कटिहार : बिहार के कटिहार में राज्य उपभोक्ता मंच एवं बहुमुखी कल्याण सहयोग समिति के संरक्षक समरेंद्र कुणाल ने बुधवार को चिटफंड कंपनियों द्वारा धोखाधड़ी के जरिये कालाधन जमा करने के मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ममता बनर्जी पर निशाना साधा है. उन्होंने मंच की ओर से आयोजत जन-मन की बात कार्यक्रम के संबोधन में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कालाधन रखने वालों के खिलाफ कार्रवाईकर रहे हैं, मगर उन्होंने चिटफंड कंपनियों के मामले में जनता के मन की बात को संज्ञान में नहीं लिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो पर अब तक करीब 27 बार अपने मन की बात कर चुके हैं, लेकिन चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी को लेकर वे जनता के मन की बात नहीं सुन रहे हैं.
राज्य उपभोक्ता मंच के संरक्षक समरेंद्र कुणाल ने कहा कि चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी के कारण करीब 10 करोड़ लोग बरबाद हो गये हैं और करीब 20 करोड़ लोग अपने जीवन भर की गाढ़ी कमाईलुटा बैठे हैं. कुणाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चिटफंड कंपनियों के सहारे बिहार को लूटने का काम कर रही हैं. वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भाई-बहन की जोड़ी बनाकर बिहार को लूटने का काम कर रहे हैं.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समरेंद्र कुणाल ने कहा कि जनता की मन की बात प्रधानमंत्री संज्ञान में नहीं लिया. 50 दिनों के बाद पूर्वोत्तर सीमा बंद की जायेगी. उन्होंने कहा कि आंदोलन को राज्य स्तर पर खड़ा किया जायेगा. देश के 10 करोड़ लोग बरबाद हो गये हैं. 20 लाख लोग अपनी जीवन भर की गाढ़ी कमाई लुटा बैठे हैं.
पूर्व विधायक भाई दिनेश ने कहा कि प्रधानमंत्री को जनता की मन की भी बात सुननी चाहिए. सीमित समय में ज्यादा प्रलोभन देकर चिटफंड कंपनियों देश को ठग रही है. चिटफंड कंपनियों के पास भरपूर रूप से काला धन है. फिर केंद्र सरकार कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि समरेंद्र कुणाल के नेतृत्व में आंदोलन को पटना, जहानाबाद, गया, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, आरा आदि क्षेत्रों में फैलाया जायेगा. यह देश के लिए सबसे बड़ा विषय है.
इनकी प्रमुख मांगों में शामिल
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि ढाई वर्षों से रेडियो के माध्यम से मन की बात 27 बार देशवासियों को अब तक सुना चुके हैं. गरीब अपनी पीड़ा को सुनाने के लिए व्याकुल हैं. हमलोग कई वर्षों से गाढी कमाई पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. नॉन बैंकिंग कंपनियों ने देश के दस करोड लोगों का पैसा गबन कर लाखों करोड़ों की चल अचल संपत्ति बना ली है. साक्ष्य के बावजूद कार्रवाई नहीं होना कई सवालों को खड़ा करता है. सहित कई अन्य बातें पत्र के माध्यम से कही गयी है.
कटिहार में करोड़ों की हुई है ठगी कार्यालय बंद, जाकर लौट आते हैं लोग
वक्ताओं ने कहा कि कटिहार जिले में ही गरीबों से करोड़ों रुपये चिटफंड कंपनियां ठग कर गरीबों का फरार हो गयी है. लोग हर रोज बंद पड़े कार्यालय में आते हैं और लोगों से जानकारी लेते हैं कि कब उनकी जमा राशि कंपनी लौटायेगी. जिले में प्रयाग, शारदा, रोज वेली सहित दर्जन भर से अधिक चिटफंड कंपनियों के कार्यालय संचालित हो रहे थे.
उनके कार्यालय को देखकर लगता था कि गरीबों को कम समय में दोगुनी राशि मुहैया करायेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. सरकार व प्रशासन के लोगों को कई बार इस दिशा में पहल करने व कार्रवाई करने के लिए लिखा गया लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है. चिटफंड कंपनियों के मालिक मालामाल हो गये जबकि गरीबों का सब कुछ लूट चुका है. वक्ताओं ने कहा कि यदि सरकार गरीबों की आवाज को नहीं सुनेगी तो बड़ा आंदोलन खड़ा किया जायेगा.
मौके पर जुटे लोग व मंचासीन वक्ता.