शौचालय गंदा, तो एचएम पर कार्रवाई

तल्ख तेवर . विद्यालयों से लगातार मिल रही िशकायतों पर डीइओ ने जारी किया आदेश अधिकतर स्कूलों में शौचालय है, लेकिन वह उपयोग के लायक नहीं है. जहां है भी तो वहां ताला लगा दिया गया है. सफाई के लिए बीइओ, साधनसेवी आदि को भी जवाबदेह बनाया गया है. कटिहार : जिले के प्रारंभिक विद्यालयों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2016 6:28 AM

तल्ख तेवर . विद्यालयों से लगातार मिल रही िशकायतों पर डीइओ ने जारी किया आदेश

अधिकतर स्कूलों में शौचालय है, लेकिन वह उपयोग के लायक नहीं है. जहां है भी तो वहां ताला लगा दिया गया है. सफाई के लिए बीइओ, साधनसेवी आदि को भी जवाबदेह बनाया गया है.
कटिहार : जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के लिए बनाये गये शौचालय की स्थिति ठीक नही है. अधिकांश विद्यालयों के शौचालय उपयोग करने के लायक भी नहीं है. कुछ विद्यालयों में शौचालय ठीक भी हैं, तो उनमें ताला लटका रहता है. जिला शिक्षा पदाधिकारी श्रीराम सिंह ने आदेश जारी कर प्रारंभिक विद्यालयों के शौचालयों की साफ-सफाई कराने का निर्देश दिया है. डीइओ द्वारा जारी आदेश में साफ कहा गया है कि अगर किसी विद्यालय में शौचालय उपयोग करने लायक नहीं होगा, तो उसकी पूरी जवाबदेही विद्यालय प्रधान की होगी. डीइओ ने पत्र लिख कर 17 नवंबर को आदेश जारी किया है.
शिक्षा अधिकार कानून 2009 के तहत सभी प्रारंभिक विद्यालयों में छात्र व छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था करने का प्रावधान है. आरटीइ के आलोक में ही जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में शौचालय की व्यवस्था की गयी है, लेकिन रख रखाव के अभाव में विद्यालय के शौचालय गंदगी से भरे पड़े हैं. विभागीय अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान भी शौचालय गंदगी से भरे मिले. साफ सफाई नहीं होने से छात्र-छात्राओं को उसका उपयोग करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है.
शौचालय के साफ सफाई रखेंगे विद्यालय प्रधान : डीइओ द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जिले के सभी प्रारंभिक विद्यालयों में निर्मित शौचालय रखरखाव के अभाव में उपयोग के लायक नहीं रह जाते हैं. जबकि विद्यालय में शौचालय की नियमित साफ सफाई का ध्यान रखा जाना आवश्यक है. भ्रमण के दौरान विद्यालयों में शौचालय की स्थिति अत्यंत दयनीय पायी जाती है. विद्यालय परिसर में भी साफ-सफाई का घोर अभाव रहता है. विद्यालय प्रधान की पूर्ण जवाबदेही होगी कि शौचालय का विद्यालयी समयावधि में पूर्णत: साफ सफाई करवाते हुए उपयोग के लायक रखेंगे. अगर क्षेत्र भ्रमण के दौरान शौचालय में गंदगी पायी जाती है, तो इसकी पूरी जवाबदेही संबंधित विद्यालयों के प्रधान की होगी.
छात्राओं को होती है अधिक परेशानी
अधिकांश शौचालय उपयोग के लायक नहीं
दरअसल प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षा अधिकार कानून में दिये गये प्रावधान के आलोक में जिले में अधिकांश विद्यालयों में छात्र व छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था की गयी है. सतत निगरानी व रख रखाव के अभाव में विद्यालयों के शौचालय गंदगी से भरे रहते है. इससे छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है. विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी स्तर पर कराये गये अध्ययन रिपोर्ट में भी इस बात का खुलासा हुआ है कि अधिकांश विद्यालयों की शौचालय की स्थिति उपयोग करने लायक नहीं है अथवा शौचालय में विद्यालय की तरफ से ताला लगा दिया जाता है.
बीइओ भी साफ-सफाई पर रखेगें नजर
संकुल समन्वयक, प्रखंड साधनसेवी व बीइओ को भी निर्देश दिया गया है कि अपने अपने संकुलाधीन व प्रखंडाधीन विद्यालयों में अनुश्रवण के क्रम में शौचालय की साफ-सफाई को ध्यान में रखते हुए उसके उपयोग लायक रखने के लिए आवश्यक सुझाव व सहयोग विद्यालय प्रधान को देंगे. जिला स्तरीय पदाधिकारी द्वारा अगर विद्यालय निरीक्षण के क्रम में निर्मित शौचालय रखरखाव के अभाव के कारण अनुपयोगी पाया जाता है, तो उक्त विद्यालय के संकुल समन्वयक व विद्यालय प्रधान के साथ-साथ बीइओ भी इसके प्रति जवाबदेह होंगे.
कहते हैं डीइओ : डीइओ श्रीराम सिंह ने बताया कि निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आयी कि शौचालय में गंदगी की वजह से उसका उपयोग नहीं हो पाता है. विद्यालय प्रधान, सीआरसीसी, बीआरपी व बीइओ को इसके लिए पहल करने का निर्देश दिया गया है.

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