बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए वरदान

जिन क्षेत्रों में बिजली की समस्या है उन क्षेत्रों में मौजूद बीटीएस टावर को सोलर ऊर्जा से लैस करने की योजना बनायी जा रही है. यदि यह योजना सफल रही तो बिजली की आंख मिचौनी के कारण अक्सर गायब रहने वाली सिग्नल की समस्या दूर हो जायेगी. कटिहार : यदि सबकुछ ठीक ठाक रहा, तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2016 8:53 AM
जिन क्षेत्रों में बिजली की समस्या है उन क्षेत्रों में मौजूद बीटीएस टावर को सोलर ऊर्जा से लैस करने की योजना बनायी जा रही है. यदि यह योजना सफल रही तो बिजली की आंख मिचौनी के कारण अक्सर गायब रहने वाली सिग्नल की समस्या दूर हो जायेगी.
कटिहार : यदि सबकुछ ठीक ठाक रहा, तो वह दिन दूर नहीं जब सूबे के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी बीएसएनएल की मोबाइल सेवाएं उपभोक्ताओं को नसीब होंगी. उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलें इस दिशा में निगम के आला अधिकारी बीटीएस टावर को दुरुस्त करने का प्रयास कर रहे हैं. जिन क्षेत्रों में बिजली की समस्या है उन क्षेत्रों में मौजूद बीटीएस टावर को सोलर ऊर्जा से लैस करने की योजना बनायी जा रही है. यदि यह योजना सफल रही तो बिजली की आंख मिचौनी के कारण अक्सर गायब रहने वाली सिग्नल की समस्या दूर हो जायेगी.
बता दें कि कोसी और सीमांचल के ग्रामीण इलाकों में निगम सेवाएं उतनी दुरुस्त नहीं हैं, जिस कारण लोगों को काफी परेशानी होती है. ज्ञात हो कि साल में चार से पांच महीने तक बाढ़ की समस्या से जूझने वाले इन दो प्रमंडलों केग्रामीण इलाकों में बिजली की विकट समस्या रहती है. इस वजह से मोबाइल टावर भी सही तरीके से काम नहीं कर पाते हैं.
ऐसे में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सगे संबंधियों से संपर्क साधने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. बता दें कि सहरसा एसएसए अंतर्गत कुल 114 टू-जी जबकि 28 थ्री-जी मोबाइल टावर हैं. वहीं कटिहार एसएसए अंतर्गत कुल 218 टू-जी और 52 थ्री-जी मोबाइल टावर चालू अवस्था में हैं. लिहाजा, सोलर ऊर्जा इन जगहों के मोबाइल टावर के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं होगी.

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