नहीं चेती पुलिस, सुरक्षा-व्यवस्था में अब भी कई छेद

प्रभात पड़ताल. शहर के मुख्य चौक-चौराहे व बाजार में नहीं दिखी पुलिस, गश्ती वाहन भी नहीं दिखा आभूषण दुकान लूट मामले में अब भी पुलिस के हाथ खाली हैं. पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर पायी है. अपराधियों ने जिस तरह बेखौफ घटना को अंजाम दिया, उससे शहरवासी दहशत में हैं. रविवार को प्रभात खबर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2016 3:00 AM

प्रभात पड़ताल. शहर के मुख्य चौक-चौराहे व बाजार में नहीं दिखी पुलिस, गश्ती वाहन भी नहीं दिखा

आभूषण दुकान लूट मामले में अब भी पुलिस के हाथ खाली हैं. पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर पायी है. अपराधियों ने जिस तरह बेखौफ घटना को अंजाम दिया, उससे शहरवासी दहशत में हैं. रविवार को प्रभात खबर ने शहर के बाजार व मुख्य चौक-चौराहों की सुरक्षा का जायजा लिया तो यह बात सामने आयी कि अब भी सुरक्षा व्यवस्था में कई खामियां हैं.
कटिहार : प्रभात खबर की टीम को रविवार को शहर के बड़ा बाजार, एमजी रोड, मंगल बाजार बाटा चौक पर कहीं भी पुलिस जवान नहीं दिखे. गश्ती गाड़ी भी नहीं दिखी. सिर्फ ट्रैफिक पुलिस दिखी. शहर के पॉश इलाके में इन जगहों की गिनती होती है. जिस तरह अपराधियों ने स्वर्ण व्यवसायी राधेश्याम सोनी की दुकान में शुक्रवार को दिनदहाड़े हथियार से लैस अपराधियों द्वारा बड़ी लूट की घटना को अंजाम दिया, उसके बाद से ही यह सवाल उठ रहे हैं
कि आखिर पुलिस क्यों नहीं चेत रही है. शहर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की दिशा में कोई काम नहीं हुआ है. पुलिस की सुस्ती का हाल यह है कि शहर के किसी भी चौक-चौराहे या बड़े कारोबारी की दुकान के आसपास पुलिस की तैनाती नहीं की गयी है. इससे व्यवसायी वर्ग हमेशा दहशत में रह रहे हैं. उन्हें चिंता सता रही है कि कहीं फिर से कोई अप्रिय घटना न हो जाये. यही वजह है कि व्यवसायी कोई भी नया चेहरा देखते हैं, तो उन्हें भय सताने लगता है.
शहर के एक भी स्थान पर सुरक्षा के दृष्टीकोण से पुलिस की तैनाती नहीं की गयी है. पुलिस की गश्ती भी शहर में कहीं नहीं दिखी. इसके साथ ही वाहनों की जांच पड़ताल भी शहर के किसी भी हिस्से में नहीं की जा रही थी. ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठना तो लाजमी है. स्थिति यह है कि वाहन चेकिंग को लेकर भी अपराधियों में दहशत रहता है लेकिन वाहन चेकिंग भी नहीं दिखी.
शहर की सड़कों पर बेरोकटोक वाहनों की तीन लोग सवार होकर चलते दिखे. थाना के पास बोर्ड तो लगा था लेकिन पुलिस नहीं थी. मुख्य बाजार में मौजूद व्यवसायी व दुकानदारों ने भी आश्चर्य जताते हुए कहा कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी पुलिस की चौकसी नहीं होना आश्चर्यजनक है. पुलिस को तत्काल इस दिशा में ध्यान देना चाहिए नहीं तो अपराधी फिर किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे देंगे.
एमजी रोड में नहीं दिखे पुलिस के जवान
शहर के व्यस्तम व व्यवसायियों के हब के रूप में एमजी रोड को जाना जाता है. इस रोड में आधा दर्जन से अधिक स्वर्ण व्यवसायी, कपड़ा व्यवसायी एवं विभिन्न तरह के बड़े-बड़े शो रूम है. जिले के विभिन्न हिस्सों से खरीदारी के लिए यहां लोगों का आना-जाना लगा रहता है. पर, कहीं भी सुरक्षा के लिहाज से पुलिस की तैनाती नहीं की गयी है. यही नहीं टीम ने इस सड़क का 2.30 बजे दिन में जायजा लिया, तो पुलिस की गश्ती भी नहीं हो रही थी. जायजा लेने के क्रम में चैंबर के पूर्व अध्यक्ष विमल सिंह बेगानी ने कहा कि पुलिस व्यवसायियों को सुरक्षा देने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है.
व्यवसायी अपनी सुरक्षा खुद करने को मजबूर हो रहे हैं. पुलिस से लोगों का विश्वास समाप्त हो चुका है. वहीं शहीद चौक पर भी किसी तरह की कोई चौकसी नहीं थी. कुछ ट्रैफिक पुलिस के जवान वहां जरूर मौजूद थे. जो वन वे रूट का पालन कराने में व्यस्त थे.
मंगलबाजार व बाटा चौक पर भी सुरक्षा व्यवस्था नदारद
शहर के व्यस्तम बाजार में मंगलबाजार, बाटा चौक भी है. यहां कई सोने-चांदी के दुकान के साथ छोटे-बड़े कई कारोबारी हैं. बाटा चौक पर महालक्ष्मी ज्वेलर्स के प्रो संजय सिंह उर्फ बंटू सिंह से पूछा गया कि स्वर्ण व्यवसायी के यहां लूट की घटना के बाद पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था से आप कितना संतुष्ट है. इस पर उन्होंने बिफरते हुए कहा कि पुलिस को गश्ती करने की फुरसत कहां है. सुबह से दोपहर के 2.30 बज गये हैं,
लेकिन एक भी पुलिस का जवान या पदाधिकारी हमें यहां आसपास नहीं दिखा है. उन्होंने कहा कि पूर्व की तरह सैप जवानों की नियुक्ति सरकार को करनी चाहिए और सभी चौक-चौराहों व बड़े कारोबारियों के आसपास उनको ड्यूटी में लगाने से अपराध में कमी आ सकती है. यदि ऐसा नहीं हुआ तो वह दिन दूर नहीं है जब व्यवसायी अपना कारोबार समेट कर पलायन करने को मजबूर हो जायेंगे. इसके आगे बढ़ने पर न्यू मॉर्केट, दुर्गास्थान चौक आदि में भी सुरक्षा के लिहाज से जवानों की तैनाती नहीं थी.
बड़ा बाजार में सुरक्षा की स्थिति बदतर
शहर के बड़ा बाजार में भी सुरक्षा व्यवस्था नहीं दिखी. टीम ने जायजा लेने के क्रम में कई दुकानदारों से बात की. दुकानदारों ने नाम नहीं छापने का अनुरोध किया और बताया कि पुलिस इस क्षेत्र में कभी आती ही नहीं है. कोई घटना होने पर ही पुलिस बड़ा बाजार में दिखती है. यहां के व्यवसायियों की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे हो रही है. यही स्थिति शिवमंदिर चौक की भी है. शिवमंदिर चौक के निकट ही छह माह पूर्व एक शराब व्यवसायी की हत्या अपराधियों ने गोली मार कर दी थी. घटना के बाद यहां कुछ दिन पुलिस की तैनाती भी की गयी थी, लेकिन बाद में पुलिस को हटा दिया गया. गौरतलब हो कि यह चौक शहर के अतिसंवेदनशील में गिना जाता है.
मिरचाईबाड़ी में भी नहीं दिखी सुरक्षा व्यवस्था
टीम ने मिरचाईबाड़ी क्षेत्र का दोपहर 1.30 बजे जायजा लिया. सहायक थाना चौक से लेकर अंबेदकर चौक, समाहरणालय, कचहरी आदि का जायजा लिया, तो वहां भी सुरक्षा व्यवस्था का यही हाल था. चौक-चौराहों पर एक भी जवान नहीं दिखे. कहीं वाहनों की चेकिंग नहीं हो रही थी. यही स्थिति कमोवेश पूरे शहर की है. इसके कारण आम लोगों व व्यवसायियों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गयी है.

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