60 बीटीएस टावर किये जायेंगे इंस्टॉल

कवायद . ग्रामीण व बाढ़ग्रस्त क्षेत्र हैं प्राथमिकता में : जीएमटीडी बाढ़ प्रभावित और ग्रामीण हलकों में उपभोक्ताओं की बढ़ायी जायेगी संख्या कटिहार : सूबे में लगातार हो रहे सड़क निर्माण कार्य के कारण हमारे ऑप्टिकल फाइवर डैमेज हो रहे हैं. इस वजह से कनेक्टिविटी में दिक्कतें आ रहीं हैं. हालांकि रूट डायवर्ट की सुविधा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2016 6:31 AM

कवायद . ग्रामीण व बाढ़ग्रस्त क्षेत्र हैं प्राथमिकता में : जीएमटीडी

बाढ़ प्रभावित और ग्रामीण हलकों में उपभोक्ताओं की बढ़ायी जायेगी संख्या
कटिहार : सूबे में लगातार हो रहे सड़क निर्माण कार्य के कारण हमारे ऑप्टिकल फाइवर डैमेज हो रहे हैं. इस वजह से कनेक्टिविटी में दिक्कतें आ रहीं हैं. हालांकि रूट डायवर्ट की सुविधा प्रदान करने की कोशिशें जारी हैं और इसके माध्यम से हम उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा प्रदान कर रहे हैं. उक्त बातें प्रभात खबर से विशेष बातचीत के क्रम में दरभंगा एसएसए से स्थानांतरित होकर कटिहार एसएसए आये जीएमटीडी आरएस वर्मा ने कहीं.
श्री वर्मा ने कहा कि उपकरण खरीदने में टेंडरिंग प्रक्रिया में विलंब होने के कारण बीटीएस इंस्टालेशन का कार्य तीव्र गति से नहीं हो पा रहा है. जल्द ही इस दिशा में नये विकल्प तलाशे जायेंगे और छह माह के अंदर कटिहार एसएसए अंतर्गत कटिहार, पूर्णिया और अररिया में 50-60 मोबाइल बीटीएस इंस्टॉल किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर मोबाइल सेवा मिले, इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भी लोगों को कनेक्टिविटी की समस्या से दो चार न होना पड़े.
टेंडरिंग प्रक्रिया में देरी से हो रहा नुकसान
श्री वर्मा कहते हैं कि सरकारी तंत्र में तमाम प्रक्रिया एक सिस्टम के तहत होती है. इस वजह से कार्य में थोड़ा विलंब होता है. राज्य सरकार द्वारा कराये जा रहे विकास कार्य के कारण हमारे अधिकांश अंडरग्राउंड केबल में फॉल्ट आ गया है. साथ ही बीटीएस की संख्या कम होने और उपभोक्ताओं की संख्या अधिक होने के कारण लोड अधिक होता है. इस वजह से कॉल कंजेशन, कॉल ड्रॉप और लाइनें व्यस्त हो जाती हैं. हालांकि ग्रामीण हलकों में नये बीटीएस लगाये जाने को ले प्लानिंग की जा रही है और जल्द ही उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं नसीब होंगी. पूरे देश में मोबाइल सेवा में बीएसएनएल अव्वल है और कुल 9.60 फीसदी की कस्टमर शेयरिंग है.
डिमांड और सप्लाई के पेच में फंसा है मामला
जीएमटीडी कहते हैं कि बीएसएनएल की सेवाओं की मांग अधिक होने के कारण हम अपना काम तो कर ही रहे हैं, लेकिन उपकरणों की सप्लाई मंथर गति से होने का खामियाजा न सिर्फ निगम कर्मी, बल्कि उपभोक्ताओं को भी भुगतना पड़ता है. कस्टमर प्रीमाइज इक्विपमेंट की सप्लाई नहीं होने के कारण वाइमैक्स सेवा का विस्तार नहीं किया जा रहा है. सीपीइ की सप्लाई पूरे बिहार परिमंडल में नहीं हो रही है. बावजूद इसके वाइमैक्स को बेहतर बनाने की हर कवायद अमल में लायी जा रही है. फिलहाल 197 टू-जी, 46 थ्री-जी मोबाइल टावर काम कर रहे हैं और जल्द ही इनकी संख्या बढ़ायी जायेगी.
लैंडलाइन व ब्राॅडबैंड सेवा का होगा विस्तार
उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ाने के हो रहे उपाय
लैंडलाइन और ब्राॅडबैंड सेवा के बारे उन्होंने कहा कि इनके उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ाने के लिये कारगर उपाय किये जा रहे हैं. सभी डीजीएम, एसडीइ व जेटीओ को इस बाबत दिशा निर्देश दिया जा रहा है कि वे लैंडलाइन और ब्राॅडबैंड सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए कार्य करें. बता दें कि फिलहाल पूरे एसएसए में लैंडलाइन उपभोक्ताओं की संख्या 9576 है, जबकि ब्राॅडबैंड उपभोक्ताओं की संख्या 3233 है.

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