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दुर्दशा . तीसरे दिन भी नहीं चले ऑटो व बस, चालक अपनी मांगों पर अड़े

यात्रियों की बढ़ गयी है मुसीबत कोढ़ा : बस व टेंपो चालकों की हड़ताल की वजह से जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए मात्र एक सहारा जुगाड़ गाड़ी रह गयी है. तीन दिनों से बस मालिक एवं टेंपो चालक विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. इससे राष्ट्रीय राजमार्ग कोढ़ा से कटिहार जाने के लिए […]

यात्रियों की बढ़ गयी है मुसीबत

कोढ़ा : बस व टेंपो चालकों की हड़ताल की वजह से जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए मात्र एक सहारा जुगाड़ गाड़ी रह गयी है. तीन दिनों से बस मालिक एवं टेंपो चालक विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. इससे राष्ट्रीय राजमार्ग कोढ़ा से कटिहार जाने के लिए एकमात्र सहारा जुगाड़ गाड़ी ही है, जो आम यात्रियों को नसीब हो रहा है. एक तरफ यात्री अपनी जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को विवश हैं,
तो वहीं दूसरी तरफ जिला प्रशासन इस ओर सार्थक पहल नहीं कर रहा है. इस कारण आम लोग जुगाड़ गाड़ी से यात्रा करने को विवश हैं. गेड़ाबाड़ी से कटिहार पहुंचने के लिए 20 मिनट से 30 मिनट का समय लगता था, जो अब एक घंटे से ऊपर का समय लग रहा है. भाड़े में भी ₹10 की जगह अधिक राशि वसूल की जा रही है. उस पर भी एक जुगाड़ गाड़ी में 15 से 20 यात्रियों को जबरन बैठाया जाता है. लंबी दूरी की यात्रा करने वाले लोग अपना रुट ही बदल चुके हैं.
कई ऐसे यात्री गेड़ाबाड़ी में मिले, जिन्होंने जुगाड़ गाड़ी से यात्रा करने में अपनी असहमति जतायी और हजारों रुपए देकर अन्य वाहन से यात्रा करने की बात कही. कई यात्रियों ने अपनी लंबी दूरी की यात्रा को रद्द करने की बात कही. मामले को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी सुभाष नारायण ने बताया कि जल्द ही निदान निकाल लिया जायेगा.
पिछले तीन दिन से बस व ऑटो के बंद रहने से यात्रियों को भीषण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बस मालिकों के साथ वार्ता विफल होने व टेंपो चालकों को वार्ता के लिए अबतक नहीं बुलाये जाने से बस व टेंपो का परिचालन और भी कुछ दिनों तक बंद रहने के आसार बना हुए हैं. जबकि ऑटो व बस के परिचालन बंद होने से रविवार को भी यात्री इधर उधर भटकते रहे. शहरी क्षेत्र में तो यात्रियों की सबसे खराब स्थिति बनी हुई है.
कटिहार :शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में रविवार को तीसरे दिन भी बस व ऑटो नही चली. पिछले तीन दिन से बस व ऑटो के बंद रहने से यात्रियों को भीषण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बस मालिकों के साथ वार्ता विफल होने व टेंपो चालकों को वार्ता के लिए अबतक नहीं बुलाये जाने से बस व टेंपो का परिचालन और भी कुछ दिनों तक बंद रहने के आसार बना हुए हैं. जबकि ऑटो व बस के परिचालन बंद होने से रविवार को भी यात्री इधर-उधर भटकते रहे.
शहरी क्षेत्र में तो यात्रियों की सबसे खराब स्थिति बनी हुई है. शहीद चौक स्थित बस स्टैंड पर पहुंचने के बाद जब यात्री को पता चलता है कि बस परिचालन ठप है, तो वह पूरी तरह से बेबस व लाचार दिखने लगते हैं. वहीं ऑटो नहीं चलने की वजह से शहर में एक दूसरे जगह जाने के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उल्लेखनीय है कि जिले के विभिन्न प्रखंडों व प्रमुख गांव की ओर जाने आने का एक मुख्य साधन टैंपो ही है. लोग टैंपो से भी जिला मुख्यालय आते जाते है. लेकिन पंचायत चुनाव के इस मौसम में टैंपो चालक के हड़ताल से खासकर ग्रामीण क्षेत्रों से आने जाने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गयी है.
अभी जारी रह सकती है हड़ताल
बस मालिकों व ऑटो चालकों की मांगे अलग अलग है. बस मालिक व ऑटो चालकों की मांगों के प्रति प्रशासन फिलहाल गंभीर नही दिख रहा है. ऐसे में उम्मीद जतायी जा रही है बस व टेंपो का परिचालन अगले कुछ दिनों तक बाधित रहेगा. टेंपो चालक व बस मालिकों की मांगों को लेकर जिला प्रशासन की ओर से अबतक कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिला है. बस मालिक व टेंपो चालकों ने अलग अलग बताया कि जबतक उनकी मांगों पर विचार नहीं होता है, तबतक परिचालन बाधित रहेगा.
टेंपो चालकों से नही हुई है वार्ता
बस मालिकों के साथ शनिवार को प्रथम चरण की वार्ता विफल हो गयी. उनके साथ मंगलवार को फिर से वार्ता होने के आसार हैं, लेकिन टेंपो चालकों के साथ अबतक किसी तरह की वार्ता प्रशासनिक स्तर से नहीं हुई है. हालांकि जिला ऑटो एसोसिएशन के अनुसार शनिवार को वार्ता के लिए उन्हें बुलाया गया था, लेकिन जबतक वार्ता के लिए लिखित रूप से नहीं बुलाया जायेगा, तबतक एसोसिएशन वार्ता में शामिल नहीं होगा.
डीएम के आदेश का अनुपालन नहीं
टेंपो स्टैंड की जरूरत को देखते हुए तत्कालीन जिला पदाधिकारी ने वर्ष 2010 में शहीद चौक स्थित बस स्टैंड के समीप स्थायी टेंपो स्टैंड बनाने का निर्देश नगर आयुक्त को दिया था, लेकिन पांच साल बीतने के बाद भी डीएम के आदेश का अनुपालन आज तक नही हुआ. डीएम ने पत्रांक 423 दिनांक 21.3.2010 के माध्यम से नगर निगम के समीप प्राइवेट गाड़ी खड़ी करने वाले भूखंड पर स्थायी टेंपो स्टैंड बनाने का निर्देश दिया था.
इस आदेश में कहा गया था कि नगर निगम कार्यालय के बगल में प्राइवेट गाड़ियां अनाधिकृत रूप से लगाकर रखी जाती हैं. इससे सरकार को राजस्व की क्षति भी हो रही है. यह बात जानकारी में आने के बाद डीएम ने उक्त भूखंड को मापी कर तत्काल प्रभाव से स्थायी टेंपो स्टैंड बनाने का निर्देश दिया था, लेकिन अबतक इसका अनुपालन सुनिश्चित नहीं किया गया. आज भी उक्त स्थल पर अनाधिकृत रूप से प्राइवेट गाड़ियां खड़ी कर वाहनों का व्यवसायिक उपयोग किया जाता है.
चालकों की मांग
पिछले तीन दिनों से बस व ऑटो परिचालन बंद रहने की वजह दोनों की मांगें हैं. दरअसल पहली अप्रैल से नगर निगम प्रशासन ने शहीद चौक से बस स्टैंड को बंद कर उदामारखा से बस परिचालन कराने का निर्देश दिया है. बस मालिक अद्धनिर्मित बस स्टैंड व गौशाला गुमटी पर बगैर आरओबी के नये बस स्टैंड से बस परिचालन नहीं करने का निर्णय लेते हुए हड़ताल पर चले गये हैं. बस मालिकों की मांग है कि जबतक गौशाला गुमटी पर आरओबी नहीं बन जाता,
तबतक शहीद चौक स्थित बस स्टैंड या मिरचाई बाड़ी क्षेत्र से बस परिचालन कराने की व्यवस्था की जाये. वहीं जिला ऑटो एसोसिएशन ने शहीद चौक स्थित बस स्टैंड को ऑटो स्टैंड के रूप में परिवर्तित करने या तत्कालीन डीएम के आदेश के अनुसार नगर निगम के बगल में स्थायी टेंपो स्टैंड बनाने की मांग को लेकर टेंपो चालक सामूहिक रूप से हड़ताल पर हैं.
कहते हैं फेडरेशन के अध्यक्ष
टेंपो चालकों की हड़ताल का समर्थन करने पहुंचे ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष दयानंद सिंह ने टेंपो चालकों की मांग को उचित ठहराते हुए कहा कि परिवहन विभाग व नगर निगम प्रशासन की जिम्मेवारी बनती है कि टेंपो चालकों के लिए स्थायी टेंपो स्टैंड की व्यवस्था करे. जबतक उनकी मांगों को पूरा नहीं कर लिया जाता, तबतक यह हड़ताल जारी रहेगी, इसलिए प्रशासन को अविलंब टेंपो चालकों की समस्याओं का निदान करना चाहिए.

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