हर हाल में रोकें बाल विवाह

अक्षय तृतीया . केंद्र सरकार ने जिलों को जारी किया निर्देश केंद्र सरकार अक्षय तृतीया को लेकर खासा चौकस है. इसकी वजह अक्षय तृतीया में होने वाले बाल विवाह हैं. केंद्र सरकार को विभिन्न माध्यमों से यह जानकारी मिलती रही है कि अक्षय तृतीया के दिन मांगलिक कार्य के तहत बाल विवाह कराये जाते हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 9, 2016 5:18 AM

अक्षय तृतीया . केंद्र सरकार ने जिलों को जारी किया निर्देश

केंद्र सरकार अक्षय तृतीया को लेकर खासा चौकस है. इसकी वजह अक्षय तृतीया में होने वाले बाल विवाह हैं. केंद्र सरकार को विभिन्न माध्यमों से यह जानकारी मिलती रही है कि अक्षय तृतीया के दिन मांगलिक कार्य के तहत बाल विवाह कराये जाते हैं. बाल विवाह रोकने के िलए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को चौकस रहने का निर्देश दिया है.
कटिहार : बैशाख के शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन मनाये जाने वाली अक्षय तृतीया का महत्व जगजाहिर है.
बहुसंख्यक हिंदू समाज अक्षय तृतीया को बेहतर मुहुर्त मानकर कई तरह के मांगलिक व अहम कार्यों की शुरुआत करता है. सोमवार को अक्षय तृतीया है.
ऐसे में जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अक्षय तृतीया पर किये जाने वाले अनुष्ठान की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है. दूसरी तरफ अक्षय तृतीया पर मांगलिक कार्य बड़े पैमाने पर किये जाते हैं. केंद्र सरकार अक्षय तृतीया को लेकर खासा चौकस है. इसकी वजह अक्षय तृतीया में होने वाले बाल विवाह हैं. केंद्र सरकार को विभिन्न माध्यमों से यह जानकारी मिलती रही है कि अक्षय तृतीया के दिन मांगलिक कार्य के तहत बाल विवाह कराये जाते हैं.
हालांकि अक्षय तृतीया में गृह प्रवेश, वस्त्र, आभूषण की खरीदारी सहित कई महत्वपूर्ण कार्य संपन्न किये जाते हैं, लेकिन जिस तरह केंद्र सरकार ने सोमवार को होने वाले अक्षय तृतीया को लेकर सभी राज्य सरकारों को दिशा निर्देश जारी किया है.
जिले में हैं बाल विवाह के अधिक मामले
48 फीसदी शादियां बाल विवाह के रूप में होती हैं
कटिहार जिले में एक आंकड़े के अनुसार करीब 48 प्रतिशत शादियां बाल विवाह के रूप में होती है. जनगणना 2011 की रिपोर्ट के अनुसार कटिहार जिले में 7452 बाल विवाह के मामले चिह्नित किये गये हैं. सूत्रों की मानें, तो जिले में हर दूसरी लड़की की शादी निर्धारित उम्र अर्थात 18 वर्ष से कम में की जाती है.
खासकर अल्पसंख्यक, दलित, आदिवासी समुदाय में बाल विवाह के मामले अधिक होते हैं. अभी तीन दिन पूर्व ही केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने राज्यसभा में राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के आधार पर बताया कि बाल विवाह निषेध कानून के तहत 2012 में 169, वर्ष 2013 में 222, वर्ष 2014 में 280 मामले दर्ज हैं.
अक्षय तृतीया पर बड़े पैमाने पर किये जाते हैं मांगलिक कार्य
बाल विवाह रोकने को प्रशासन कटिबद्ध
अक्षय तृतीया के दिन या कभी भी बाल विवाह की रोकथाम के लिए प्रशासन कटिबद्ध है. इसमें समाज की भूमिका भी महत्वपूर्ण है. बाल विवाह होने संबंधी सूचना टॉल फ्री नंबर 1098 पर देने पर कार्रवाई होती है.
रविशंकर तिवारी, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई

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