गुहार. मूक-बधिरों का तीन वर्षों से नहीं बन रहा है प्रमाण पत्र
Advertisement
सर, खा रहे दर-दर की ठोकरें
गुहार. मूक-बधिरों का तीन वर्षों से नहीं बन रहा है प्रमाण पत्र समाज कल्याण विभाग ने नि:शक्तों की समस्याओं के समाधान का निर्देश चार वर्ष पूर्व दिया था. लेकिन इसका अनुपालन नहीं हो रहा है. कटिहार : सामाजिक न्याय व सुशासन का दावा करने वाली नीतीश सरकार में नि:शक्तजनों को योजनाओं के लाभ से वंचित […]
समाज कल्याण विभाग ने नि:शक्तों की समस्याओं के समाधान का निर्देश चार वर्ष पूर्व दिया था. लेकिन इसका अनुपालन नहीं हो रहा है.
कटिहार : सामाजिक न्याय व सुशासन का दावा करने वाली नीतीश सरकार में नि:शक्तजनों को योजनाओं के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है. जिले के नि:शक्तजनों को अपनी नि:शक्तता साबित करने के लिए भी दर-दर की ठोकर खानी पड़ती है. नि:शक्तता में भी मूक-बधिर श्रेणी के नि:शक्तजनों की समस्या और विकराल है. वर्षों से कटिहार जिले में मूक बधिर को नि:शक्तता प्रमाणपत्र नहीं मिलने की वजह से उन्हें योजनाओं के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है.
शनिवार को करीब चार दर्जन से अधिक नि:शक्तजन अचानक जिला पदाधिकारी ललन जी से मिलने समाहरणालय पहुंच गये. हालांकि डीएम के दूसरे कार्यों में व्यस्त रहने की वजह से नि:शक्तजन उनसे नहीं मिल पाये. लेकिन नि:शक्तजनों की भीड़ को देखते हुए सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक अक्षय रंजन पहुंच कर नि:शक्तजनों की समस्याएं सुनी.
कोसी क्षेत्रीय दिव्यांग, विधवा वृद्ध कल्याण समिति कटिहार के जिला सचिव शिव शंकर रमाणी के नेतृत्व में नि:शक्तजनों की समस्याओं को लेकर समाहरणालय पहुंचे नि:शक्तजनों ने सहायक निदेशक को अपनी समस्याओं से अवगत कराया. साथ ही यह भी कहा कि अगर 15 फरवरी तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो समाहरणालय गेट पर जिलेभर के नि:शक्तजन धरना प्रदर्शन के साथ-साथ मुख्यमंत्री का पुतला दहन भी करेंगे. नि:शक्तजनों ने 17 सूत्री मांग पत्र भी सहायक निदेशक को सौंपा. नि:शक्तजनों ने बताया कि दस महीने से दिव्यांगों को खाता नहीं रहने की वजह से पेंशन राशि नहीं मिली है
. मूक-बधिर के चिकित्सक सदर अस्पताल में होने के बावजूद उन्हें नि:शक्तता प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हो रहा है. कटिहार जिले में पिछले तीन वर्षों से मूक-बधिरों को नि:शक्तता प्रमाण पत्र नहीं मिला है.
नि:शक्तता प्रमाण पत्र बनाने में करनी पड़ती है मशक्कत, नहीं सुनते अिधकारी
नि:शक्तजनों ने बताया कि नि:शक्तता प्रमाण पत्र बनाने में कई तरह की परेशानी है. चिकित्सक अपने तरीके से छह महीना, चार महीना का समय निर्धारित करते हैं. ऐसे में नि:शक्तजनों को प्रमाण पत्र के अभाव में योजना से वंचित होना पड़ रहा है. बिहार नि:शक्तता पेंशन योजना में कुरसेला, आजमनगर, प्राणपुर, डंडखोरा आदि प्रखंड में नि:शक्तता प्रमाण पत्र पर वैधता (वेलिड) लिखे होने की वजह से नि:शक्तजनों को पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
15 फरवरी तक समाधान नहीं होने पर आंदोलन : नि:शक्तजनों ने शनिवार को सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक को साफ-साफ कह दिया है कि उनकी 17 सूत्री मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 15 फरवरी से चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जायेगा. नि:शक्तजनों का प्रतिनिधित्व कर रहे श्री रमानी ने बताया कि कई बार पूर्व में भी डीएम को विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया गया. नि:शक्तजनों के लिए कानून, नीति व योजना होने के बावजूद उसका क्रियान्वयन नहीं हो रहा है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement