गोदाम से बगैर तौल किये ही डीलरों को दिया जाता है खाद्यान्न

आजमनगर : सरकार जनवितरण व्यवस्था को पारदर्शिता बनाने के लिए नित्य नयी-नयी तकनीक का उपयोग कर रही है. इसी के तहत खाद्यान्न गोदाम से डीलर के भंडार तक पहुंचाने के लिए जीपीएस सिस्टम युक्त वाहनों के प्रयोग का निर्देश भी है. संवेदक के लिए हर वाहन में जीपीएस लगाना अनिवार्य है. सूत्रों की मानें, तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 9, 2016 4:18 AM

आजमनगर : सरकार जनवितरण व्यवस्था को पारदर्शिता बनाने के लिए नित्य नयी-नयी तकनीक का उपयोग कर रही है. इसी के तहत खाद्यान्न गोदाम से डीलर के भंडार तक पहुंचाने के लिए जीपीएस सिस्टम युक्त वाहनों के प्रयोग का निर्देश भी है. संवेदक के लिए हर वाहन में जीपीएस लगाना अनिवार्य है. सूत्रों की मानें, तो जमीन पर की हकीकत कुछ और है.

एसएफसी गोदाम से जनवितरण विक्रेताओं को वजन कर खाद्यान्न नहीं दिया जाता है. मापक यंत्र पिछले कई महीनों से खराब पड़ा है. गोदाम पर लगी मापी मशीन शोभा पीस बनी है. आजमनगर में सरकारी अनाज की कालाबाजारी से पुराना नाता है. सूत्रों की मानें तो एक बड़ा रैकेट इसमें सक्रिय है. जो गरीबों के निवाले को पश्चिम बंगाल की मंडी तक पहुंचा रहा है. अधिकांश कालाबाजारी का अनाज भी सरकारी पदाधिकारियों की बजाय आम लोगों की सक्रियता से पकड़ा जाता है.
स्थानीय लोगों की पहल पर जब कालाबाजारी का अनाज पकड़ा जाता है, तो प्राथमिकी जरूर दर्ज होती है. अब तक कई मामले दर्ज हो चुके है. पर, निर्णायक कार्रवाई नहीं हो पाती है. इससे इतर डीलरों के अनाज पकड़े जाने पर अधिकांश मामलों में जांच की आड़ में ही मामला दफन हो जाता है.

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