मेडिकल कचरे के ढेर पर कटिहार
कटिहार : केंद्र सरकार एक ओर जहां स्वच्छ भारत बनाने के लिए कई कार्यक्रमों द्वारा लोगों को जागरूक कर रही है. वहीं दूसरी ओर कटिहार शहर में मेडिकल कचरे का हर जगह अंबार लगा हुआ है. इससे लोगों के बीमार पड़ने का खतरा उत्पन्न हो गया है. मेडिकल कचरा को नष्ट करने की दिशा में […]
कटिहार : केंद्र सरकार एक ओर जहां स्वच्छ भारत बनाने के लिए कई कार्यक्रमों द्वारा लोगों को जागरूक कर रही है. वहीं दूसरी ओर कटिहार शहर में मेडिकल कचरे का हर जगह अंबार लगा हुआ है. इससे लोगों के बीमार पड़ने का खतरा उत्पन्न हो गया है.
मेडिकल कचरा को नष्ट करने की दिशा में न जिला प्रशासन गंभीर है न ही नगर स्वास्थ्य विभाग इस ओर कोई कदम उठा रहा है, जिससे सदर अस्पताल सहित शहर में कुकुरमुत्ते की तरह उग आये नर्सिंग होम के आसपास मेडिकल कचरे का अंबार लगा हुआ है. शहर में छोटे से छोटे स्थानों पर भी क्लिनिक, पैथोलॉजी, अस्पताल आदि का निर्माण हो रहा है. इन मेडिकल संस्थानों से अपार मात्रा में मेडिकल कचरा का निर्माण होता है. जो की स्वस्थ लोगों में भी भयानक बीमारियों को जन्म देता है. कटिहार शहर में विभिन्न क्लीनिकों, अस्पतालों, पैथोलॉजी आदि के द्वारा बहुत मात्रा में मेडिकल कचरा उत्पन्न हो रहा है. जिसके रख रखाव एवं रिसाइकिल का कोई प्रबंध न ही अस्पताल प्रबंधन के द्वारा होता है और न ही जिला प्रशासन व नगर निगम के द्वारा ही किया जा रहा है.
यही वजह है कि शहर में जिस होकर आप गुजर जायेंगे वहां मेडिकल कचरों का अंबार दिख जायेगा. गौरतलब हो कि शहर में प्रतिदिन एक क्विंटल से अधिक मेडिकल कचरा बनता है. इसे नष्ट करने के लिए कई तकनीक आयी है लेकिन इस तकनीक से मेडिकल कचरा को नष्ट करने की मशीन यहां नहीं लग पायी है.
क्या है मेडिकल कचरा : विभिन्न अस्पतालों, हेल्थ केयर, क्लिनिक, पैथोलॉजी, फिजिशियन, दंत चिकित्सक, ब्लड बैंक, मेडिकल रिसर्च एवं कॉलेजों, प्रयोगशाला से प्राप्त कचरा मेडिकल कचरा है. ऑपरेशन एवं रोगी के इलाज के दौरान निकला ब्लड, कोशिका, बैंडेज, सिरिंच, दवाई की पत्ती व बोतल आदि से यह बनता है. इसको जैसे तैसे जहां तहां फेंक दिये जाने की वजह से बीमारी उत्पन्न होने का खतरा बना रहता है.