मरीजों के साथ खिलवाड़ . ऑनलाइन माॅनीटरिंग के जरिये हुआ खुलासा
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ओपीडी में डाॅक्टरों की रुचि नहीं
मरीजों के साथ खिलवाड़ . ऑनलाइन माॅनीटरिंग के जरिये हुआ खुलासा सितंबर में ऑनलाइन मॉनीटरिंग करने के बाद यह बात उभर कर सामने आयी है कि सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक ओपीडी करने से कतराते हैं. राज्य स्वास्थ्य समिति ने सितंबर की रिपोर्ट को आधार बता कर सभी जिला पदाधिकारियों को इस मामले में तत्काल संज्ञान […]
सितंबर में ऑनलाइन मॉनीटरिंग करने के बाद यह बात उभर कर सामने आयी है कि सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक ओपीडी करने से कतराते हैं. राज्य स्वास्थ्य समिति ने सितंबर की रिपोर्ट को आधार बता कर सभी जिला पदाधिकारियों को इस मामले में तत्काल संज्ञान लेने का निर्देश दिया है.
कटिहार :स्वास्थ्य सेवाओं में गुणात्मक सुधार लाने तथा मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर राज्य सरकार कई स्तरों पर पहल कर रही है. खासकर ओपीडी में आने वाले मरीजों के उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग कई तरह का निर्देश जारी करता रहा है. स्वास्थ्य विभाग के ताजा निर्देश के तहत अब सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों को ओपीडी नहीं करना महंगा पड़ सकता है.
स्वास्थ्य विभाग चिकित्सकों के ओपीडी के मामले को लेकर ऑनलाइन मॉनीटरिंग शुरू कर दी है. सितंबर 2016 में ऑनलाइन मॉनीटरिंग करने के बाद यह बात उभर कर सामने आयी है कि सरकारी अस्पतालों में पदस्थापित चिकित्सक ओपीडी करने से कतराते हैं. राज्य स्वास्थ्य समिति ने सितंबर की रिपोर्ट को आधार बताकर सभी जिला पदाधिकारियों को इस मामले में तत्काल संज्ञान लेने का निर्देश दिया है. कटिहार जिले में भी विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में पदस्थापित चिकित्सक ओपीडी करने से बचते रहे हैं.
सितंबर की यह रिपोर्ट बताती है कि जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में पदस्थापित 21 चिकित्सक ओपीडी करने में बचते रहे हैं. इसमें कई ऐसे चिकित्सक हैं, जो महीने में एक भी ओपीडी नहीं किये हैं. राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सह स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव शशि भूषण कुमार ने पत्रांक 4604, 13.10.2016 के द्वारा डीएम को पत्र जारी कर ओपीडी से संबंधित प्रतिवेदन की समीक्षा कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
सितंबर में एक दिन भी नहीं किये ओपीडी
जिले के इन चिकित्सकों का नाम आया सामने
ऑनलाइन मॉनीटरिंग के आधार पर यह बात सामने आयी है कि कटिहार जिले के विभिन्न अस्पतालों में पदस्थापित 21 चिकित्सकों ने ओपीडी करने में रुचि नहीं दिखायी. इसमें से अधिकांश चिकित्सक सितंबर महीने में एक भी ओपीडी नहीं किये हैं. ओपीडी नहीं करने वाले चिकित्सकों में पीएचसी आजमनगर के डॉ अफसर आलम व डाॅ जस्मीन, बलरामपुर के डाॅ मुकर्रम रजा, कदवा के डाॅ रामनाथ उपाध्याय, कुरसेला के डाॅ पंकज कुमार सिंह व शिव नारायण शर्मा, मनिहारी की डाॅ गजाला परवीन,
डाॅ इमरान आलम, डॉ परवेज आलम, डॉ पूनम कुमारी, डॉ संतोष कुमार जायसवाल, प्राणपुर के डॉ शंकर दयाल सिंह, अनुमंडल अस्पताल मनिहारी के डॉ जयप्रकाश पाण्डेय, अनुमंडल अस्पताल बारसोई के डॉ हरिनंदन राय व डॉ मो मउदूद अहमद ने सितंबर महीने में एक भी ओपीडी नहीं की है. पीएचसी कोढ़ा के डॉ अजय कुमार सिंह ने दो, समेली के डॉ श्रीप्रकाश ने चार, सदर अस्पताल के डॉ योगेंद्र प्रसाद भगत ने 15, मनसाही के डॉ राकेश रौशन ने 37, हसनगंज के डॉ नवीन कुमार साह ने 52 ओपीडी सितंबर महीने में किया है.
संजीवनी प्रणाली के तहत होती है मॉनीटरिंग
पिछले महीने से स्वास्थ्य विभाग ओपीडी की ऑनलाइन मॉनीटरिंग की शुरुआत की है. सदर अस्पताल सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चलने वाले ओपीडी की ऑनलाइन मॉनीटरिंग संजीवनी प्रणाली के तहत शुरू की गयी है. ओपीडी में आने वाले मरीज को कौन चिकित्सक देख रहे हैं. इसकी जानकारी तुरंत हो जाती है. साथ ही किस चिकित्सक की ड्यूटी लगी है यह भी जानकारी ऑनलाइन मिल जाती है. सितंबर महीने में ऑनलाइन मॉनीटरिंग के आधार पर ओपीडी करने वाले चिकित्सकों की जानकारी एकत्रित की गयी.
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