योजना कटिहार जिले में दम तोड़ रही है. राजनीतिक इच्छाशक्ति व […]
कटिहार में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर चलाये जा रहे परिवार नियोजन कार्यक्रम की स्थिति ठीक नहीं है. लक्ष्य के विरुद्ध अब तक मात्र 37 फीसदी ही बंध्याकरण हो पाया है.
कटिहार : बढ़ती आबादी को नियंत्रण करने के लिए सरकार द्वारा चलायी जा रही योजना कटिहार जिले में दम तोड़ रही है. राजनीतिक इच्छाशक्ति व प्रशासनिक प्रतिबद्धता की वजह से पड़ोसी देश चीन जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में सफलता अर्जित कर रही है, जबकि भारत में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर चलाये जा रहे परिवार नियोजन कार्यक्रम की स्थिति ठीक नहीं है. कटिहार जिले में तो इस कार्यक्रम की बदतर स्थिति पिछले कई वर्षों से है.
दरअसल, सरकार परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत बंध्याकरण, आइयूडी, सीसी यूजर्स (ओरल पिल्स), कंडोम, एमटीपी आदि प्रक्रिया के जरिये जनसंख्या नियंत्रण करने के प्रयास में जुटी है. कटिहार जिले में बंध्याकरण की स्थिति लक्ष्य के विरुद्ध सबसे खराब है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाये जा रहे परिवार कल्याण कार्यक्रम के क्रियान्वयन की यही स्थिति रही तो जनसंख्या विस्फोट रोक पाना मुश्किल है. प्रभात खबर ने जिले में चल रही परिवार कल्याण कार्यक्रम के विभिन्न स्तरों पर पड़ताल की.
मात्र 37 फीसदी हुआ है बंध्याकरण
सिविल सर्जन कटिहार के ताजा रिपोर्ट पर भरोसा करें तो चालू वित्तीय वर्ष यानी 2015-16 के फरवरी 2016 तक जिले में लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 37 फीसदी ही बंध्याकरण हो पाया है. इस वित्तीय वर्ष के 11 महीने समाप्त होने के बाद बंध्याकरण की यह स्थिति है. अब मात्र इस वित्तीय वर्ष का एक माह बचा हुआ है.
ऐसे में 63 प्रतिशत बचा हुआ लक्ष्य कैसे हासिल होगा, स्वास्थ्य विभाग के लिए यह एक बड़ा सवाल है. जिला स्वास्थ्य विभाग के रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में 32412 महिलाओं का बंध्याकरण करने का लक्ष्य रखा गया है. फरवरी 2016 तक इस लक्ष्य के विरुद्ध 12079 महिलाओं का बंध्याकरण किया गया है. हालांकि सिर्फ फरवरी महीने में 2566 महिलाओं का बंध्याकरण हुआ है. हालांकि परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत आइयूजी में 61 प्रतिशत, सीसी यूजर्स (ओरल पिल्स) 108 प्रतिशत, सीसी यूजर्स (निरोध) 65 प्रतिशत लक्ष्य के विरुद्ध हासिल किया गया है.
हर घंटे पांच बच्चे का हो रहा है जन्म
सीएस के रिपोर्ट के अनुसार जिले में हर घंटे पांच से अधिक बच्चे का जन्म सरकारी अस्पतालों में हो रहा है.
बढ़ रही है आबादी
निजी नर्सिंग होम व प्राइवेट हॉस्पिटल में हर दिन जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या जोड़ने पर यह आंकड़ा बढ़ सकता है. सीएस के पत्रांक 557, दिनांक 8.3.2016 के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष यानी 2015-16 में फरवरी 2016 तक जिले के सरकारी अस्पताल में 45576 बच्चे का जन्म हुआ. सिर्फ फरवरी 2016 में 4136 बच्चे का जन्म सरकारी हॉस्पिटल में हुआ. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में किस तरह आबादी बढ़ रही है.
विभागीय उदासीनता से नहीं पूरा होता लक्ष्य
दरअसल, स्वास्थ्य विभाग के उदासीनता की वजह से ही बंध्याकरण के लक्ष्य में कटिहार जिला काफी पीछे रह जाता है. सिर्फ वित्तीय वर्ष के अंतिम दो-तीन महीने में ज्यादातर बंध्याकरण होता है. हालांकि तब भी लक्ष्य से काफी पीछे है. चालू वित्तीय वर्ष में भी बंध्याकरण लक्ष्य से 63 फीसदी पीछे है. यह लक्ष्य मात्र एक महीने में स्थानीय स्वास्थ्य विभाग पूरा कैसे करेगी. यह एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. यद्यपि पिछले वित्तीय वर्ष में भी बंध्याकरण की स्थिति यही रही है.
कहते हैं सीएस
सिविल सर्जन डॉ श्याम चंद्र झा ने इस संदर्भ में बताया कि जन सहयोग के बगैर बंध्याकरण का लक्ष्य पूरा करना कठिन है. विभाग मार्च 16 तक अधिक से अधिक लक्ष्य के करीब पहुंचने की कोशिश करेगी.