झमाझम बारिश से मौसम सुहाना

तापमान में वृद्धि होने से लोगों का घर से निकलना दूभर हो गया था, लेकिन मंगलवार को हुई झमाझम बारिश से वातावरण में ठंडक घुल गयी है. हालांकि शहर की सड़कों पर जलजमाव से लोगों की मुसीबतें भी बढ़ गयी हैं. कटिहार : मंगलवार को हुई बारिश से लोगों को काफी राहत मिली है. सूर्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2016 7:44 AM
तापमान में वृद्धि होने से लोगों का घर से निकलना दूभर हो गया था, लेकिन मंगलवार को हुई झमाझम बारिश से वातावरण में ठंडक घुल गयी है. हालांकि शहर की सड़कों पर जलजमाव से लोगों की मुसीबतें भी बढ़ गयी हैं.
कटिहार : मंगलवार को हुई बारिश से लोगों को काफी राहत मिली है. सूर्य की तपिश को बारिश की बौछारों ने परास्त कर दिया है. चिलचिलाती धूप के बीच मंगलवार को अचानक आसमान में उमड़ते घुमड़ते काले बादल देख कर लोगों को काफी राहत मिली है. सूर्यदेव का पारा थोड़ा शांत जरूर हुआ है और लोगों को गरमी से राहत मिली है.
पिछले कुछ दिनों से तापमान में वृद्धि होने से लोगों का घर से निकलना दूभर हो गया था, लेकिन मंगलवार को हुई झमाझम बारिश से वातावरण में ठंडक घुल गयी है. खासकर जो ताल तलैये सूखने के कगार पर थे, उनमें पानी फिर से जमने लगा है. अब हरियाली दिख रही है. धान व पाट की फसलों को इस बारिश से काफी फायदा होने की संभावना है. खेतों में भी पानी समुचित मात्रा में भर गया है और किसानों को अब फसलों की सिंचाई के लिए अपनी जेबें ढीली नहीं करनी पड़ेंगी.
ध्वस्त है ड्रेनेज सिस्टम : सूबे के अच्छे शहरों में जिले का नाम भी शुमार है, लेकिन बात जब सुविधाओं की आती है, तो सबकुछ ए या बी नहीं बल्कि सी-क्लास जैसी प्रतीत होने लगता है. साफ सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति ही कीजा रही है. सरकारी तौर पर जहां सफाई कर्मियों का टोटा है, वहीं ठेकेदारों के अधीन कार्य करने सफाई कर्मी भी पर्याप्त नहीं हैं.
लिहाजा, नगर निगम के सभी 45 वार्डों में जुगाड़ तंत्र के सहारे ही सफाई कार्य को अंजाम दिया जा रहा है. मसलन जहां जितने सफाई कर्मी की आवश्यकता होती है, वहां किसी अन्य वार्ड से सफाई कर्मी को बुलाकर काम लिया जाता है. बता दें कि शहर में कई साल पहले ड्रेनेज सिस्टम को अमल में लाया गया था, ताकि जलजमाव की समस्या को दूर किया जा सके. प्रकाश सिनेमा हॉल से लेकर दुर्गा मंदिर चौक तक भू-गर्भीय नाले का निर्माण आज से बीस साल पहले किया गया था, लेकिन यह योजना भी सफल नहीं हो सकी.
कहते हैं सैनिटरी इंस्पेक्टर : नगर निगम के सैनिटरी इंस्पेक्टर कैलाश चौधरी ने कहा कि सभी वार्डों में सफाई हो रही है. हर वार्ड में दो-दो सफाई कर्मी तैनात हैं. प्रत्येक वार्ड में नालों की सफाई समय समय पर की जाती है. जहां जितने सफाई कर्मी की जरूरत होती है, वहां उतने कर्मी लगाये जाते हैं.
सफाई नहीं होने से नालों का पानी कचरे के साथ सड़क पर आ गया
हमेशा की तरह बरसाती दिनों जिले के शहरी क्षेत्रों में जलजमाव की समस्या आम हो चुकी है. हर वार्ड की गलियों में उफनती नालियां बता रही हैं कि नगर निगम के सफाईकर्मी मुस्तैदी के साथ अपना काम नहीं करते हैं.
बजबजाती नालियों से सड़े पानी का रिसाव सड़कों पर होने लगता है. जिन वार्डों में नालों से पानी का रिसाव होता है, वहां के लोग नाक पर रूमाल या फिर कपड़ा लेकर ही सड़कों पर चलते दिखते हैं. सफाई कर्मी द्वारा सही तरीके से नालों की सफाई नहीं करने से नालों की गंदगी बारिश के पानी के साथ बाहर निकल आती हैं और पूरा शहर नरक में तब्दील हो जाता है.

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