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जिले में बाढ़ राहत सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की बात सामने आ रही है.

डंडखाेरा में बनायी गयी सूची में वैसे लोगों का भी नाम दर्ज है, जो कहीं से भी बाढ़पीड़ित नहीं है. वहीं मामले में अधिकारी जांच के नाम पर लीपापोती में जुटे हैंं. कटिहार : जिले में महानंदा व गंगा नदी के उफान की वजह से दो चरणों में बाढ़ आयी. इससे लाखों की आबादी प्रभावित […]

डंडखाेरा में बनायी गयी सूची में वैसे लोगों का भी नाम दर्ज है, जो कहीं से भी बाढ़पीड़ित नहीं है. वहीं मामले में अधिकारी जांच के नाम पर लीपापोती में जुटे हैंं.

कटिहार : जिले में महानंदा व गंगा नदी के उफान की वजह से दो चरणों में बाढ़ आयी. इससे लाखों की आबादी प्रभावित हुई. महानंदा नदी के बाढ़ से जिले के सात प्रखंड प्रभावित हुए, जबकि गंगा नदी के उफान से आधा दर्जन प्रखंड प्रभावित हुए. महानंदा नदी के बाढ़ से जो प्रखंड प्रभावित हुए हैं, वहां सर्वेक्षण के बाद बाढ़ राहत सूची तैयार कर आरटीजीएस के माध्यम से प्रत्येक लाभुक को छह हजार रुपये भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. वहीं गंगा नदी के बाढ़ के बाद प्रभावित प्रखंडों में लाभुकों के सर्वे का काम चल रहा है. इस बीच महानंदा नदी के बाढ़ से प्रभावित प्रखंडों में मुफ्त सहायता (जीआर) के लिए बनायी गयी सूची में व्यापक अनियमितता सामने आ रही है. बाढ़ राहत सूची में ऐसे-ऐसे लोगों का नाम है, जिनके घरों में बाढ़ का पानी घुसा ही नहीं था.
जिले के डंडखोरा प्रखंड में बनायी गयी बाढ़ राहत सूची प्रभात खबर को हाथ लगी है. इस प्रखंड के पांच पंचायतों के कुछ गांवों को बाढ़ प्रभावितों की श्रेणी में रखा गया है. प्रभात खबर को सीओ डंडखोरा के हस्ताक्षर से जारी द्वाशय व डंडखोरा पंचायत की बाढ़ राहत सूची हाथ लगी है. इस सूची को देखने से साफ जाहिर होता है कि बाढ़ राहत के नाम पर व्यापक अनियमितता की गयी है. बाढ़ प्रभावित गांव में फर्जी लोगों का नाम शामिल कर उन्हें लाभ दिये जाने की कोशिश की गयी है. सूची में दर्जनों वैसे लोगों का नाम शामिल है, जिनके घर में पानी घुसा ही नहीं था. बाढ़ राहत सूची तैयार करने को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव द्वारा दिये गये दिशा निर्देश का उल्लंघन भी किया गया है. जानकारों की मानें, तो 50 लाख रुपये से अधिक के घालमेल की तैयारी चल रही है.
जांच के नाम पर लीपापोती का प्रयास : डंडखोरा प्रखंड में बाढ़ राहत सूची में हुई व्यापक अनियमितता व फर्जीवाड़ा को लेकर प्रखंड के लोगों में आक्रोश है. पिछले 16 सितंबर को बाढ़ राहत सूची में व्यापक अनियमितता व फर्जीवाड़ा के विरोध में प्रखंड के लोगों ने सड़क जाम कर चार घंटे आवागमन बाधित कर दिया था. वरीय अधिकारी के निर्देश पर जाम समाप्त कराने पहुंचे सीओ डंडखोरा ने जांच कर फर्जी लोगों का नाम हटाने व अनियमितता को दूर करने का आश्वासन दिया था. पर, एक सप्ताह बाद भी इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है. जानकारों की मानें, तो बाढ़ राहत सूची में अनियमितता व फर्जीवाड़ा की लीपापोती की कोशिश चल रही है. जिले के वरीय अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं.
ये है प्रावधान : आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ने बाढ़ राहत सूची को लेकर दिशा निर्देश जारी किया था. दिशा निर्देश के तहत वैसे लोगों को ही बाढ़ राहत (जीआर) का लाभ दिया जाना है, जिनके घर में कुछ दिनों तक पानी रहा हो. पर, डंडखोरा प्रखंड में बनायी गयी सूची को देखने से ऐसा लग रहा है कि विभाग के दिशा निर्देश का अनुपालन नहीं किया गया है.
सीएम से की जांच की मांग
प्रखंड के लोगों ने बाढ़ राहत सूची में हुए अनियमिता व फर्जीवाड़ा को लेकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को पत्र भेजकर जांच की मांग की है.
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