िबहार में खप रही बंगाल व झारखंड से लायी शराब
कटिहार में शराबबंदी बेअसर कटिहार : बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद भी कटिहार में शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. हालांकि शराब पीने वालों तथा शराब बेचने वालों के विरुद्ध उत्पाद विभाग व जिला पुलिस बल जिले में संयुक्त रूप से भी छापेमारी कर रही है. जिले में शराब बेचने व शराब […]
कटिहार में शराबबंदी बेअसर
कटिहार : बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद भी कटिहार में शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. हालांकि शराब पीने वालों तथा शराब बेचने वालों के विरुद्ध उत्पाद विभाग व जिला पुलिस बल जिले में संयुक्त रूप से भी छापेमारी कर रही है. जिले में शराब बेचने व शराब पीने वालों के विरुद्ध जिला पुलिस ने अबतक बीते एक अप्रैल से 1050 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. बावजूद जिले में देशी व विदेशी शराब धड़ल्ले से बिक रही है. शराब पीने व बेचने को लेकर बरारी थाना व कोढ़ा थाना क्षेत्र से भी कुछ आवेदन एसपी के जनता दरबार में दिया गया था, जिसे लेकर एसपी के निर्देश पर कार्रवाई भी की गयी.
शराबबंदी का असर नहीं : बिहार में पूर्ण शराब बैन के बाद भी जिले में शराब उपलब्ध हो रही है. अंतर यह रह गया है कि पहले शराब कम कीमत में उपलब्ध हो जाती थी अब है कि उस शराब के लिए तीन गुनी कीमत लोगों को चुकानी पड़ती है. पश्चिम बंगाल व झारखंड कटिहार की सीमावर्ती सटे रहने के कारण कटिहार में कुछ हल्की परेशानी से शराब उपलब्ध हो जाता है. इसमें झारखंड के बदले पश्चिम बंगाल निर्मित विदेशी व देसी शराब पर्याप्त मात्रा में कटिहार में उपलब्ध हो जाती है. इसके लिए ट्रेन, सड़क मार्ग व जल मार्ग तीनों रास्तों का प्रयोग शराब तस्कर करते हैं. हालांकि राज्य सरकार के निर्देश पर जिले में शराब तस्करों से निबटने के लिए कई पुलिस चौकियों का निर्माण तथा मुख्य मार्ग पर बैरिकेडिंग कर तलाशी जारी है बावजूद जिले में धड़ल्ले से शराब मिल रही है.
शराब के लिए ट्रेन है सुगम साधन : हालांकि सड़क मार्ग से शराब तस्कर ट्रेन को ही सुगम मार्ग के रूप में चुनते हैं. तस्कर कहीं अन्यत्र बैठते हैं और शराब कही और रहती है. इस कारण तस्कर को पकड़ाने का भी भय नहीं रहता है. थोड़ी सी रिस्क लेकर बड़ी आसानी से बंगाल से कटिहार शराब लेकर आ जाते हैं. अगर इस दरम्यान ट्रेन में चेकिंग में शराब धरा गयी तो आरोपित का फंसने का किसी प्रकार का भय नहीं रहता है. इसका परिणाम यह है कि बीते अप्रैल माह से कटिहार जीआरपी व आरपीएफ ने सात सौ से आठ सौ लीटर देसी व विदेशी शराब को जब्त किया है. इसमें अधिकांश अनक्लेम्ड शराब को लेकर ही प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
1000 से 1200 में होती है शराब उपलब्ध : जिले में विदेशी शराब गरीब से निश्चित दूर हो गयी है. लेकिन धनवान व रईस लोग इसे आसानी से प्राप्त कर लेते है. बिहार में मद्य निषेध का असर यह है कि अब चौक चौराहों पर शराब पीने वालों का जमावड़ा नहीं लगता. गरीब व रोजमर्रा के कार्य करने वाले लोगों से अब शराब दूर हो गयी है. लेकिन धनाढ्य लोग शराब के लिए शराब की कीमतों से दो गुनी तीन गुनी तीगुणी राशि अधिक देकर शराब का मजा अब भी ले रहे हैं.
अबतक एक हजार से अधिक लोग शराब बेचने व पीने के आरोप में गिरफ्तार हुए हैं. बंगाल से सटे क्षेत्र में उत्पाद पुिलस व िजला पुिलस छापेमारी कर रही है. शीघ्र ही जिले में पूर्ण रूप से शराबबंदी हो जायेगी.
अरुण कुमार िमश्रा, उत्पाद अधीक्षक