59981 पेंशनधारी हो गये लापता

हकीकत . आरटीजीएस के माध्यम से होने लगा पेंशन का भुगतान जिले में सामाजिक सुरक्षा के पेंशनधारियों की संख्या जिले में 155502 में हैं, पर जबसे आरटीजीएस में माध्यम से पेंशन दिया जाने लगा है, सामाजिक सुरक्षा के तहत आरटीजीएस के तहत मिलनी शुरू हुई पेंशन 59981 पेंशनधारी लापता हो गये हैं. इससे अनुमान लगाया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2016 6:38 AM

हकीकत . आरटीजीएस के माध्यम से होने लगा पेंशन का भुगतान

जिले में सामाजिक सुरक्षा के पेंशनधारियों की संख्या जिले में 155502 में हैं, पर जबसे आरटीजीएस में माध्यम से पेंशन दिया जाने लगा है,
सामाजिक सुरक्षा के तहत आरटीजीएस के तहत मिलनी शुरू हुई पेंशन 59981 पेंशनधारी लापता हो गये हैं. इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि पेंशन लेने में बड़े पैमाने पर खेल चल रहा था.
कटिहार : जिले में सामाजिक सुरक्षा के तहत विभिन्न तरह के पेंशनधारियों को पेंशन राशि का भुगतान आरटीजीएस के तहत किया जा रहा है. कटिहार जिले में कुल 155502 पेंशनधारी हैं, लेकिन 59981 पेंशनधारियों का कोई अता-पता नहीं है. कई बार राज्य सरकार के निर्देश पर इन पेंशनधारियों के लिए प्रशासनिक स्तर पर खोजबीन की गयी,
लेकिन अब तक इसका पता नहीं चल पाया है. हालांकि जिला प्रशासन ने एक मौका देते हुए ऐसे पेंशनधारियों को साक्ष्य के साथ 12 दिसंबर से लगने वाले विशेष कैंप में उपस्थित होने का निर्देश दिया है. अगर विशेष कैंप में ऐसे पेंशनधारी साक्ष्य के साथ उपस्थित नहीं होते हैं, तो पेंशनधारियों की सूची से उनका नाम हटा दिया जायेगा. उल्लेखनीय है कि सरकार के निर्देश पर सभी तरह के सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारियों की पेंशन राशि का भुगतान डीबीटी के तहत उनके बैंक खाते में किया जा रहा है. इसके लिए कई बार कैंप लगाया गया. पर, बड़ी संख्या में पेंशनधारी बैंक में शामिल नहीं हो पाते हैं.
पंचायत वार टीम गठित कर की गयी खोज
डीबीटी के तहत पेंशनधारियों का बैंक खाता खोलने व आधार सिडिंग कराने की प्रक्रिया के तहत कुल पेंशनधारियों में से 59981 पेंशनधारियों का कोई अता-पता नहीं चल पाया. राज्य सरकार द्वारा पेंशनधारियों का बैंक खाता खोलने व आधार सिडिंग को लेकर पिछले छह माह से प्रक्रिया चलायी गयी. इस प्रक्रिया के तहत पंचायत व प्रखंड स्तर पर विशेष शिविर का आयोजन किया गया. प्रखंडवार प्रचार-प्रसार किया गया. पेंशनधारियों का खाता संग्रहण के लिए पंचायतवार टीम गठित कर खोज की गयी.
इसमें आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, पंचायत रोजगार सेवक, विकास मित्र, टोला सेवक आदि को भी लगाया गया था. साथ ही खाता खुलवाने के लिए इन लोगों को प्रोत्साहन राशि की भी व्यवस्था की गयी. पंचायत जनप्रतिनिधियों का भी इस मामले में सहयोग लिया गया. तमाम कोशिशों के बाद भी कुल 155502 में से 59981 लोगों का खाता नहीं खुल सका. जानकारों की मानें, तो यह पेंशनधारी नहीं हैं या उनकी मौत हो चुकी है. वहीं ऐसे पेंशनधारी दोबारा लाभ प्राप्त कर रहे हैं, या गलत तरीके से पेंशन प्राप्त कर रहे हैं.
मात्र 95521 के पास ही बैंक खाता
38155 बैंक खातों को आधार के साथ जोड़ा गया
स्थानीय सामाजिक सुरक्षा कोषांग की गुरुवार की रिपोर्ट के अनुसार, जिले में 155502 पेंशनधारियों में से 95521 पेंशनधारियों का ही खाता आइएफएससी कोड के साथ खुल पाया है. इनमें से 38155 बैंक खाता को आधार के साथ जोड़ा गया है. कोषांग द्वारा 93882 बैंक खाता को पेंशन भुगतान के लिए पीएफएमएस को भेजा गया. पीएफएमएस द्वारा इनमें से 79008 खाता को स्वीकृत किया गया, जबकि 14408 खाता को पीएफएमएस द्वारा अस्वीकृत कर दिया गया.
प्रखंड द्वारा स्वीकृत खाता में से 66306 बैंक खाता को लॉक किया गया है. प्रखंड द्वारा लॉक किये गये खाता में भी कोषांग द्वारा आरटीजीएस के माध्यम से सात महीने के पेंशन राशि का भुगतान किया गया है.
ऐसे लाभुकों को मिलेगा अंतिम मौका
जिला प्रशासन ने तमाम प्रयासों के बाद नहीं मिलने वाले पेंशनधारियों को अंतिम मौका देने का फैसला किया है. मौका देने से पहले स्थानीय स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार भी कराया जायेगा. साथ ही 12 से 26 दिसंबर तक पंचायतवार व प्रखंडवार विशेष शिविर का आयोजन किया जायेगा. इस शिविर में ऐसे पेंशनधारी को बैंक पासबुक, आधार कार्ड की छायाप्रति व मोबाइल नंबर उपलब्ध कराना होगा. ऐसा नहीं करने पर पेंशनधारी को मृत या अन्यत्र चले जाने अथवा दोबारा लाभ प्राप्त करने के आरोप में कार्रवाई की जायेगी. साथ ही ऐसे पेंशनधारियों की स्वीकृति को निरस्त किया जायेगा. कोषांग के सहायक निदेशक अक्षय रंजन ने बताया कि जिला पदाधिकारी के निर्देश पर विशेष शिविर का आयोजन करने का निर्णय लिया गया है.
सामने नहीं आने पर स्वीकृति निरस्त
सामाजिक सुरक्षा के तहत 59981 पेंशनधारियों की खोज विभिन्न स्तरों पर की गयी. पर, अब तक ऐसे पेंशनधारियों की जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी है. विशेष शिविर के माध्यम से साक्ष्य के साथ ऐसे पेंशनधारियों को उपस्थित होने का अंतिम मौका दिया गया है. उसके बाद नहीं मिलने वाले पेंशनधारी के पेंशन स्वीकृति को निरस्त करते हुए विधि सम्वत कार्रवाई शुरू की जायेगी.
ललन जी, जिला पदाधिकारी
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