ग्रामीण इलाकों में नोट की उपलब्धता करें सुनिश्चित

वार्षिक साख योजना के तहत मौजूदा वित्तीय वर्ष में मात्र 35.81 प्रतिशत की उपलब्धि पर डीएम ने बैंकों को फटकार लगायी कटिहार : समाहरणालय के सभाकक्ष में मंगलवार को जिला स्तरीय समन्वय समिति (बैंकर्स) की बैठक जिला पदाधिकारी ललन जी अध्यक्षता में हुई. बैठक में सभी बैंकों के प्रतिनिधियों द्वारा हजार व पांच सौ के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2016 1:51 AM

वार्षिक साख योजना के तहत मौजूदा वित्तीय वर्ष में मात्र 35.81 प्रतिशत की उपलब्धि पर डीएम ने बैंकों को फटकार लगायी

कटिहार : समाहरणालय के सभाकक्ष में मंगलवार को जिला स्तरीय समन्वय समिति (बैंकर्स) की बैठक जिला पदाधिकारी ललन जी अध्यक्षता में हुई. बैठक में सभी बैंकों के प्रतिनिधियों द्वारा हजार व पांच सौ के नोट बंद होने के कारण नये नोटों को लाने व पहुंचाने में पर्याप्त सुरक्षा बल उपलब्ध कराने की मांग की गयी.
इस पर डीएम व एसपी सिद्धार्थ मोहन जैन ने नोट जमा करने व बदलने को लेकर उत्पन्न परिस्थितियों में समन्वय स्थापित कर एवं सुरक्षा उपलब्ध कराने की बात कही. डीएम ने करेंसी चेस्ट वाले बैंकों को यह निर्देश दिया कि ग्रामीण इलाके में भी पर्याप्त मात्रा में नोट की उपलब्धता सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि आमतौर यह देखा जा रहा है कि बैंको का ध्यान शहरों की तरफ अधिक है.
बैठक में मौजूदा वित्तीय वर्ष के द्वितीय तिमाही यानी जुलाई से सितंबर 16 तक के कार्यो की समीक्षा के क्रम में यह बात सामने आयी कि साख जमा अनुपात पिछली तिमाही से मामूली गिरावट दर्ज की गयी है. साख जमा अनुपात 60.53 प्रतिशत से गिरकर 60.21 प्रतिशत हो गयी है. इस मामले में आइसीआइसीआइ, इंडियन बैंक, आंध्रा बैंक, केनरा बैंक व बैंक ऑफ इंडिया का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा.
डीएम ने सीडी अनुपात की स्थिति पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसमें सुधार लाने का निर्देश दिया. बैठक में वार्षिक साख योजना के तहत मौजूदा वित्तीय वर्ष में मात्र 35.81 प्रतिशत की उपलब्धि पर डीएम ने बैंकों को फटकार लगायी. इन मामले में आइसीआइसीआइ, पंजाब नैशनल बैंक, यूको बैंक, सिंडिकेट बैंक व बंधन बैंक के निराशाजनक प्रदर्शन पर चर्चा की गयी. इस बैठक में जीविका के तहत चल रहे स्वयं सहायता समूहों को कुछ बैंकों द्वारा ऋण दिये जाने में उदासीनता बरते जाने पर भी डीएम ने फटकार लगायी. खासकर यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक व बैंक ऑफ बड़ौदा एसएचजी को ऋण उपलब्ध कराने में टाल मटोल करते रहे हैं. बैठक में जीविका के प्रतिनिधि ने बताया कि यूनाइटेड बैंक कोलासी व खेरिया शाखा द्वारा आवेदन स्वीकार करने में आनाकानी की जाती है. डीएम ने ऐसे बैंकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. बैठक में डीडीसी मुकेश पाण्डेय, प्रभारी पदाधिकारी बैंकिंग मनोज कुमार झा, अग्रणी बैंक प्रबंधक बीपी कुशवाहा आदि थे.

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