मंदिर की भूमि नहीं छोड़ी तो कर दिया बहिष्कृत
दुखद. दुकानदार नहीं देता राशन, बच्चों को नहीं पढ़ाते शिक्षक पंचायत के कुछ लोगों द्वारा जारी फरमान के शिकार हुए दामोदर सिंह ने बताया कि तीन महीने से उनका समाज से बहिष्कार कर दिया है, इसलिए बच्चों को प्राइवेट शिक्षक से पढ़वाना पड़ रहा है और कोई उन लोगों से बातचीत नहीं करता है. आजमनगर […]
दुखद. दुकानदार नहीं देता राशन, बच्चों को नहीं पढ़ाते शिक्षक
पंचायत के कुछ लोगों द्वारा जारी फरमान के शिकार हुए दामोदर सिंह ने बताया कि तीन महीने से उनका समाज से बहिष्कार कर दिया है, इसलिए बच्चों को प्राइवेट शिक्षक से पढ़वाना पड़ रहा है और कोई उन लोगों से बातचीत नहीं करता है.
आजमनगर : थाना क्षेत्र के केलाबाड़ी पंचायत के वार्ड नंबर चार में मंदिर की भूमि नहीं छोड़ने पर कई परिवारों को समाज से बहिष्कृत कर दिया है. पंचायत के कुछ लोगों द्वारा जारी फरमान के शिकार हुए दामोदर सिंह ने बताया कि तीन महीने से उनका समाज बहिष्कार किये हुए है. इससे बच्चों को जो प्राइवेट शिक्षक से पढ़वाना पड़ रहा है और दुकानदारों को सामग्री देने तथा उनसे किसी प्रकार की बातचीत करने से मना कर दिया है. मुखिया पति सदानंद सिंह सहित अन्य के द्वारा ऐसा फरमान जारी किया गया है. पंचायत के थर्ड क्लास मजिस्ट्रेट ताराकांत सिंह के यहां अपनी तहरीर दी और इंसाफ की गुहार लगायी थी. पीड़ित परिवारों में दामोदर सिंह,
डोमन सिंह, गोपाल सिंह, मुकेश सिंह, योगेंद्र सिंह, गेनालाल सिंह, संजय सिंह ने समाज से बहिष्कृत करने का कथित आरोप मुखिया पति सदानंद सिंह के इशारे पर किया जाना बताया है. मामले में दामोदर सिंह और गोपाल शर्मा के बीच विवाद की बात भी सामने आयी पर शर्मा ने विवाद की बातों को सिरे से खारिज किया है. ग्रामीणों ने बताया कि मनोज अग्रवाल हीरा अग्रवाल के द्वारा काली मंदिर के नाम जमीन दान में दी थी. उक्त भूमि के खाली पड़ी भूमि भी मंदिर का होना बता रहे. किंतु फरमान के शिकार लोग भी उक्त भूमि पर अपना स्वामित्व जता रहे हैं. बहरहाल मामला यहां जांच का जरूर बन रहा है कि आखिर उक्त विवादित भूमि किसकी है. वहीं सरपंच ताराकांत सिंह ने बताया कि पीड़ित उक्त मामले को लेकर उनकी अदालत में आये थे. विवाद अपने अधीन होना बताया है. हालांकि उक्त भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर मंदिर कमेटी ने सीओ आजमनगर को मंदिर की भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर आवेदन देने की बात बताये हैं.