2004 में रोशन की सांप काटने से हुई थी मौत, परिजनों ने शव को गंगा में बहा दिया था
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सर्पदंश से हो गयी थी मौत, 12 वर्ष बाद घर लौटा युवक!
2004 में रोशन की सांप काटने से हुई थी मौत, परिजनों ने शव को गंगा में बहा दिया था फलका : थाना क्षेत्र के हथवाड़ा पंचायत अंतर्गत झगरू चक समीप राधा नगर निवासी गोपाल जायसवाल के बड़े पुत्र रोशन कुमार की 10 वर्ष की उम्र में सर्पदंश से मौत हो गयी थी. परिजनों ने उसकी […]
फलका : थाना क्षेत्र के हथवाड़ा पंचायत अंतर्गत झगरू चक समीप राधा नगर निवासी गोपाल जायसवाल के बड़े पुत्र रोशन कुमार की 10 वर्ष की उम्र में सर्पदंश से मौत हो गयी थी. परिजनों ने उसकी लाश को गंगा नदी में केले के थम पर बहाव कर दिया था. पर, 12 वर्ष बाद अचानक रोशन घर पहुंचा, तो किसी को विश्वास नहीं हो रहा था.
रोशन के 12 साल बाद जीवित घर लौटने को गांववासी कुदरत का करिश्मा मान रहे हैं. जैसे ही लोगों को सूचना मिली कि 12 साल पहले मर चुका रोशन जीवित घर लौट आया है, उसे देखने वालों का तांता लग गया है. उसकी मां पूनम देवी के खुशी के आंसू रोके नहीं रुक रहे थे. बेटे की मौत के बाद उनकी आंखें रो-रो कर पथरा गयी थीं. अचानक मृत बेटे को जिंदा देख वह खुशी से उससे लिपट गयी थीं. 80 वर्षीय दादा बैजनाथ जायसवाल को अपने आंखों पर यकीन ही नहीं हो रहा था.
उसे पिता भी इसे भगवान का करिश्मा मान रहे थे. क्षेत्र के लोगों में यह घटना कोतूहल का विषय बनी हुई है. बता दें कि 2004 में रोशन को सांप ने डस लिया था. परिजन उसे इलाज के लिये पूर्णिया ले गये, जहां उसकी मौत हो गयी थी. इसके बाद परिजनों ने काढ़ा गोला घाट में केले के थम पर लाश काे लेटा कर गंगा में बहा दिया था.
परिजनों के साथ रोशन कुमार.
परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं
रोशन के 12 वर्ष बाद घर लौटने पर पहले तो परिजनों को विश्वास नहीं हुआ. लेकिन जब उन्हें लगा कि सचमुच ही यह रोशन ही है, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. गांव में जिसने सुना व उसे देखने के लिए दौड़ पड़ा. लोग इसे कुदरत का करिश्मा बता रहे थे. उसकी मां तो खुशी से रोये जा रही थीं. पिता भी अपनी खुशी छिपा नहीं पा रहे थे. वह इसे भगवान का करिश्मा बता रहे थे.
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