पिस्टल, कारतूस, चाकू बाइक, खुजली वाला पाउडर, कैंची, रिंच, पिलास व मास्टर चाबी बरामद

कटिहार/पटना : पटना पुलिस के लिए परेशानी का सबब बने कोढ़ा ग्रुप के सात अपराधियों को शास्त्रीनगर की पुलिस ने पकड़ लिया है. पकड़े गये अपराधियों के पास से दो पिस्टल, चार कारतूस, दो लूट की बाइक, दो चाकू, खुजली वाला पाउडर, कैंची, रिंच, पिलास व मास्टर चाबी बरामद किये गये हैं. अपराधियों में विशाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 20, 2016 7:51 AM

कटिहार/पटना : पटना पुलिस के लिए परेशानी का सबब बने कोढ़ा ग्रुप के सात अपराधियों को शास्त्रीनगर की पुलिस ने पकड़ लिया है. पकड़े गये अपराधियों के पास से दो पिस्टल, चार कारतूस, दो लूट की बाइक, दो चाकू, खुजली वाला पाउडर, कैंची, रिंच, पिलास व मास्टर चाबी बरामद किये गये हैं. अपराधियों में विशाल कुमार, सिकंदर यादव, कबीर कुमार, आयुष कुमार, मिथिलेश यादव, मुन्ना ग्वाला व अमर कुमार शामिल हैं. ये सभी कटिहार के कोढ़ा के जुराबगंज नया टोला के रहने वाले हैं.

हालांकि, इस गिरोह में दो दर्जन से अधिक अपराधी शामिल हैं, जो पटना के विभिन्न थानों क्षेत्रों में कई घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस के लिए परेशानी का सबब बने हुए थे. ये पुलिस की पकड़ में नहीं आ रहे थे. इन लोगों के पास से बरामद खुजली का पाउडर से ये लोग किसी के शरीर में डाल कर उनका सामान लेकर भागने में उपयोग करते थे. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि इन लोगों से गिरेह के अन्य सदस्यों के संबंध में जानकारी मिली है और पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है.

होटल में खतरा बढ़ने के कारण लिया था मोहल्लों में किराये का कमरा : यह गिरोह आमतौर पर होटलों में रूक कर घटना को अंजाम देने के बाद वापस दूसरे राज्य निकल जाते थे. जिस कारण ये पुलिस की पकड़ में नहीं आते थे. इन दिनों होटलों में हो रही लगातार चेकिंग व कड़ाई के कारण इन लोगों ने अपने रहने का ठिकाना होटलों से हटा कर मेहल्लों में किराये का कमरा लेकर वहां बना लिया है.
शास्त्रीनगर पुलिस ने इन सभी को राजा बाबार इलाके के होटल गली से पकड़ने में सफलता प्राप्त की. आसपास के लोगों ने जमावड़ा होने की जानकारी पुलिस को दे दी और पुलिस जब पहुंची तो इन लोगों ने भागने का प्रयास किया. लेकिन, पुलिस ने पूरे मकान की घेराबंदी कर रखी थी.
वकीलों से भी रखते हैं संपर्क, पकड़े जाने के बाद लेते हैं मदद
यह गिरोह काफी शातिर है. ये लोग वकीलों से भी संपर्क में रहते हैं और जैसे ही इस गिरोह के काेई सदस्य पकड़ कर जेल भेजे जाते हैं, तो फिर वकीलों के माध्यम से जमानत के लिए प्रयास शुरू कर देते हैं. इसके लिए वकीलों को यह गिरोह मुंहमांगी कीमत देते हैं.
किस तरह की घटनाओं को देते हैं अंजाम : सड़क पर मोबाइल से बात करते हुए जाने के क्रम में बाइकर्स द्वारा झपट्टा मार कर मोबाइल को छीन लेना. दस-दस के नोट को गिरा कर लालच देंगे और जब उसे उठाने के लिए नीचे उतरेंगे तो गाड़ी से लैपटॉप या मोबाइल लेकर भाग जाना. भीड़-भाड़ वाले जगहों पर तास के खेल में आपके पैसा दोगुना करने के नाम पर ठग लेना. पुलिस बन कर आगे लूटपाट की जानकारी देने की जानकारी देकर महिलाओं से गहने ले लेना. पुलिस बन कर चेकिंग करने के नाम पर पैसा व गहने ले लेना. टेम्पो में चढ़ने के दौरान हाथ में रहे मोबाइल, गले में चेन या फिर पर्स को लेकर भाग जाना.

Next Article

Exit mobile version