लाखों की लागत से बनी जलमीनार बेकार

उदासीनता. लोगों को नहीं मिल रहा शुद्ध पेयजल, िवभागीय अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान शहरी क्षेत्र में लाखों की लागत से बनी दो जलमीनारें बेकार पड़ी हैं. पिछले तीन वर्षों से जलमीनार लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमंडल व नगर निगम के बीच फंसा हुआ है. कटिहार : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विकसित बिहार के सात निश्चय के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 3, 2017 1:44 AM

उदासीनता. लोगों को नहीं मिल रहा शुद्ध पेयजल, िवभागीय अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

शहरी क्षेत्र में लाखों की लागत से बनी दो जलमीनारें बेकार पड़ी हैं. पिछले तीन वर्षों से जलमीनार लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमंडल व नगर निगम के बीच फंसा हुआ है.
कटिहार : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विकसित बिहार के सात निश्चय के तहत बिहारवासियों को नल का जल देने की मुहिम पर भले ही काम चल रहा हो, लेकिन कटिहार में पहले से तैयार जलापूर्ति योजना का लाभ लोगों को पहुंचाने में सरकार नाकाम हुई है. सरकार अपनी प्राथमिकता के आधार पर हर घर जल का नल संकल्प के साथ जोर शोर से काम करने में जुटी है, जबकि कटिहार शहरी क्षेत्र में लाखों की लागत से बना दो-दो जलमीनार बेकार पड़ा है. पिछले तीन वर्षों से जलमीनार लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमंडल व नगर निगम के बीच फंसा हुआ है. उल्लेखनीय है कि जलापूर्ति योजना के तहत नगर विकास व आवास विभाग के द्वारा शहरी क्षेत्र के मिरचाइबाड़ी व गामी टोला में दो जलमीनार तैयार किया गया. साथ ही पाइप लाइन भी बिछाया गया.
सब कुछ होने के बावजूद स्थानीय लोगों को इस जलमीनार का लाभ नहीं मिल रहा है. हालांकि स्थानीय विधायक तारकिशोर प्रसाद व अन्य जनप्रतिनिधियों ने कई बार जलमीनार की उपयोगिता सिद्ध करने को लेकर सरकार से मांग भी की. विधायक ने विधान सभा में भी यह मामला उठाया, लेकिन स्थिति अब भी जस की तस बनी हुई है. कुछ दिनों बाद गरमी का मौसम आने वाला है. ऐसे में लोगों को सुरक्षित पेयजल की जरूरत होगी, लेकिन ऐसा लगता है कि इस बार भी शहरवासी को सुरक्षित पेयजल नसीब नहीं होगा. लाखों रुपये की लागत से जलमीनार फिलहाल बेकार साबित हो रहा है.
हालांकि लोक स्वास्थ्य प्रमंडल की माने तो नगर निगम प्रशासन को जल आपूर्ति करनी है. वहीं नगर निगम प्रशासन के अनुसार राज्य सरकार इसके लिये अलग से व्यवस्था करनी जानी चाहिये. बहरहाल पीएचइडी व नगर निगम के चक्कर में शहरवासी का हलक सूख रहा है.
लोगों के सूख रहे हलक
जलापूर्ति योजना के तहत शहरी क्षेत्र में बनाये गये दोनों जलमीनार फिलहाल सफेद हाथी साबित हो रहा है. शहर के मिरचाइबाड़ी में आइटीआइ के पास जलमीनार बनाया गया है. इसी के समीप स्थानीय विधायक का आवास भी है, जबकि दूसरी तरफ गामी टोला में लोक स्वास्थ्य प्रमंडल कार्यालय परिसर में दूसरा जलमीनार बनाया गया है. इसी के समीप सांसद का आवास है. विधायक, सांसद के आवास के बावजूद दोनों जलमीनार का पानी लोगों को नहीं मिल पा रहा है, जबकि जलमीनार का निर्माण दो तीन साल पूर्व ही पूरा हो चुका है. पाइप लाइन भी संबंधित क्षेत्र में बिछा दी गयी है. उसके बावजूद स्थानीय लोगों को पानी का लाभ नहीं मिल रहा है. हालांकि विभागीय स्तर पर कभी-कभी टंकी में पानी छोड़कर पाइप लाइन के द्वारा आपूर्ति की जाती है. अगल-बगल के लोग उस पानी का कभी-कभी उपयोग भी कर लेते हैं. कभी-कभी पानी सड़कों पर पसर भी जाता है, लेकिन औपचारिक व समुचित रूप से शहरवासी को जलमीनार का सुरक्षित पानी नसीब नहीं हो रहा है. हालांकि स्थानीय विधायक तारकिशोर प्रसाद ने दोनों पानी टंकी की जलापूर्ति को लेकर विधानसभा में भी कई बार सवाल उठाया है, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई है.
विभागीय पेच में फंसा है मामला
दोनों जलमीनार को चालू करने का मामला सरकारी पेच में फंसा हुआ है. जलमीनार तैयार करने वाली एजेंसी लोक स्वास्थ्य प्रमंडल की माने तो उनकी जिम्मेदारी जलमीनार तैयार करना व पाइप लाइन बिछाना तक था. लोगों को जलापूर्ति कराने की जिम्मेदारी नगर निगम की है. इधर, नगर निगम का कहना है कि शहरवासी को उन्हें सुरक्षित पेयजल देना है. दोनों जलमीनार से सुरक्षित जल देने की गारंटी नहीं है. साथ ही राज्य सरकार शहरी क्षेत्र के जलमीनार को चालू कराने के लिए नई नीति बना रही है. जिसके तहत जल पर्षद का गठन किया जायेगा. जल पर्षद के द्वारा ही दोनों जलमीनार का संचालन आने वाले दिनों में होगा.
नहीं मिल रहा है शुद्ध पेयजल
जलमीनार बन जाने के बाद भी लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है. ऐसे में लोग सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विकसित बिहार के सात निश्चय के तहत जहां हर घर जल का नल पहुंचाने के लिए गांव-गांव घूम कर जायजा ले रहे हैं वहीं अधिकारियों की उदासनीता के कारण आमलोगों को शहर में ही शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है. जबकि शहरी क्षेत्र में लाखों से बनी दो जलमीनार शोभा की वस्तु बना हुआ है. लोग कह रहे हैं कि सबकुछ तैयार होने के बावजूद शहरी क्षेत्र के लोगों को आयरणयुक्त पानी पीना का उपयोग करना पड़ रहा है.
शहरी क्षेत्र के दोनों जलमीनार के बारे में सांसद तारिक अनवर ने कहा कि राज्य सरकार की उदासीनता की वजह से शहरी क्षेत्र की दोनों जलमीनार का लाभ स्थानीय क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल रहा है. जलापूर्ति योजना के तहत बनाये गये जलमीनार का लाभ लोगों को हर हाल में मिलना चाहिये. पीएचइडी व नगर निगम के बीच फंसे मामले को सरकार के स्तर से समाधान होना चाहिये. वह भी इस दिशा में शीघ्र ही विभागीय मंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे.
सरकार का इरादा ठीक नहीं: विधायक
स्थानीय विधायक तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री सात निश्चय के तहत हर घर नल का जल पहुंचाने की बात कर रहे हैं. दूसरी तरफ कटिहार में बना दोनों जलमीनार बेकार पड़ा है. कई बार उनके द्वारा इस मामले को विधानसभा में भी उठाया गया. मुख्यमंत्री व विभाग को भी पत्र लिखा गया, लेकिन अब तक शहरवासी को जलमीनार से सुरक्षित पानी नहीं मिल पाया है. उनके ही प्रयास से नगर विकास एवं आवास विभाग के द्वारा जलापूर्ति योजना के तहत दोनों जलमीनार बनाया गया है.

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